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MP News: मध्य प्रदेश में अपराध की जांच अब पूरी तरह बदल जाएगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 51 मोबाइल फॉरेंसिक वैन को रवाना किया। यह वैन अब सीधे घटना वाली जगह पर पहुंचेगी। इसमें मौजूद आधुनिक मशीनें तुरंत सबूतों की पहचान कर लेंगी।
अब जांच केवल डॉक्यूमेंट और पुराने तरीकों तक सीमित नहीं रहेगी। नए नियमों में 7 साल से ज्यादा सजा वाले केस में फॉरेंसिक जांच जरूरी है। इससे अब लैब की लंबी रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना होगा। इस वैन की खासियत जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें...
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चलती-फिरती लैब से कम नहीं
इन मोबाइल फॉरेंसिक वैन (mobile forensic van) को चलती-फिरती लैब की तरह तैयार किया गया है। एक वैन की कीमत लगभग 65 लाख रुपए बताई जा रही है। इसमें विशेषज्ञों के लिए हर वो औजार मौजूद है जो एक अपराधी को पकड़ने के लिए जरूरी होती है।
वैन में क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?
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- मौके पर ही जैविक सैंपल्स (खून और सीमेन) की जांच हो जाएगी।
- उंगलियों और जूतों के निशान लेने के लिए एडवांस किट भी है।
- ड्रग्स और नशीला चीजों को तुरंत पकड़ने वाली मशीनें भी रखी गई है।
- हथियारों और बारूद की सटीक जांच करने के टूल्स भी हैं।
- बम या धमाके की जांच के लिए खास सामान है।
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मौके पर होगा सबूतों का फैसला👉 CM ने 51 हाईटेक फॉरेंसिक वैन शुरू की हैं, जो सीधे घटना वाली जगह पहुंचेंगी। 👉 खून, नशा और हथियारों की जांच अब मौके पर ही मशीनों से हो जाएगी। 👉 अब बड़े पुलिस अफसरों को ऑफिस छोड़कर फील्ड में भी जांच के लिए उतरना होगा। 👉 महिलाओं की सुरक्षा और नक्सल इलाकों में विकास के साथ भरोसा जीतने पर जोर दिया। 👉 अब सबूत लैब जाने तक खराब नहीं होंगे, जिससे अपराधियों को कड़ी सजा मिल सकेगी। | |
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पुलिस को देखकर लोगों में डर नहीं...विश्वास पैदा हो
वैन को रवाना करने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि अब अफसरों को केवल ऑफिस में बैठने से काम नहीं चलेगा।
डीजी और आईजी स्तर के अधिकारियों को भी अब फील्ड में उतरना होगा। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए कि वे समय-समय पर थानों का औचक निरीक्षण (बिना बताए जांच) करें।
सीएम ने ये भी कहा कि पुलिस का व्यवहार जनता के प्रति नरम होना चाहिए। लोगों के मन में पुलिस को देखकर डर नहीं, बल्कि विश्वास पैदा होना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया के दौर में पुलिस को अपनी उपलब्धियां जनता तक पहुंचाने की सलाह भी दी।
महिला सुरक्षा और नक्सलवाद पर कड़ा रुख
मुख्यमंत्री ने ऐसे इलाकों में पुलिस को पैट्रोलिंग बढ़ाने को कहा है, जहां महिलाओं के साथ अपराध होने का खतरा ज्यादा है। साथ ही, नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए भी एक खास रणनीति तैयार करने की बात की है।
सीएम मोहन यादव का मानना है कि सिर्फ बंदूक से नक्सलवाद खत्म नहीं किया जा सकता। इन इलाकों में विकास और सरकारी योजनाओं का असर दिखाना बहुत जरूरी है। इससे नक्सलवाद की जड़ें खत्म हो सकती हैं। पुलिस को वहां लोगों का विश्वास जीतने के लिए एक्टिव रहकर काम करना होगा और सुरक्षा के इंतजाम भी पहले से और मजबूत करने होंगे।
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एमपी पुलिस की हाईटेक जांच
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि पुलिस मौके से सबूत तो इकट्ठा करती है, लेकिन लैब तक पहुंचते-पहुंचते वो खराब हो जाते हैं। कई बार फॉरेंसिक रिपोर्ट कमजोर होने की वजह से बड़े अपराधी कोर्ट से छूट जाते हैं। लेकिन अब फॉरेंसिक एक्सपर्ट खुद वैन लेकर मौके पर जाएंगे और वे वैज्ञानिक तरीके से सबूतों को सुरक्षित करेंगे।
मध्य प्रदेश पुलिस अब तकनीकी मामले में देश में सबसे आगे है। यह नई व्यवस्था जांच को ज्यादा साफ-सुथरा और प्रभावी बनाएगी। इससे हमारी न्याय व्यवस्था पहले से और मजबूत होगी।
ध्यप्रदेश मुख्यमंत्री मोहन यादव | फॉरेंसिक लैब
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