संजय गुप्ता, INDORE. एमपीपीएससी ( MP PSC ) के राज्य सेवा परीक्षा 2023 मेन्स के उम्मीदवार एक बार फिर असमंजस में हैं। जबलपुर हाईकोर्ट ( Jabalpur High Court ) ने राज्य सेवा प्री 2023 ( MPPSC ) के तीन प्रश्नों को लेकर लगी याचिका पर आयोग की कार्यशैली पर तल्ख टिप्पणी दी है और याचिकाकर्ता उम्मीदवार को मेन्स बैठने के आदेश भी दे दिए हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई 12 मार्च को होना है लेकिन उधर मेन्स 11 से 16 मार्च तक आयोजित हो रही ( PSC ) है।
क्यों हैं असमंजस में
अब उम्मीदवार इस मामले ( MPPSC ) में असमंजस में है कि यदि जबलपुर हाईकोर्ट ( Jabalpur High Court ) तीन प्रश्नों को लेकर कोई आदेश जारी करता है तो फिर यह कई उम्मीदवारों के अंतिम रिजल्ट को प्रभावित करेगा, यानि प्री के रिजल्ट में बड़ा बदलाव संभावित है। साथ ही जो बार्डर में उम्मीदवार हैं, वह मेंस के लिए पात्र हो जाते हैं। फिर मेंस ( MP PSC ) का क्या होगा? क्योंकि हाईकोर्ट का आदेश 12 मार्च को आता भी है तो जो पात्र घोषित उम्मीदवार होंगे वह मेंस में कैसे बैठ पाएंगे? ऐसे में पात्र उम्मीदवार हाईकोर्ट से यह भी मांग करेंगे कि उन्हें परीक्षा में बैठने दिया जाए।
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अब विधिक रूप से क्या संभव
1- जबलपुर हाईकोर्ट ( Jabalpur High Court ) में गए याचिकाकर्ता इस मामले में जल्द फैसला देने का आवेदन लगाएं, यदि मेंस ( MPPSC ) के पहले उम्मीदवारों के हित में फैसला आता है तो आयोग के पास दो ही विकल्प होंगे या तो वह अपील में जाएं और स्टे ले या फिर मेंस को आगे बढ़ाए।
2- यदि 12 मार्च के बाद फैसला आता है तो फिर पात्र उम्मीदवारों को यह भी आवेदन करना होगा कि मेंस हो चुकी है तो उनके लिए स्पेशल मेंस कराई जाए। हालांकि आयोग के पास इसमें भी विकल्प रहेगा कि वह अपील में जाकर स्टे ले।
3- एक तीसरा विकल्प है जो सभी उम्मीदवारों के हित में भी होगा, कि आयोग मेंस को आगे बढाए और हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करे। यदि तीन प्रश्नों को लेकर हाईकोर्ट का फैसला आयोग के विपरीत आता है तो फिर प्री के रिजल्ट में बदलाव करना होगा और नए सिरे से पात्रों को मेंस के फार्म भराने होंगे। ऐसे में फैसले का इतंजार करके आगे बढेंगे तो मेंस की तारीख बढ़ाने की मांग करने वाले उम्मीदवारों सहित सभी को लाभ होगा। साथ ही राज्य सेवा 2023 ( MP PSC ) के लिए आगे जाकर लिटिगेशन की समस्या भी नहीं आएगी।
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जो बार्डर पर अटके वह उम्मीदवार क्या करें?
कई उम्मीदवारों के फोन, संदेश द सूत्र के पास आए हैं कि वह एक-दो नंबर से अटक गए हैं। इसमें उम्मीदवारों को विधिक सलाह ही लेना चाहिए, यदि वह भी इन्हीं तीन प्रश्नों को लेकर उलझे हैं जो याचिका में लगे हैं, वह कानूनी सलाह लेकर एक याचिकाकर्ता के हित में आए फैसले का आधार लेकर खुद भी कोर्ट की शरण में जा सकते हैं। लेकिन निश्चित रूप से यह मानसिक रूप के साथ ही आर्थिक रूप से भी परेशान करने वाला मामला तो रहेगा ही। जो नहीं जा सकते उन्हें हाईकोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार करना होगा।
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द सूत्र की यही अपील पढ़ाई पर फोकस कीजिए
द सूत्र लगातार यही अपील करता है कि युवा अपनी तैयरी, पढ़ाई पर ही फोकस करें। मेंस की तारीख बढ़ेगी या नहीं बढ़ेगी इसके बारे में सोचना बंद करके 11 मार्च से ही मेंस होने पर फोकस करें। किसी तरह के भ्रम में नहीं रहें, क्योंकि कानूनी मामले में कोई कुछ नहीं कह सकता है कि फैसला क्या होगा और दूसरी बात सभी पक्षों को अपील में जाकर स्टे लेने का भी अधिकार होता है, ऐसे में यह लड़ाई लंबी चलती है। साल 2021 की राज्य सेवा परीक्षा में यही हुआ था, जिस पर आज तक कोई फैसला नहीं आया और अब इसी परीक्षा के अप्रैल 2023 में इंटरव्यू आयोजित कर अंतिम नियुक्ति भी जून 2023 तक हो जाएगी।