दस्तक अभियान में लापरवाहीः कुपोषण ने फिर छीनी मासूम की जान, सीएमएचओ ने जारी किया नोटिस

दस्तक अभियान में लापरवाही से चार महीने के हुसैन रजा की मौत ने सिस्टम की हकीकत उजागर कर दी है। CMHO ने जिम्मेदारों को नोटिस जारी कर दिया है। वही, कुपोषण (Malnutrition) पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

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Amresh Kushwaha
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SATNA. मध्य प्रदेश के सतना जिले से कुपोषण से जूझ रहे बच्चे के मौत का मामला समने आया है। यहां के जिला अस्पताल में चार महीने के हुसैन रजा ने सोमवार, 20 अक्टूबर की सुबह 11 बजे दम तोड़ दिया। परिजन उसे 18 अक्टूबर को अस्पताल लाए थे। ओपीडी (OPD) में डॉ. संदीप द्विवेदी ने हालत गंभीर देख तुरंत पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (PICU) में भर्ती कराया था। रजा का वजन सिर्फ ढाई किलो था, जबकि इस उम्र में कम से कम 5 किलो या उससे अधिक होना चाहिए।

बीमारी से लड़ने की ताकत ही नहीं बची

डॉक्टरों के अनुसार कुपोषण की वजह से बच्चे की इम्युनिटी (Immunity) बहुत कमजोर हो गई थी। इसी कमजोरी के कारण उसे निमोनिया (Pneumonia) और अन्य इंफेक्शंस ने घेर लिया था। तमाम कोशिशों के बावजूद मासूम को बचाया नहीं जा सका।

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जिम्मेदारों को CMHO ने दिया नोटिस

मामला सामने आने के बाद सीएमएचओ (CMHO) डॉ. एल.के. तिवारी ने कार्रवाई तेज कर दी। उन्होंने सेक्टर मेडिकल ऑफिसर पीएचसी खुटहा डॉ. एसपी श्रीवास्तव, आशा कार्यकर्ता मरवा उर्मिला सतनामी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता उपस्वास्थ्य केंद्र मरवा लक्ष्मी रावत और सेक्टर सुपरवाइजर राजकिशोर शुक्ला को नोटिस जारी किया है।

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जन्म के समय 3 किलो, तो फिर गिरावट कैसे?

सीएमएचओ ने पूछताछ में यह भी सवाल उठाया कि हुसैन रजा का जन्म 2 जुलाई 2025 को हुआ था। जन्म के समय उसका वजन 3 किलो था। फिर जुलाई से सितंबर तक चले दस्तक अभियान (Dastak Campaign) में उसे कुपोषित की श्रेणी में क्यों नहीं पहचाना गया? वहीं इस मामले में नियमित फॉलोअप (Follow-up) और टीकाकरण (Vaccination) में भी लापरवाही सामने आई है।

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