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मध्यप्रदेश के सीधी जिले में एक नया फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां कुछ लोग लाड़ली बहना योजना के नाम पर गरीब लोगों से पैसे वसूल रहे हैं। इसमें वे घर-घर जाकर स्वच्छ भारत - लाड़ली बहना (Swachh Bharat-Ladli Behen) लिखी नेम प्लेटें लगा रहे हैं। साथ ही, वे लोगों से इसके लिए 50-50 रुपए भी ले रहे हैं। वहीं, ठगों ने स्थानीय लोगों को यह बताया कि यह काम सरकार के जरिए अनिवार्य किया गया है।
जनपद सीईओ से जारी करवा लिया फर्जी आदेश
ठगों ने लोगों से दवा किया कि जनपद पंचायत से एक आदेश जारी किया गया है। इसमें यह कहा गया है कि घर-घर पर स्वच्छ भारत और लाड़ली बहना की नेम प्लेट लगाई जाए।
हालांकि, कांग्रेस विधायक अजय सिंह (Congress MLA Ajay Singh) ने इस मुद्दे पर सवाल उठाए और प्रशासन पर भाजपा के प्रचार का आरोप लगाया। वहीं, जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि यह मामला फर्जी है। जांच में यह भी पता चला कि बिहार के कुछ लोग जनपद सीईओ से मिलकर यह आदेश जारी करा रहे थे।
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फर्जी आदेश का खुलासा
इस आदेश में कार्यालय उपखंड अधिकारी शब्द था। यह मध्य प्रदेश की प्रशासनिक भाषा में नहीं, बल्कि बिहार में इस्तेमाल होता है। इससे यह शक हुआ कि यह आदेश बाहर से तैयार कराया गया है। सूत्रों के अनुसार, यह नेटवर्क पहले भी जनपद और पंचायत कार्यालयों में फर्जी लेटर लगवाकर काम कराता रहा है।
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लाड़ली बहना योजना के नाम पर ठगी वाली खबर पर एक नजर...
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प्लेट लगाने के लिए था आदेश, लेकिन बदला नाम
सीधी जिले के कोतवाली टीआई कन्हैया सिंह बघेल ने पुष्टि की कि इस तरह के लोग सरकारी मुहर लगवाकर आदेश प्राप्त कर लेते हैं। असल में, जनपद सीईओ का आदेश स्वच्छता से संबंधित नेम प्लेटों को लगाने के लिए था। इसमें स्वच्छ गांव, बेटी बचाओ, नशे से बचो, वृक्ष लगाओ जैसे नेम प्लेट शामिल थे। इसके बदले 50 रुपए लिए जाने थे।
हालांकि, लोग इन प्लेटों को लगाने से मना कर सकते थे। इस आदेश में लाड़ली बहना योजना का कोई जिक्र नहीं था। वहीं, ठेकेदारों ने इन प्लेटों पर लाड़ली बहना छपवाकर घर-घर जाकर लगाने शुरू कर दिए। साथ ही, हर घर से 50-50 रुपए वसूलने लगे।
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सरकार की कार्रवाई का झांसा देने की कोशिश
इस मामले में कोटवार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ता तक को शामिल किया जा रहा है, ताकि यह पूरी कार्रवाई सरकारी (government) दिखे। इसने इस पूरे फर्जीवाड़े को और भी संगठित बना दिया।
जिला पंचायत सीईओ ने शुरू की जांच
जिला पंचायत सीईओ शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि यह आदेश कैसे जारी हुआ, यह जांच का विषय है। उन्होंने जनपद सीईओ से इस संबंध में जवाब मांगा है। हालांकि, जनपद सीईओ चंदुलाल पानिका ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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