MP में SIR की शुरुआत, 4 नवंबर से घर-घर होगी वोटर्स की गिनती; 5 करोड़ 74 लाख लोगों तक पहुंचेगा चुनाव आयोग

मध्यप्रदेश और देश के 12 राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इस अभियान के तहत वोटर लिस्ट को अपडेट किया जाएगा। नए नाम जोड़े जाएंगे और गलत पंजीकरण सुधारे जाएंगे।

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The Sootr
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BHOPAL. 21 साल बाद देशभर में मतदाता सूची का बड़ा अपडेट शुरू हो गया है। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद मध्यप्रदेश समेत देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इस अभियान के तहत वोटर लिस्ट को अपडेट किया जाएगा। नए नाम जोड़े जाएंगे। गलत पंजीकरण को सुधारा जाएगा।

प्रदेश में 4 नवंबर से घर-घर वोटर्स की गिनती शुरू होगी। यह प्रक्रिया एक महीने यानी 4 दिसंबर 2025 तक चलेगी। मध्यप्रदेश में चुनाव आयोग 5 करोड़ 74 लाख से ज्यादा लोगों तक पहुंचेगा और उनका वेरिफिकेशन किया जाएगा। पिछली बार ऐसा व्यापक पुनरीक्षण साल 2002-2004 में हुआ था। यानी करीब 21 साल बाद अब यह प्रक्रिया दोबारा शुरू हो रही है। 

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CEO ने पार्टियों के साथ की बैठक 

एसआईआर के सिलसिले में मंगलवार, 28 अक्टूबर को भोपाल में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) आईएएस संजीव कुमार झा ने पॉलिटिकल पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर जानकारी साझा की। एसआईआर यानी वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण 28 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलेगा। इस दौरान हर विधानसभा क्षेत्र में घर-घर जाकर मतदाताओं का डेटा अपडेट किया जाएगा। बूथ स्तर अधिकारियों (BLOs) को यह जिम्मेदारी दी गई है कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए और कोई भी अपात्र नाम सूची में न रहे। 

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एमपी में क्यों पड़ी जरूरत? 

चुनाव आयोग ने पाया कि लगातार तबादले, मृत मतदाताओं के नाम हटाने में लापरवाही और डुप्लीकेट पंजीकरण जैसी समस्याओं से वोटर लिस्ट की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी। इन्हीं खामियों को दूर करने के लिए SIR को जरूरी माना गया। 
अभी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में 5.74 करोड़ वोटर्स हैं। 65 से ज्यादा मतदान केंद्र हैं। 1.19 लाख से ज्यादा बूथ लेवल अधिकारी यानी BLOs, 762 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी EROs और 55 जिला निर्वाचन अधिकारी DEOs हैं। ये सभी एसआईआर के काम में जुट गए हैं। 

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कौन बन सकता है मतदाता?

संविधान के अनुसार मतदाता बनने के लिए 3 बातें जरूरी हैं...

1. व्यक्ति भारतीय नागरिक हो।
2. कम से कम 18 साल की उम्र पूरी हो।
3. जिस क्षेत्र की वोटर लिस्ट में नाम जोड़ना है, वहां स्थायी रूप से निवास करता हो।

SIR में क्या-क्या होगा?

मतदाता सूची को सही करने के लिए इस बार की प्रक्रिया बेहद विस्तृत होगी। हर पोलिंग बूथ पर लगभग 1000 मतदाता रहते हैं और हर केंद्र पर एक BLO नियुक्त किया गया है। वे घर-घर जाकर एन्यूमरेशन फॉर्म (EF) बांटेंगे और मतदाताओं से जरूरी जानकारी लेकर सूची अपडेट करेंगे।

  • नए वोटरों के नाम जोड़े जाएंगे (फॉर्म 6 के जरिए)।
  • मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे। 
  • जिनके नाम दो जगह दर्ज हैं, उन्हें हटाया या सही किया जाएगा। 
  • हर मतदाता का डेटा पुराने रिकॉर्ड से लिंक या मिलान किया जाएगा। 

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SIR के लिए कौन से डॉक्यूमेंट चाहिए?

पेंशनर पहचान पत्र, किसी सरकारी विभाग द्वारा जारी पहचान पत्र, जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, 10वीं की मार्कशीट, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) में नाम, परिवार रजिस्टर में नाम, जमीन या मकान आवंटन पत्र या आधार कार्ड। 

शिकायत और अपील का सिस्टम होगा

अगर किसी का नाम गलत हटाया गया या जोड़ा नहीं गया, तो उसके पास अपील करने का अधिकार रहेगा। पहली अपील जिला कलेक्टर (DM) के पास जाएगी। दूसरी अपील मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) के पास पहुंचेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी नागरिक के साथ अन्याय न हो।

मतदान केंद्रों की नई व्यवस्था

चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे। जहां ज्यादा भीड़ है, वहां नए केंद्र बनाए जाएंगे, खासकर नई कॉलोनियों, झुग्गी बस्तियों और आरडब्ल्यूए इलाकों में। सभी राजनीतिक दलों से भी इन नए केंद्रों को लेकर सुझाव लिए जाएंगे।

वरिष्ठ और दिव्यांग वोटर्स पर फोकस 

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि इस प्रक्रिया में वॉलंटियर्स की भी मदद ली जाएगी, ताकि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। वॉलंटियर्स ऐसे मतदाताओं को घर पर ही जरूरी सहायता और जानकारी देंगे।

समय सारणी: कब-कब क्या होगा 

चरणअवधि
प्रशिक्षण और तैयारी28 अक्टूबर – 3 नवंबर 2025
घर-घर जाकर गणना4 नवंबर – 4 दिसंबर 2025
प्रारंभिक मतदाता सूची जारी9 दिसंबर 2025
दावे और आपत्तियां9 दिसंबर – 8 जनवरी 2026
अंतिम सूची तैयार31 जनवरी 2026
अंतिम सूची की डिजिटल कॉपी जारी7 फरवरी 2026

गलत जानकारी पर सजा का प्रावधान

अगर कोई व्यक्ति वोटर फॉर्म में गलत जानकारी या झूठा घोषणा पत्र देता है, तो उस पर जुर्माना या जेल तक हो सकती है। चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि पारदर्शिता और सत्यता से कोई समझौता नहीं होगा।

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