अब MP में भी होगी वोटर्स की कांटछांट, नगर निगमों में होगा विवादों का समाधान

मध्यप्रदेश में 2025 के पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची का शुद्धीकरण किया जाएगा। इसमें एक से अधिक स्थानों पर दर्ज नामों को हटाया जाएगा। दावे-आपत्ति 17 अक्टूबर तक ली जाएंगी, और अंतिम मतदाता सूची 13 नवंबर को प्रकाशित की जाएगी।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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मध्यप्रदेश में 2025 के पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची का शुद्धीकरण करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत एक से अधिक स्थानों पर दर्ज मतदाताओं के नामों को हटाया जाएगा।

इस प्रक्रिया में नाम विलोपित होने पर दावे-आपत्ति 17 अक्टूबर तक ली जाएंगी। शुद्धीकरण का कार्यक्रम आठ अक्टूबर को प्रारंभ होगा और 13 नवंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

मध्यप्रदेश के प्रमुख नगर निगम क्षेत्रों जैसे भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में स्थानांतरित मतदाताओं के विवादों का समाधान भी किया जाएगा।

मतदाता सूची का शुद्धीकरण और दावे-आपत्ति की प्रक्रिया...

एमपी में शुद्धीकरण की प्रक्रिया और मुख्य बदलाव

मध्यप्रदेश में 2025 के पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची का शुद्धीकरण महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रक्रिया में विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची से विलोपित मतदाताओं के नामों को अनिवार्य रूप से हटाया जाएगा।

रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के पास यह अधिकार नहीं होगा कि वे गलत तरीके से हटाए गए नामों को फिर से सूची में शामिल करें। ऐसे मामलों में दावे-आपत्ति के समय ही विचार किया जाएगा। इसके साथ ही, सूची में उन मतदाताओं के नाम भी हटाए जाएंगे, जो एक से अधिक स्थानों पर दर्ज हैं।

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पंचायत और निकाय चुनावों के लिए नया कार्यक्रम

राज्य निर्वाचन आयोग ने आगामी पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची शुद्धीकरण की योजना तैयार की है। इस प्रक्रिया के तहत, 8 अक्टूबर को प्रारूप का प्रकाशन किया जाएगा, और 17 अक्टूबर तक दावे-आपत्ति ली जाएंगी। इसके बाद, 27 अक्टूबर तक इनका निराकरण किया जाएगा और 13 नवंबर को फोटोयुक्त मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।

मुख्य नगर निगम क्षेत्रों में किया जाएगा समाधान

भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में एक से अधिक विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत मतदाता आते हैं, जिससे मतदाता के स्थानांतरण में विवाद हो सकता है। ऐसे मामलों का समाधान कलेक्टर द्वारा किया जाएगा, जिसमें स्थानीय अधिकारियों की संयुक्त बैठक होगी। इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि किस मतदाता को ग्राम पंचायत में और किसे नगर निगम के वार्ड में स्थानांतरित किया जाए।

दोहराव वाले मतदाताओं का सूची से हटेगा नाम

कई मतदाता एक ही निकाय में दो या दो से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हैं, जिससे उनकी जानकारी में भ्रम उत्पन्न होता है। राज्य निर्वाचन आयोग ने ऐसे मतदाताओं के नाम हटाने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोहराव वाले नाम एक स्थान से हटा दिए जाएं।

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राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जाएगी सूची

13 नवंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद, राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को यह सूची उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही, वेबसाइट पर भी इसे अपलोड किया जाएगा ताकि मतदाता अपनी जानकारी जांच सकें। मध्यप्रदेश मतदाता सूची

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