प्रियंका और बाबूलाल के दिव्यांग कैटेगरी से चयन पर सवाल उठाने की जगह आगे बढ़ना सीखें
मप्र लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा 2022 का रिजल्ट जारी किया, जिसमें इंटरव्यू अंकों को लेकर विवाद हुआ। दिव्यांग कैटेगरी से कुछ चयनित उम्मिदवारों पर सवाल उठ रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर इस लेख में...
मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) ने हाल ही में राज्य सेवा परीक्षा 2022 का अंतिम रिजल्ट जारी किया है। इसमें अंतिम चयन में इंटरव्यू के अंकों को लेकर काफी विवाद हुआ, द सूत्र ने यह मुद्दा सबसे पहले उठाया और यह बात बताई की मेन्स में सबसे ज्यादा अंक लाने वाले मेरिट होल्डर को इंटरव्यू में सबसे कम अंक मिले हैं और इसके कारण वह डिप्टी कलेक्टर की जगह निचले पदों पर आ गए। अब समय आ गया है कि इंटरव्यू के अंकों को कम किया जाए, क्योंकि इससे चयन पारदर्शिता में कमी आती है। इसके बाद अब चार दिन से लगातार सवाल दो चयन पर उठ रहे हैं जो दोनों ही दिव्यांग कैटेगरी से हुए हैं।
1-एक है बाबूलाल मंसूरिया, जो दृष्टि कोचिंग में पढ़ाते भी हैं और इंटरव्यू की तैयारी कराते हैं. इनका चयन श्रवण बाधित (Hearing impairment) कैटेगरी में हुआ है और यह सहायक संचालक स्कूल बने हैं। वैसे इनके भी इंटरव्यू में मात्र 51 ही अंक आए हैं और वह खुद भी इस पर आश्चर्यचकित हैं। उनके मेन्स में 582 और इंटरव्यू के 51 अंक मिलाकर 633 अंक आए हैं। वह ओबीसी कैटेगरी में भी है।
2-दूसरी हैं प्रियंका कदम, यह जिला आबकारी अधिकारी पद पर चयनित हुई हैं। इनके मेन्स में 726.75 अंक और इंटरव्यू में 92 इस तरह कुल 818.75 अंक आए हैं और वह ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में भी हैं। इनका चयन दिव्यांग कैटेगरी में अस्थिबाधित (orthopedic disability) में हुई है।
बाबूलाल के चयन होने के बाद से ही उनका एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह एक उम्मीदवार का मॉक इंटरव्यू ले रहे हैं। इसमें युवाओं ने सवाल उठाए कि वह इंटरव्यू तो आसानी से ले रहे हैं, दूसरा उनकी पहले अलग कोचिंग थी जो कोविड में बंद हो गई, इसमें पढ़े युवाओं ने भी कहा कि सर को कोई समस्या नहीं है उनका सर्टिफिकेट गलत बना है।
बाबूलाल मंसूरिया
इसका जवाब खुद बाबूलाल मंसूरिया ने सामने आकर दिया है। पहले जो इंटरव्यू वायरल हुआ उसे क्लोज करके देखने पर उनके कान में हियरिंग मशीन लगी हुई साफ दिखती है। वहीं दूसरी बात उन्हें यह समस्या पहले नहीं थी, कोविड के दौरान उन्हें ब्लैक फंगस हुआ और मुश्किल से जान बची, इसी दौरान यह इन्फेक्शन कान में पहुंचा और उनकी सुनने की क्षमता कम हो गई। वह यदि मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं बनवाते तो पीएससी में चयन होने पर भी मेडिकली अनफिट करार देकर बाहर हो जाते। वह साल 2001 से ही पीएससी दे रहे हैं, पांच बार यूपीएससी मेन्स दे चुके हैं। पीएससी भी लगातार दे रहे हैं। उनकी उम्र 40 साल से अधिक है।
अब बात प्रियंका की, विवाद उनके चयन के बाद तब उठा जब उनके सोशल मीडिया पर डले डांस वीडियो, कार चलाने वाले वीडियो, स्विमिंग करते हुए सहित कई वीडियो वायरल हुए। लोगों ने सवाल उठाए कि यह फर्जी है, यह तो सब कर सकते है तो फिर अस्थिबाधित कैसे। सवाल सही भी थे। इस पर द सूत्र ने उनके गृह जिले उज्जैन से जानकारी निकाली और फिर उनसे भी सीधी बात की। यह सामने आया कि वह दिल्ली में जब यूपीएससी की तैयारी कर रही थी तब 2017 के दौरान बाथरूम में गिर गई और पीठ पर नल घुस गए। इसके बाद वह गंभीर पीड़ा में रही और एक के बाद एक कई सर्जरी हुई। उनकी हिप रिप्लेसमेंट हुई है, वह बाहर से दिखने में सही चलती हुई दिखती है लेकिन अंदर नेचुरल ऑर्गन की जगह रिप्लेसमेंट ऑर्गन है। सरकारी नौकरी में 34 साल में इसलिए आई, क्योंकि प्राइवेट जॉब करना आसान नहीं था। फिर डांस क्यों कर रही, यह सवाल उठा तो प्रियंका ने कहा कि वह भी इंसान है, कभी इंजॉय करना चाहती है, दर्द होता है तो कभी पेनकिलर लेती हूं और दो-चार मिनट डांस कर लेती हूं। जीवन जीना तो नहीं छोड़ सकती हूं। मेडिकल बोर्ड में विभाग परीक्षण करेगा ही, मैं इसके लिए तैयार हूं, मैंने कोई गलत नहीं किया।
प्रियंका कदम (Peach रंग के सलवार सूट में)
दू सूत्र की अपील
द सूत्र लगातार युवाओं की समस्या दमदारी से उठाता है, लेकिन साथ ही अपील करता है कि दूसरों की सफलता से सीखने पर जोर दीजिए। किसी पर भी सवाल बिना पुख्ता सबूत और जानकारी के मत उठाईए, आप सभी सालों मेहनत करते हैं, चयनित होने वाले भी आपके बीच के ही है। सोशल मीडिया पर इस तरह मैसेज चलाने से हम बेवजह किसी की छवि खराब होती हैं। कुछ भी कहने और कमेंट करने से पहले कृपया एक बार परख लीजिए, सच जान लीजिए। और पढाई पर फोकस कीजिए।