एमपी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अब अघोषित रूप से बंद है। यह योजना युवाओं को स्वयं का कारोबार शुरू करने के लिए लोन देने का अवसर प्रदान करती थी। अब बैंकों द्वारा लोन स्वीकृत नहीं किए जा रहे हैं। इसका कारण यह है कि सरकार ने इस योजना के तहत बैंकों को मिलने वाली सब्सिडी को 2020 से रोक दिया है। यदि इस योजना के तहत लोन मिलते रहते तो 17 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकते थे, लेकिन बैंक लोन पास करने में असमर्थ हैं। पिछले तीन साल में योजना पर एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ, और 2024-25 के बजट में इस योजना का कोई प्रावधान नहीं रखा गया।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का उद्देश्य और बंटवारा
2014 में शुरू हुई यह योजना का उद्देश्य समाज के युवाओं को स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना था। इसके तहत पात्र युवाओं को 50 हजार से 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है, और ब्याज पर 5% छूट भी मिलती थी। सरकार ने मार्जिन मनी, ऋण गारंटी, और प्रशिक्षण का भी प्रावधान किया था। यह योजना विशेष रूप से गरीब और सामान्य वर्ग के लिए थी, जिनके पास खुद का रोजगार नहीं था। आरक्षित वर्ग को 30% या अधिकतम तीन लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती थी।
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क्यों नहीं मिल रहा लोन?
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लोन के आवेदन तो बैंकों में लिए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें स्वीकृत नहीं किया जा रहा। इसका मुख्य कारण यह है कि सरकार ने बैंकों को सब्सिडी देना बंद कर दिया है। कोरोना काल के बाद, सरकार ने बैंकों से कहा था कि वे अब रोजगार योजनाओं में लोन स्वीकृत कर सब्सिडी क्लेम न करें। इसके बाद भी सरकार ने योजनाओं को फिर से शुरू किया, लेकिन मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए कोई सब्सिडी नहीं जारी की गई। नतीजतन, युवा लोन पाने के लिए आवेदन तो करते हैं, लेकिन उन्हें मंजूरी नहीं मिल रही।
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दूसरी योजनाओं का लोन
- मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना: इसमें निर्माण उद्योग के लिए लोन दिया जाता है, जिसकी लोन राशि 10 लाख से 2 करोड़ रुपए तक हो सकती है।
- मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना: इसमें कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए लोन मिलता है, जिसकी रेंज 50 हजार से 2 करोड़ रुपए तक है।
- कल्याण योजना: यह योजना स्ट्रीट वेंडर्स के लिए है, जिसमें अधिकतम 50 हजार रुपए का लोन दिया जाता है।
हालांकि, इनमें से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सबसे आसान थी, क्योंकि इसमें लोन के लिए कोई बड़ी गारंटी या बंधन नहीं थे।
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