जिस गांव में मुस्लिम आबादी नहीं, वहां से जारी हो गया महिला का जन्म प्रमाण-पत्र, जानें पूरा मामला

मध्य प्रदेश के छतरपुर के महतौल गांव में फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र बना दिया। इस गांव से इंदौर की मुस्लिम महिला का बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया, जबकि गांव में कोई मुसलमान नहीं है। जिला पंचायत सीईओ ने ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया है।

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Sandeep Kumar
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नीरज सोनी@छतरपुर

Chhatarpur.मध्यप्रदेश के छतरपुर से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया है। महतौल गांव में एक भी मुसलमान नहीं है, फिर भी इंदौर की मुस्लिम महिला का जन्म प्रमाण-पत्र यहां से जारी कर दिया गया। जिला पंचायत सीईओ ने ग्राम पंचायत सचिव प्रेमचंद्र रैकवार को निलंबित कर दिया है। उनकी आईडी से पिछले डेढ़ साल में करीब 1150 प्रमाण-पत्रों की जांच शुरू हो गई है। जांच में रोहिंग्या मुसलमानों के प्रमाण-पत्र जारी होने की आशंका जताई जा रही है।

कैसे हुआ खुलासा

मामला तब सामने आया, जब तीन दिन पहले इंदौर हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुभाष पंचाल छतरपुर आए। उन्होंने बताया कि उनके पक्षकार रिहान का विवाह अंजुम खान से हुआ था। विवाह के समय अंजुम की उम्र 21 वर्ष बताई गई। परिजनों ने नाबालिग विवाह और अपहरण का मामला दर्ज कराया। जांच में अंजुम का जन्म प्रमाण-पत्र महतौल की ग्राम पंचायत से जारी पाया गया।

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नियमों को किया दरकिनार

पिछले समय से ग्राम पंचायतों में मनमानी और लापरवाही चल रही थी। जिला पंचायत ने अब निगरानी बढ़ा दी है। इंदौर की अंजुम खान का जन्म 11 फरवरी 2008 को हुआ था। महतौल के सचिव ने उनका जन्म प्रमाण-पत्र 24 सितंबर 2025 को जारी किया। नियमानुसार, जन्म प्रमाण-पत्र के लिए तहसीलदार का आदेश जरूरी होता है।

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सचिव ने हजारों जन्म प्रमाण-पत्र जारी किए

महतौल सचिव ने सरकारी नियमों को दरकिनार कर हजारों जन्म प्रमाण-पत्र जारी किए। जानकारी लगने पर जिला पंचायत के सीईओ ने जांच के आदेश दिए। नौगांव जनपद पंचायत के सीईओ की अगुवाई में तीन सदस्यीय दल गठित किया गया है।

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सचिव प्रेमचंद्र रैकवार को निलंबित

जनपद सीईओ के प्रतिवेदन और जांच की गंभीरता को देखते हुए जिला पंचायत के सीईओ ने महतौल के सचिव प्रेमचंद्र रैकवार को निलंबित कर दिया। उनके आईडी से बने साढ़े 11 सौ जन्म प्रमाण-पत्रों की जांच के आदेश दिए गए हैं।

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महतौल पंचायत में कोई मुस्लिम परिवार नहीं

जन्म प्रमाण पत्र की जांच में सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए। महतौल पंचायत में कोई मुस्लिम परिवार नहीं है, फिर भी अंजुम खान का जन्म वहां दिखाया गया। अंजुम का जन्म 11 फरवरी 2008 बताया गया था। प्रमाण पत्र 24 सितंबर 2025 को जारी किया गया था। इसमें तहसीलदार की अनुमति नहीं ली गई थी। इससे स्पष्ट है कि फर्जी प्रमाण पत्र बनाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पंचायत सीईओ ने सचिव को निलंबित कर दिया।

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