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मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित पावन नगरी चित्रकूट में पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारत रत्न नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित विशेष श्रद्धांजलि सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने नानाजी के महान योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन एक आदर्श है, जो युगों तक लोगों के दिलों में रहेगा। उन्होंने कहा, “नानाजी जैसे महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि देना कितना उचित है, यह कहना मुश्किल है। उनका जीवन युगों तक अपना असर छोड़ता रहेगा और युग को परिवर्तनकारी बनाने का काम करेगा। नानाजी देशमुख उनमें से एक हैं।”
नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को राष्ट्र ऋषि और भारत रत्न नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए चित्रकुट पहुंचे थे। अमित शाह ने नाना जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और इस मौके पर दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण भी किया। इसके अलावा, उन्होंने रामदर्शन परिसर का लोकार्पण भी किया। केंद्रीय मंत्री अमित शाह का स्वागत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया। इस कार्यक्रम में कथावाचक मोरारी बापू समेत कई नेता शामिल हुए।
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कई नेताओं को राजनीति छुड़वा देती है जनता
गृहमंत्री अमित शाह ने नानाजी को श्रद्धांजली देते हुए कहा, चाहे पक्ष हो या विपक्ष नानाजी देशमुख का विरोध करने का साहस किसी ने नहीं किया। शाह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में जनता कई नेताओं को राजनीति छुड़वाती है। राजनीति के क्षेत्र में बहुत से नेता होते हैं, लेकिन नाना जी की तरह कुछ लोग ही होते हैं जो युगों तक अपना असर छोड़ते हैं। और युग को परिवर्तनकारी बनाने का काम करते हैं। उनमें से एक नानाजी देशमुख हैं। उन्होंने कहा, “नानाजी ने 60 वर्ष की आयु में जब जनता पार्टी सत्ता में थी, तो यह निर्णय लिया कि अब वह अपने जीवन के बाकी हिस्से को एकात्म मानववाद को लागू करने में समर्पित करेंगे। इसके बाद उन्होंने एकात्म मानववाद और अंत्योदय का सिद्धांत दिया।” इसके लिए चित्रकूट को चुना।
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किसी ने नहीं किया विरोध करने का साहस
अमित शाह ने इस मौके पर यह भी कहा कि नानाजी का जीवन शुद्ध और प्रेरणादायक था। “नानाजी ने जीवन का हर क्षण और शरीर का हर कण भारत माता को समर्पित किया। उन्होंने राजनीति में रहते हुए कभी किसी के खिलाफ कोई गलत टिप्पणी नहीं की। राजनीति में रहते हुए सर्वस्वीकृति प्राप्त करना अत्यंत कठिन है, लेकिन इतने नानाजी का विरोध करने का साहस किसी ने नहीं किया।
#WATCH | चित्रकूट: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम में कहा, "...नानाजी ने अपने व्यवहार से, अपनी कर्मठता से, अपने संस्कार से राजनीति में अनेक ऐसे सिद्धांत स्थापित किए, जो मेरा मानना है कि अगली शताब्दी तक देश के लिए… pic.twitter.com/4gXl4VO9kO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 27, 2025
कांग्रेस पर साधा निशाना
अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तो पश्चिम के सिद्धांतों को भारत में लागू किया। इसके बाद भी पं. दीनदयाल उपाध्याय और नानाजी जैसे लोग विरासत के साथ विकास के लिए एकात्मक मानववाद का आदर्श स्थापित करते रहे।
शाह ने आगे कहा कि पश्चिम से उठाए गए सिद्धांतों का हिंदीकरण करके नीतियां बनाने का संतोष जवाहर लाल नेहरू की सरकार ने किया। उस वक्त पं. दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद का सिद्धांत प्रस्तुत किया और देश की नीतियों को इसके आधार पर तैयार करने का मार्ग दिखाया। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद और अंत्योदय का सिद्धांत आज भी भारतीय राजनीति और समाज के लिए एक प्रेरणा है।
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भारतीय राजनीति ने एक ही कालखंड में दिए दो महापुरुष
शाह ने यह भी कहा कि भारतीय राजनीति ने एक ही कालखंड में दो महापुरुषों को दिया-नानाजी देशमुख और पं. दीनदयाल उपाध्याय। दोनों महापुरुषों का जन्म 1916 में हुआ था। जब देश आजाद हुआ, तो भारतीय नीतियां पूरी तरह से पश्चिमी विचारधारा से प्रेरित थीं, लेकिन पं. दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद के सिद्धांत के माध्यम से भारत की संस्कृति और परंपराओं को केंद्र में रखकर नीतियों की रूपरेखा तैयार की।
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