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नर्मदापुरम (Narmadapuram) जिले के हथवास क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप यह था कि उन्होंने महिला टीचर को अभद्र वॉट्सऐप मैसेज भेजे और उनका मानसिक रूप से शोषण किया। यह मामला तब सामने आया, जब महिला शिक्षक ने इन मैसेजों के स्क्रीनशॉट के साथ अपनी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी को दी। वहीं प्रशासनिक जांच के बाद कमिश्नर ने प्रिंसिपल के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है। जानें क्या है पूरा मामला और कमिश्नर ने क्या फैसला लिया है।
कमिश्नर ने प्राचार्य को किया निलंबित
जांच रिपोर्ट के आधार पर, जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्य को सस्पेंड करने का प्रस्ताव नर्मदापुरम संयुक्त संचालक को भेजा। इसके बाद नर्मदापुरम संयुक्त ने 30 सितंबर 2025 को एक आदेश जारी कर प्राचार्य सुरेश श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। आदेश में यह लिखा गया कि उन्होंने शिक्षिका के खिलाफ अनुचित व्यवहार किया और यह गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
प्रिंसिपल ने किया अभद्र मैसेज
शिकायत के मुताबिक, प्राचार्य ने महिला शिक्षिका को वॉट्सऐप पर एक गाने की पंक्तियां भेजी: फूल तुम्हें भेजा है खत में, फूल नहीं मेरा दिल है, तुम बहुत अच्छी लगती हो और इसके बाद I Love You... and You भी लिखा। उन्होंने इसके बाद मुझे आपका जवाब यस या नो में चाहिए जैसे मैसेज भी भेजे। इस अभद्रता से शिक्षक को गहरी मानसिक परेशानी हुई।
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शिक्षिका ने की प्रिंसिपल की शिकायत
महिला शिक्षिका ने आरोप लगाया कि प्राचार्य ने उन्हें पिता जैसा मानने की बात कहने के बावजूद उनका पीछा करना बंद नहीं किया। 17 सितंबर को उन्होंने पिपरिया बीईओ (Block Education Officer) और जिला शिक्षा अधिकारी से लिखित शिकायत की। इसमें बताया कि न केवल उन्होंने अनुचित मैसेज (I love you message) भेजे, बल्कि कार्य के दौरान भी मानसिक दबाव डालने का प्रयास किया। शिक्षिका ने कहा कि अब वह मानसिक रूप से परेशान हैं और अपना काम ठीक से नहीं कर पा रही हैं।
प्राचार्य ने कहा- गलती से चला गया मैसेज
प्राचार्य सुरेश श्रीवास्तव ने अपनी सफाई में कहा कि यह सब एक गलती से हुआ था। उनका दावा था कि वह अपनी बीपी (ब्लड प्रेशर) की दवा नहीं ले रहे थे और फेसबुक पर किसी से बात करते हुए उनका मोबाइल गलती से टच हो गया, जिससे यह मैसेज चला गया। हालांकि, इस सफाई को लेकर कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल सके।
अन्य शिक्षिकाओं ने भी लगाए आरोप
महिला शिक्षिकाओं ने भी आरोप लगाया कि प्राचार्य उन्हें ट्रांसफर की धमकी देते थे। शिक्षा मंत्री का नाम लेकर उन्हें असहज महसूस कराते थे। उनका व्यवहार इतना आपत्तिजनक था कि यह कई बार अन्य शिक्षकों के लिए परेशानी का कारण बना। 17 सितंबर को ही कई शिक्षकों ने पिपरिया बीईओ से शिकायत की, लेकिन बीईओ ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
तीन सदस्यीय टीम ने की जांच
शिकायत के बाद, जिला शिक्षा अधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया। टीम ने हथवास स्थित स्कूल में जांच की। इसने 13 शिक्षकों के बयान लिए, और कई ने प्राचार्य के व्यवहार को अनुचित और अपमानजनक बताया। जांच के बाद यह पाया गया कि शिक्षिका के आरोप सही थे।
राजनीतिक जुड़ाव पर सवाल उठे
प्राचार्य सुरेश श्रीवास्तव की पत्नी, अनिता श्रीवास्तव, पिपरिया भाजपा नगर मंडल की महामंत्री हैं। इससे मामला राजनीति से भी जुड़ गया है। कई शिक्षक आरोप लगा रहे हैं कि प्राचार्य ने अपनी पत्नी के राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया और इसके माध्यम से शिक्षकों पर दबाव डाला।