नेशनल स्पोर्ट बिल लागू, MPCA में मौजूदा खांडेकर की मैनेजिंग कमेटी के फिर दावे के बने मौके, महानआर्यमन के लिए चुनौती

नेशनल स्पोर्ट बिल लागू हो गया है। इस बिल ने एमपीसीए (मप्र क्रिकेट एसोसिएशन) के दो सितंबर को होने वाली चुनावी एजीएम को लेकर मौजूदा मामले को पेचीदा बना दिया है।

author-image
Sanjay Gupta
New Update
mpca new election rule

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नेशनल स्पोर्ट बिल लागू हो गया है। इस बिल ने एमपीसीए (मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन) के दो सितंबर को होने वाली चुनावी एजीएम को लेकर मौजूदा मामले को पेचीदा बना दिया है। कारण है कि बिल के प्रावधान इस चुनाव के विपरीत हो रहे हैं। अब दो स्थितियां बन रही हैं। नया बिल अभिलाष खांडेकर वाली मौजूदा मैनेजिंग कमेटी के मुफीद बन रहा है और सूत्रों के अनुसार यह कमेटी फिर रिपीट के लिए दावा कर सकती है। वहीं इस बिल के प्रावधान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महानआर्यमन की ताजपोशी में बाधा बन रहे हैं। 

अभी पुराने प्रावधान से हो रहे चुनाव-

नए स्पोर्ट बिल के अनुसार के 3 अहम प्रावधान है-

1- अब मैनेजिंग कमेटी में पदाधिकारियों की बात करे तो तीन ही बद रह जाते हैं प्रेसीडेंट, सेक्रेट्री और ट्रेजरार। इसमें ज्वाइंट सेक्रेट्री और वाइस प्रेसीडेंट का पद नहीं है। वहीं एमपीसीए में अभी लागू संविधान के मुताबिक यह पांचों पद है। एमपीसीए इन पांचों पद पर चुनाव कराएगा। साथ ही में एग्जीक्यूटिव कमेटी मेंबर होंगे। 

2- इसमें प्रावधान है कि मैनेजिंग कमेटी लगातार तीन टर्म तक रिपीट हो सकती है। वहीं लोढ़ा कमेटी के आधार पर हुए संविधान संशोधन के अनुसार एमपीसीए में लगातार दो बार ही मैनेजिंग कमेटी रिपीट होने की बात है। यानी इस हिसाब से प्रेसीडेंट पद से अभिलाष खांडेकर, सचिव पद से संजीव राव व अन्य को विदा होना होगा इनके लगातार दो टर्म तीन-तीन साल के पूरे हो चुके हैं।

3- तीसरा बिंदु अहम है जो सीधे महानआर्यमन को चुनौती देता है। इसके अनुसार खेल संघ में प्रेसीडेंट, सेक्रेट्री या ट्रेजरार आने के लिए जरूरी है कि वह पहले एग्जीक्यूटिव कमेटी मेंबर रहा है और या फिर उससे संबंद्ध संघ में प्रेसीडेंट, सेक्रेट्री, चेयरमैन रहा हो।

अब महानआर्यमन के लिए यह नियम चुनौती है क्योंकि वह एमपीसीए में कभी किसी पद पर नहीं रहे। वह अभी ग्वालियर डिवीजनल क्रिकेट सोसिएशन में वाइस प्रेसीडेंट पद पर है, जिसकी स्पोर्ट बिल में कोई मान्यता ही नहीं है। 

यह खबरें भी पढ़ें...

एमपीसीए ने बिना प्रक्रिया बुलाई चुनावी AGM, क्योंकि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महाआर्यमन पर टालना है यह खतरा

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महाआर्यमन की नई ताजपोशी की तैयारी, इस अहम पद के लिए टटोला जा रहा मन

अब कैसे महानआर्यमन Vs खांडेकर हो रहा है-

अब इन नियमों के कारण एमपसीए में महानआर्यमन Vs अभिलाष खांडेकर की रोचक स्थिति बन रही है। क्योंकि सूत्रों के अनुसार वर्तमान मैनेजिंग कमेटी अब इस स्पोर्ट बिल की दुहाई देती सुनाई दे रही है। इसके तहत वह तीसरी टर्म में भी आ सकते हैं और इस पर उनकी बाध्यता नहीं है।

साथ ही महानआर्यमन सिंधिया इन नियमों के हिसाब से एमपीसीए प्रेसीडेंट पद पर नहीं आ सकते हैं। इस तरह वर्तमान मैनेजिंग कमेटी का जोर है कि स्पोर्ट बिल की बात की जाए और फिर से कमेटी को रिपीट कराया जाए। यह कमेटी का पहले भी चुनाव नवंबर से पहले कराने का मन नहीं था, क्योंकि कमेटी की मंशा थी कि अक्टूबर में महिला विश्व कप के मैच इंदौर में होना है वह उनके समय ही हो।

लेकिन स्पोर्ट बिल लागू होने का देखते ही सिंधिया ने अचानक आदेश दिए औऱ बिना मैनेजिंग कमेटी हुए ही 12 अगस्त को 2 सितंबर को चुनावी एजीएम कराने की सूचना जारी कर दी गई। साथ ही चुनाव का शेड्य्लू भी जारी कर दिया गया। 

इधर एमपीसीए के जानकार यह बातें बोलकर बिल को टाल रहे-

एमपीसीए के अंदर इस बिल को लेकर दो बातें चल रही है, जो महानआर्यमन के पक्ष में हैं

1- जानकारों का कहना है कि एमपीसीए इस बिल के अधीन नहीं आएगा, क्योंकि वह सरकार से कोई अनुदान नहीं लेता है। हालांकि वहीं एमपीसीए के बाहर के जानकार कहते हैं कि बीसीसीआई को केवल सूचना के अधिकार में नहीं आने की छूट बिल में दी है, बाकी चुनाव में नहीं है।

कारण है कि सूचना का अधिकार वहीं लगता हैं जहां सरकारी फंड लिया जाता है, और बीसीसीआई और उसके खेल संघ फंड नहीं लेते हैं। इसलिए स्पोर्ट बिल के दायरे में नहीं आते हैं और इसलिए महानआर्यमन के लिए कोई खतरा नहीं है। 

2- एमपीसीए के जानकार यह भी कहते हैं कि नए स्पोर्ट बिल को मान भी लें तो भी एमपीसीए के संविधान में नए बिल के अनुसार पहले ईओजीएम करते हुए संशोधन करना होगा और बिल के प्रावधान लाने होंगे, जैसे कि लोढ़ा कमेटी के सुधार को संशोधन कर लागू किया था।

ऐसे में इस कमेटी गठन में कोई समस्या नहीं आएगी। ऐसे में यह चुनाव तो पुराने संविधान के मुताबिक ही होंगे। ऐसे में अभिलाष खांडेकर की कमेटी रिपीट नहीं हो सकती है और महानआर्यमन की ताजपोशी में भी कोई समस्या नहीं आएगी।

3-  तीसरी कानूनी बात यह भी कही जा रही है कि एमपीसीए चुनाव शेड्यूल जारी कर और चुनाव अधिकारी (रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मुदस्सर) को 12 अगस्त को ही नियुक्त कर एमपीसीए इस बिल के दायरे से इस बार बाहर हो गया है। क्योंकि इस तरह से एमपीसीए ने चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी है और विविध कोर्ट के आदेश है कि एक बार चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाए तो फिर इसमें दखल नहीं दी जा सकती है।

इसलिए ही आनन-फानन में जैसे ही बिल राज्यसभा में पास हुआ और प्रेसीडेंट के पास साइन होने गया सिंधिया ने एमपीसीए के जिम्मेदारों को फोन कर तत्काल एजीएम सूचना जारी करने, चुनाव शेड्यूल जारी करने का बोल दिया और यह 12 अगस्त को जारी कर दिया गया।  

यह खबरें भी पढ़ें...

महाकाल के दरबार में लगेगा श्रद्धालुओं का महाकुंभ, सीएम मोहन और सिंधिया भी रहेंगे मौजूद!

2 लड्डू की मांग..पर मिला केवल एक, नाराज शख्स ने कर दी CM हेल्पलाइन पर शिकायत, पंचायत बोली- किलो खिलाएंगे

सुधीर असनानी सचिव, कपाड़िआ वाइस प्रेसीडेंट के लिए-

उधर महानआर्यमन के साथ टीम बनाने में एमपीसीए की कोर कमेटी लग गई है। इसकी कमान संजय जगदाले यानी गट्टू भैय्या और उनके करीबी दिलीप चुड़गर संभाल रहे हैं। इसके तहत महानआर्य़मन को प्रेसीडेंट पद पर लाने के साथ इंटरनेशनल अंपायर सुधीर असनानी को सचिव पद पर लाया जाएगा।

अमिताभ विजयवर्गीय को फिलहाल अन्य जगह समायोजित किया जाएगा। वहीं अन्य पदों में वाइस प्रेसीडेंट के लिए देवांग कपाड़िया, ट्रेजरार में विनीत सेठिया का नाम है। प्रसून कनमड़ीकर, संदीप जैन व अन्य को एक्जीक्यूटिव कमेटी में लाने की तैयारी है।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट केसाथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया MPCA अभिलाष खांडेकर एमपीसीए चुनाव मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन महानआर्यमन सिंधिया नेशनल स्पोर्ट बिल