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अगर जनता के असली मुद्दों और सरकार की सच्चाई समझनी है तो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट पर नजर डालना जरूरी है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि किस राज्य में अपराध की किस्म कैसी है, कहां सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हो रही है, और समाज के किन वर्गों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहा है। इस लेख में जानिए मध्यप्रदेश की स्थिति, आदिवासी समाज के संघर्ष, साइबर क्राइम की बढ़त, महिलाओं-दूर्घटनाओं-बच्चों के खिलाफ हिंसा का सच, और उन राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं जिनके लिए यह रिपोर्ट एक हथियार भी है और आईना भी।
अपराध के आंकड़ों का एनालिसिस
NCRB Report 2023 बताती है कि देश में अपराधों की संख्या 7.2% बढ़ी है-2022 के मुकाबले 2023 में कुल 62.4 लाख अपराध दर्ज हुए, यानी औसतन हर 5 सेकंड में एक केस पुलिस रिकॉर्ड में आ रहा है । मध्यप्रदेश अपराध दर (madhya pradesh crime rate) के आंकड़े भी चौकाने वाले हैं। राज्य की कुल अपराध दर राष्ट्रीय औसत (प्रति लाख जनसंख्या) से ज्यादा है ।
मोदी सरकार में आदिवासियों के खिलाफ अपराध के मामलों में 29% की वृद्धि हुई है।
— Congress (@INCIndia) September 30, 2025
- ये आंकड़े साल 2023 की NCRB रिपोर्ट में सामने आए हैं
• साल 2023: 12,960 अपराध के मामले दर्ज हुए
• साल 2022: 10,064 अपराध के मामले दर्ज हुए
मोदी सरकार में आदिवासियों के हक छीने जाते हैं और…
अनुसूचित जनजाति अत्याचार-क्यों खास है मध्यप्रदेश?
रिपोर्ट कहती है कि 2023 में अनुसूचित जनजातियों (ST) के खिलाफ अपराध के 12,960 मामले देशभर में रिकॉर्ड हुए और इनमें मध्यप्रदेश का स्थान *दूसरा* है – यहां 2,858 केस दर्ज हुए, जो उत्तर भारत के ट्रैबल डिस्ट्रीक्ट्स में सबसे ऊपर है । पहले नंबर पर मणिपुर है जहाँ 3,399 केस हुए, हाल ही में वहां की जातीय हिंसा ने ये आंकड़ा बढ़ाया ।
| राज्य | ST के खिलाफ अपराध (2023) |
|---------------|-------------------------|
| मणिपुर | 3,399 |
| मध्यप्रदेश | 2,858 |
| राजस्थान | 2,453 |
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2022 में एमपी में 2,979, 2021 में 2,627 केस थे। यानी हालात सुधरने के बजाय बिगड़ते जा रहे हैं।
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध-डर और चुनौती
महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में मध्यप्रदेश पाँचवें स्थान पर है। यहां 2023 में 32,342 मामले सामने आए – इसमें छेड़छाड़, बलात्कार, हत्या, दहेज उत्पीड़न शामिल हैं ।
| राज्य | महिलाओं के खिलाफ अपराध (2023) |
|----------------|-------------------------------|
| उत्तर प्रदेश | 66,381 |
| महाराष्ट्र | 47,101 |
| राजस्थान | 45,450 |
| पश्चिम बंगाल | 34,691 |
| मध्यप्रदेश | 32,342 |
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बच्चों के खिलाफ अपराध में देशभर में 9.2% की वृद्धि हुई। अपहरण, यौन शोषण, ट्रैफिकिंग के मामले चिंताजनक हैं – इनसे शिक्षा और सुरक्षा तंत्र की कमजोरी उजागर होती है
साइबर और आर्थिक अपराध-डिजिटल युग की डरावनी हकीकत
साइबर क्राइम के मामले में देशभर में रिकॉर्ड 31% बढ़ोतरी हुई। मध्यप्रदेश भी इस लिस्ट में तेजी से उभर रहा है; हालांकि सबसे ऊपर कर्नाटक और तेलंगाना हैं। साइबर फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन जैसे मामलों में सबसे अधिक ग्रोथ देखी गई। आर्थिक अपराध (जालसाजी, धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार) भी 6% बढ़े हैं। भ्रष्टाचार के केस में 10.5% ग्रोथ दर्ज की गई है।
दुर्घटनाओं और मौतों का सच
मध्यप्रदेश देशभर में रोड एक्सीडेंट और रेलवे दुर्घटनाओं में मौत के मामले में महाराष्ट्र, यूपी, कर्नाटक के बाद शीर्ष राज्यों में शामिल है। 2022 में राज्य में 43,720 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई, देश में यह संख्या 2nd हाईएस्ट थी।
अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध-टॉप स्टेट्स (2021-2023)
| वर्ष | मणिपुर | मध्यप्रदेश | राजस्थान |
|------|--------|------------|----------|
| 2021 | 0 | 2,627 | 2,121 |
| 2022 | 1 | 2,979 | 2,521 |
| 2023 | 3,399 | 2,858 | 2,453 |
महिलाओं के खिलाफ अपराध – टॉप 5 राज्य (2023)
| राज्य मामले |
| यूपी | 66,381 |
| महाराष्ट्र | 47,101 |
| राजस्थान | 45,450 |
| बंगाल | 34,691 |
| एमपी | 32,342 |
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NCRB 2023 में मध्यप्रदेश
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