NCRB 2023 रिपोर्टः महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में मध्यप्रदेश पांचवें स्थान पर

NCRB 2023 रिपोर्ट में मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराध में देशभर में दूसरा स्थान पर है। जानिए महिलाओं और बच्चों के खिलाफ, साइबर और आर्थिक अपराधों की स्थिति, एक्सीडेंट डेटा और नेताओं की राय। पढ़िए संवेदी खबर, ग्राफिक्स और फैक्ट चेक के साथ।

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Sandeep Kumar
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अगर जनता के असली मुद्दों और सरकार की सच्चाई समझनी है तो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट पर नजर डालना जरूरी है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि किस राज्य में अपराध की किस्म कैसी है, कहां सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हो रही है, और समाज के किन वर्गों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहा है। इस लेख में जानिए मध्यप्रदेश की स्थिति, आदिवासी समाज के संघर्ष, साइबर क्राइम की बढ़त, महिलाओं-दूर्घटनाओं-बच्चों के खिलाफ हिंसा का सच, और उन राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं जिनके लिए यह रिपोर्ट एक हथियार भी है और आईना भी।

अपराध के आंकड़ों का एनालिसिस

NCRB Report 2023 बताती है कि देश में अपराधों की संख्या 7.2% बढ़ी है-2022 के मुकाबले 2023 में कुल 62.4 लाख अपराध दर्ज हुए, यानी औसतन हर 5 सेकंड में एक केस पुलिस रिकॉर्ड में आ रहा है । मध्यप्रदेश अपराध दर (madhya pradesh crime rate) के आंकड़े भी चौकाने वाले हैं। राज्य की कुल अपराध दर राष्ट्रीय औसत (प्रति लाख जनसंख्या) से ज्यादा है । 

अनुसूचित जनजाति अत्याचार-क्यों खास है मध्यप्रदेश?

रिपोर्ट कहती है कि 2023 में अनुसूचित जनजातियों (ST) के खिलाफ अपराध के 12,960 मामले देशभर में रिकॉर्ड हुए और इनमें मध्यप्रदेश का स्थान दूसरा है – यहां 2,858 केस दर्ज हुए, जो उत्तर भारत के ट्रैबल डिस्ट्रीक्ट्स में सबसे ऊपर है । पहले नंबर पर मणिपुर है जहाँ 3,399 केस हुए, हाल ही में वहां की जातीय हिंसा ने ये आंकड़ा बढ़ाया ।

राज्यST के खिलाफ अपराध (2023)
मणिपुर3,399
मध्यप्रदेश2,858
राजस्थान2,453

Crimes Against ST (2023)
ST के खिलाफ अपराध (2023)

2022 में एमपी में 2,979, 2021 में 2,627 केस थे। यानी हालात सुधरने के बजाय बिगड़ते जा रहे हैं।

 महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध-डर और चुनौती

महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में मध्यप्रदेश पांचवें स्थान पर है। यहां 2023 में 32,342 मामले सामने आए – इसमें छेड़छाड़, बलात्कार, हत्या, दहेज उत्पीड़न शामिल हैं । 

राज्यमहिलाओं के खिलाफ अपराध (2023)
उत्तर प्रदेश66,381
महाराष्ट्र47,101
राजस्थान45,450
पश्चिम बंगाल34,691
मध्यप्रदेश32,342

Crimes Against Women 2023
महिलाओं के खिलाफ अपराध 2023

बच्चों के खिलाफ अपराध में देशभर में 9.2% की वृद्धि हुई। अपहरण, यौन शोषण, ट्रैफिकिंग के मामले चिंताजनक हैं – इनसे शिक्षा और सुरक्षा तंत्र की कमजोरी उजागर होती है 

साइबर और आर्थिक अपराध-डिजिटल युग की डरावनी हकीकत

साइबर क्राइम के मामले में देशभर में रिकॉर्ड 31% बढ़ोतरी हुई। मध्यप्रदेश भी इस लिस्ट में तेजी से उभर रहा है; हालांकि सबसे ऊपर कर्नाटक और तेलंगाना हैं। साइबर फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन जैसे मामलों में सबसे अधिक ग्रोथ देखी गई। आर्थिक अपराध (जालसाजी, धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार) भी 6% बढ़े हैं। भ्रष्टाचार के केस में 10.5% ग्रोथ दर्ज की गई है।

दुर्घटनाओं और मौतों का सच

मध्यप्रदेश देशभर में रोड एक्सीडेंट और रेलवे दुर्घटनाओं में मौत के मामले में महाराष्ट्र, यूपी, कर्नाटक के बाद शीर्ष राज्यों में शामिल है। 2022 में राज्य में 43,720 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई, देश में यह संख्या 2nd हाईएस्ट थी।

अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध-टॉप स्टेट्स (2021-2023)

वर्षमणिपुरमध्यप्रदेशराजस्थान
202102,6272,121
202212,9792,521
20233,3992,8582,453

महिलाओं के खिलाफ अपराध – टॉप 5 राज्य (2023

राज्यमामले
यूपी66,381
महाराष्ट्र47,101
राजस्थान45,450
बंगाल34,691
एमपी32,342

Crimes against women (2023)
महिलाओं के खिलाफ मामले

NCRB 2023 में मध्यप्रदेश

अपराधमध्यप्रदेश में स्थितिराष्ट्रीय संदर्भ / स्थिति
महिलाओं के खिलाफ अपराधकुल 32,342 केस (2023) देश में पांचवां स्थान, सबसे ज्यादा यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान व बंगाल में
बच्चों के खिलाफ अपराधकुल 22,393 केस (2023), क्राइम रेट: 77.9 पूरे देश में सबसे ज्यादा (टॉप स्टेट)
वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफकुल 5,738 केस (2023) महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु- शीर्ष राज्य
अनुसूचित जनजाति (STs)2,858 केस (2023) देश में दूसरा स्थान- मणिपुर (3,399 केस) शीर्ष स्थान
अनुसूचित जाति (SCs)अनुक्रमणिका अनुसार मामूली बढ़ोतरी, ब्योरा अनुपलब्धदेश स्तर पर कुल केस 57,789
दुर्घटनाएं व मौतेंमहाराष्ट्र के बाद मौतों में दूसरा स्थान सड़क दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय संख्या
महिला दुष्कर्मतीसरे स्थान, 3,500 से ज्यादा मामले राजस्थान, उत्तरप्रदेश के बाद

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