MP News: मध्य प्रदेश के नीमच के अम्बा ठिकाने गांव में वर पक्ष ने दहेज ना लेकर एक मिसाल कायम की। कन्या पक्ष द्वारा दी गई 5.21 लाख रुपए की राशि को दूल्हा के पिता ने लौटा दिया और केवल एक रुपया और एक नारियल स्वीकार किया। यह निर्णय करणी सेना के सदस्य पुष्पराज सिंह द्वारा साझा किया गया, जिसे समाज के गणमान्य जनों ने भरपूर सराहा जा रहा है। इस पहल ने दहेज मुक्त समाज की ओर एक सशक्त कदम बढ़ाया है और यह साबित किया है कि व्यक्तिगत निर्णय समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। राजपूत समाज में इसे एक क्रांतिकारी पहल माना जा रहा है।
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सगाई की रस्म में ठुकराया दहेज
सगाई के दौरान कन्या पक्ष द्वारा दूल्हा देवांश सिंह के पिता कुंवर सिद्धार्थ सिंह शक्तावत को 5.21 लाख रुपए भेंट किए गए। समाज की रीत के अनुसार यह राशि टीके के रूप में दी जाती है, लेकिन शक्तावत परिवार ने इस धनराशि को उसी समय लौटा दिया। उन्होंने केवल एक रुपया और एक नारियल को शगुन के रूप में स्वीकार कर समाज के सामने एक मिसाल पेश की।
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करणी सेना के सदस्य ने दी जानकारी
इसकी जानकारी करणी सेना के सक्रिय सदस्य पुष्पराज सिंह शक्तावत ने सार्वजनिक रूप से दी। उन्होंने इसे सामाजिक सुधार की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया और कहा कि शक्तावत परिवार का यह निर्णय दहेज के खिलाफ एक साहसिक आवाज है।
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समाज ने की प्रशंसा
इस समारोह में क्षेत्र के प्रमुख राजपूत गणमान्य जन उपस्थित रहे। ठाकुर देवराज सिंह शक्तावत, ठाकुर गुलाब सिंह राठौड़, ठाकुर भेरू सिंह हाड़ा, ठाकुर गजेंद्र सिंह और ठाकुर लाखन सिंह चौहान सहित अनेक विशिष्ट जनों ने इस निर्णय की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उनका मानना है कि इस पहल से दहेज मुक्त विवाह की धारणा को बल मिलेगा।
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प्रेरणा आगे की पीढ़ियों को दिशा देगी
शक्तावत परिवार की इस निर्णयात्मक पहल ने यह साबित कर दिया कि व्यक्तिगत स्तर पर लिए गए नैतिक निर्णय समाज को दिशा देने की क्षमता रखते हैं। यह पहल आने वाली पीढ़ियों को न केवल दहेज के खिलाफ सशक्त बनाएगी, बल्कि विवाह को पुनः सामाजिक, भावनात्मक और सांस्कृतिक बंधन की तरह देखने का अवसर भी देगी।