उपार्जन केन्द्र में 42 लाख रुपए की हेराफेरी का मामला दर्ज, बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा

मझौली उपार्जन केन्द्र में 42 लाख रुपए का बड़ा घोटाला सामने आया है। जिसमें केन्द्र पर फर्जीवाड़ा कर किसानों से बिना खरीदी कर ई-उपार्जन पोर्टल पर फर्जी आंकड़े का डेटा गलत दर्ज किया गया।

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Neel Tiwari
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Photograph: (THESOOTR)

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जबलपुर जिले के मझौली तहसील अंतर्गत सहकारी विपणन संस्था मर्यादित द्वारा संचालित गेहूं उपार्जन केन्द्र क्रमांक-02 (केन्द्र कोड-56333386), ग्राम लटुआ स्थित अन्नपूर्णा आदित्य ग्रेडिंग एण्ड वेयरहाउस में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी में बड़े पैमाने पर अनियमितता का खुलासा हुआ है। जिला प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में यह बात सामने आई है कि केन्द्र पर किसानों से बिना वास्तविक खरीदी किए ई-उपार्जन पोर्टल पर फर्जी आंकड़े दर्ज कर दिए गए और करीब 42 लाख रुपये मूल्य का गेहूं हड़प लिया गया।

कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ने दर्ज कराई FIR 

जिला आपूर्ति नियंत्रक नुज़हत बानो के निर्देश पर कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी नीलम उपाध्याय ने 23 मई 2025 को सिहोरा थाने में इस मामले को लेकर आवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने गेहूं खरीदी में किए गए इस फर्जीवाड़े की पूरी जानकारी देते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने की मांग की। रिपोर्ट के अनुसार, यह गंभीर मामला वर्ष 2025-26 के रबी विपणन सत्र से जुड़ा है।

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जांच अधिकारियों की रिपोर्ट से खुले राज

इस मामले की जांच कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी श्री कुंजन सिंह राजपूत और सुश्री रोशनी पांडे ने की। 19 मई 2025 को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसमें कई चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आईं। जांच के दौरान यह पाया गया कि केन्द्र पर कुल 32,288 क्विंटल गेहूं की खरीदी 328 किसानों से दिखाई गई, जबकि मौके पर उपलब्ध गेहूं की मात्रा इससे काफी कम थी।

वेयरहाउस में नहीं मिला पूरा गेहूं, टैग भी गायब

जांच में यह स्पष्ट हुआ कि अन्नपूर्णा आदित्य ग्रेडिंग एण्ड वेयरहाउस में 19 स्टैक बनाए गए थे, जिनमें कुल 58,501 बोरियां रखी गई थीं। प्रत्येक बोरी में 50 किलोग्राम गेहूं के हिसाब से कुल भंडारित मात्रा 29,250.50 क्विंटल निकली। हालांकि, ई-उपार्जन पोर्टल पर दिखाई गई मात्रा 32,288 क्विंटल थी, जिससे साफ हुआ कि करीब 1,623 क्विंटल गेहूं कम पाया गया। इतना ही नहीं, भंडारित बोरियों में कई जगह न तो किसान टैग थे और न ही किसान कोड अंकित था, जिससे यह संदेह और गहरा गया।

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गोदाम के बाहर भी कम मिला अनाज

जांच के दौरान वेयरहाउस के बाहर खरीदी प्रांगण में भी 830 बोरियां रखी हुई मिलीं, जिनका वजन अनुमानतः 415 क्विंटल था। जबकि गोदाम में कम पाई गई 2,038 क्विंटल गेहूं की भरपाई बाहर के स्टॉक से होनी चाहिए थी, लेकिन वह भी मौजूद नहीं था। इससे यह साफ हो गया कि बड़ी मात्रा में गेहूं की हेराफेरी की गई है।

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ऑपरेटर जांच के दौरान नदारद

गंभीर बात यह रही कि उपार्जन केन्द्र का कम्प्यूटर ऑपरेटर श्री अंकुश पटैल, जिसे जांच के लिए बुलाया गया था, वह उपस्थित नहीं हुआ। इससे यह संदेह और मजबूत होता है कि इस पूरे फर्जीवाड़े में केन्द्र का स्टाफ भी शामिल है और जांच से बचने की कोशिश कर रहा है।

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धोखाधड़ी का मामला दर्ज, जांच शुरू

जांच के आधार पर प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट हुआ कि केन्द्र प्रभारी श्री सूरज सिंह, कम्प्यूटर ऑपरेटर श्री अंकुश पटैल और ग्राउण्ड सर्वेयर श्री हर्षित कुर्मी ने आपसी मिलीभगत से यह षड्यंत्र रचा। उन्होंने किसानों से बिना खरीदी किए पोर्टल पर फर्जी आंकड़े दर्ज किए और शासन को लगभग 42,19,800 रुपये की चपत पहुंचाई। इन सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 318(4), 318(2), 336(3) एवं 61(2) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी गई है।

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