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मध्य प्रदेश की नई आबकारी नीति 1 अप्रैल से लागू होने जा रही है। इस नीति के तहत राज्य में कुछ बड़े बदलाव होंगे। जिसमें शराब की बिक्री पर प्रतिबंध और नए प्रकार के बारों का उद्घाटन शामिल है। इस लेख में हम मध्य प्रदेश की नई आबकारी नीति पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जो विभिन्न शहरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाएगा और नए प्रकार के लो अल्कोहलिक पेय पदार्थों की अनुमति देगा।
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नए लो अल्कोहलिक बारों का उद्घाटन
नई आबकारी नीति के तहत, राज्य में पहली बार लो अल्कोहलिक बेवरेज बार खोले जाएंगे। इन बारों में केवल बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों की अनुमति होगी, जिनमें अधिकतम 10 प्रतिशत वॉल्यूम ऑन वॉल्यूम (वी/वी) अल्कोहल होगा। इस कदम का उद्देश्य अल्कोहल के सेवन को नियंत्रित करना और लोगों को सीमित मात्रा में ही शराब का सेवन करने की प्रेरणा देना है।
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सामूहिक रूप से शराब पीने पर प्रतिबंध रहेगा
जिन क्षेत्रों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, वहां लोग बाहर से शराब लाकर व्यक्तिगत रूप से उसका सेवन कर सकेंगे। मध्य प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू नहीं है, इसलिए शराब को व्यक्तिगत उपयोग के लिए लाना और पीना कानूनी रूप से ठीक होगा। हालांकि, सामूहिक रूप से शराब पीने पर प्रतिबंध रहेगा। राज्य में शराब की बिक्री और बार में बैठकर पीने की जगहों पर रोक लगेगी, लेकिन व्यक्तिगत रूप से शराब का सेवन कानूनी रूप से संभव रहेगा।
आबकारी शुल्क में वृद्धि
नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। हालांकि, हेरिटेज शराब और वाइन उत्पादन नीति अपरिवर्तित रहेगी। राज्य सरकार ने वाइन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अंगूर और जामुन जैसे फलों से वाइन उत्पादन की अनुमति दी है। इसके अतिरिक्त, वाइन उत्पादन इकाइयों को अपने परिसर में खुदरा दुकानें संचालित करने की भी अनुमति होगी। इससे न केवल वाइन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
विदेशी शराब उद्योग को नए अवसर
आबकारी नीति के तहत, विदेशी शराब बनाने वाली कंपनियों को विशेष शराब निर्माण, भंडारण, निर्यात, आयात और बिक्री की अनुमति दी जाएगी। इससे राज्य को विदेशी शराब से जुड़ी आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है। अनुमान के अनुसार, मध्य प्रदेश में इस वित्त वर्ष में 3,600 मिश्रित शराब की दुकानें लगभग 15 हजार 200 करोड़ रुपए का राजस्व उत्पन्न कर सकती हैं।
इन शहरों में शराब बिक्री पर प्रतिबंध
राज्य के 19 पवित्र शहरों में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगेगा। इसमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर जैसे प्रमुख स्थल शामिल हैं। इन शहरों में 47 मिश्रित शराब की दुकानों को बंद कर दिया जाएगा। सरकारी अधिकारियों का मानना है कि इससे धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनी रहेगी और स्थानीय समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।