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वित्त विभाग द्वारा आपत्ति के बाद, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पॉलिसी में बड़े बदलाव किए गए हैं। अब ईवी की खरीद पर सीधी नकद सब्सिडी सहित तमाम तरह की छूटें हटा दी गई हैं। इसके बजाय, केवल चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने पर ही सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी। इस बदलाव से ईवी क्षेत्र को लेकर सरकार की दृष्टि अब चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। सरकार की ओर से छोटे, मध्य और बड़े चार्जिंग स्टेशनों के लिए क्रमश 1.5 लाख, 3 लाख और 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी देने का प्रस्ताव किया गया है।
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वित्त विभाग की आपत्ति और एविएशन पॉलिसी
वित्त विभाग ने पहले पॉलिसी ड्राफ्ट में प्रस्तावित भारी नकद सब्सिडी पर आपत्ति जताई थी, जिसके अनुसार सरकार 5,000 से 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी देने वाली थी। इस पर वित्त विभाग ने चिंता व्यक्त की थी कि इससे सरकार पर पांच साल में लगभग 3,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसके साथ ही, एविएशन पॉलिसी में भी सहमति दी गई है, जिसमें 5 साल में 3,000 करोड़ रुपए का भार आने का अनुमान है।
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टाउनशिप पॉलिसी में संशोधन
शहरों में बनने वाली टाउनशिप को अब मास्टर प्लान से छूट मिल सकेगी। 10 हेक्टेयर भूमि पर बनने वाली टाउनशिप को ग्रीन बेल्ट जैसे प्रावधानों से छूट दी जाएगी। इस संशोधन के साथ ही, टाउनशिप के डेवलपर्स को ईडब्ल्यूएस और एलआईजी (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय समूह) की योजनाओं के तहत निर्माण करना होगा, जिसका अनुपालन अनिवार्य होगा।
रीजनल कनेक्टिविटी पर जोर
नए एविएशन पॉलिसी के तहत, राज्य सरकार का लक्ष्य हर 50 किमी पर एक हेलीपेड, 100 किमी पर एक एयरपोर्ट और 150 किमी पर एक कमर्शियल फ्लाइट सुविधा स्थापित करना है। इसका उद्देश्य राज्य में रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है और विभिन्न क्षेत्रों में हवाई यात्रा की सुविधाएं मुहैया कराना है।
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आबकारी नीति में बदलाव
आबकारी नीति में भी बदलाव किए गए हैं। अब बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक उत्पादों को बेचने के लिए रेस्तरां और बार के पास 1,000 वर्ग फीट का स्थान और एसी की व्यवस्था होनी चाहिए। यह संशोधन शुक्रवार को जारी किया गया। इससे पहले, कैबिनेट की बैठक में आबकारी नीति पर सहमति नहीं बन पाई थी, लेकिन अब यह नीति लागू हो गई है। इस नीति का उद्देश्य शराब बिक्री को नियंत्रित करना और नए ढंग से इसे व्यावसायिक बनाना है।
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शराब बंदी से होने वाले नुकसान की भरपाई
विभाग ने उन निकायों और पंचायतों के लिए योजना बनाई है जहां शराब बंदी लागू होगी। वहां होने वाले लगभग 500 करोड़ के नुकसान की भरपाई दूसरे जिलों से की जाएगी। इसका उद्देश्य राज्य के रेवेन्यू को नुकसान से बचाना है, ताकि शराब बिक्री में कमी के बावजूद सरकार को स्थिर आय मिल सके।
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