कर्मचारियों के लिए आया नया नियम, 1 जनवरी से बदल जाएगा छुट्टियों का गणित, जानें क्या होगा बदलाव

एमपी में सरकारी कर्मचारियों के लिए नए अवकाश नियम 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे। इसके साथ ही 1978 के पुराने नियम समाप्त हो जाएंगे। इस बदलाव का असर 7 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा।

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Sandeep Kumar
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Photograph: (The Sootr)

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BHOPAL. मध्यप्रदेश के 7 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियों में बड़ा बदलाव होगा। वित्त विभाग ने मध्य प्रदेश सिविल सेवा अवकाश नियम 2025 का नोटिफिकेशन जारी किया है। यह नियम 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। 1978 के पुराने अवकाश नियम समाप्त हो जाएंगे।

महिला कर्मचारियों की संतान पालन अवकाश व्यवस्था में बदलाव किया गया है। अब तक महिला कर्मचारियों को 730 दिन का अवकाश 100% वेतन के साथ मिलता था। नए नियमों के तहत पहले 365 दिन 100% वेतन मिलेगा। अगले 365 दिन केवल 80% वेतन मिलेगा।

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1 जनवरी से बदल जाएंगे नियम

नए नियम 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगे। इससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टियों की व्यवस्था बदल जाएगी।

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365 दिन के बाद 80% वेतन

महिला कर्मचारी अवकाश एक बार या हिस्सों में ले सकती हैं। 365 दिन के बाद 80% वेतन मिलेगा। सरोगेसी से जन्मे बच्चे की देखभाल करने वाली महिला को भी चाइल्ड केयर लीव मिलेगा। नए अवकाश नियमों में दत्तक संतान ग्रहण अवकाश भी जोड़ा गया है। कर्मचारी गोद लेने के बाद बच्चे की एक वर्ष की आयु पूरी होने तक छुट्टी ले सकेंगे।

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कर्मचारियों को साल के 30 अवकाश

नए नियमों में कर्मचारियों को हर वर्ष 30 दिन अर्जित अवकाश मिलेगा। यह दो किस्तों में मिलेगा, 6 माह पर 15-15 दिन। किसी भी कर्मचारी को एक साथ 5 साल से अधिक का अवकाश मंजूर नहीं होगा। वित्त विभाग ने कहा कि अवकाश कर्मचारी का अधिकार नहीं होगा। अंतिम निर्णय स्वीकृत करने वाले अधिकारी का होगा।

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कर्मचारियों को अध्ययन के लिए अवकाश

कर्मचारियों को अध्ययन के लिए अवकाश मिलेगा। सामान्यतः 1 वर्ष तक की स्टडी लीव दी जाएगी। पूरे सेवाकाल में अधिकतम 24 महीने की छुट्टियां मिलेंगी। कर्मचारी को फीस और अन्य खर्च स्वयं वहन करने होंगे। यात्रा भत्ता नहीं मिलेगा। लीव से पहले बॉन्ड भरना अनिवार्य होगा। बॉन्ड के तहत कर्मचारी नौकरी पर लौटेगा।

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मेडिकल सर्टिफिकेट अवकाश की गारंटी नहीं देगा

नए नियम के अनुसार मेडिकल सर्टिफिकेट अवकाश की गारंटी नहीं देगा। निर्णय स्वीकृति प्राधिकारी के आदेश पर निर्भर करेगा। कर्मचारी के दोबारा कार्य ग्रहण करने की संभावना न होने पर अवकाश आवेदन अमान्य नहीं होगा।
पूरे सेवाकाल में 180 दिन का अर्द्धवेतन अवकाश मिलेगा। यह बिना मेडिकल सर्टिफिकेट के मिलेगा। यदि कर्मचारी इस्तीफा देता है, तो यह अवकाश अर्द्धवेतन अवकाश के समान होगा। अंतर की राशि वसूल की जाएगी।

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