नए साल में एमपी में ई-अटेंडेंस के लिए एंड्रॉयड 11 मोबाइल होगा जरूरी

मध्य प्रदेश के बिजलीकर्मी कंपनी की नई शर्तों के कारण परेशान हैं। 1 जनवरी से कंपनी ने कर्मचारियों को ई-अटेंडेंस के लिए एंड्रॉयड 11 वर्जन का मोबाइल खरीदने के निर्देश दिए हैं।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL. मध्य प्रदेश के बिजलीकर्मी मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी की नई शर्त से मुश्किल में हैं। कंपनी से इन कर्मचारियों को 1 जनवरी से ई-अटेंडेंस (E-Attendance) के लिए नया मोबाइल फोन खरीदने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

इसके लिए कंपनी की ओर से कर्मचारियों के मोबाइल फोन पर मैसेज भी भेजे जा रहे हैं। जिन कर्मचारियों के पास 11 वर्जन से नीचे के मोबाइल फोन होंगे वे अपनी हाजिरी दर्ज नहीं कर सकेंगे।

कंपनी की इस शर्त से वे कर्मचारी मुश्किल में हैं जो आउटसोर्स पर काम कर रहे हैं और सैलरी 10 से 15 हजार रुपए ही है। बिजली कंपनी की इस शर्त को लेकर हजारों कर्मचारी अपनी परेशानी लेकर अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं मिल रहा है।

ई-अटेंडेंस की नई शर्त

लाइनमैन, ऑपरेटर, एलडीसी, मीटर रीडर, हेल्पर जैसे कम वेतन वाले कर्मचारी ई-अटेंडेंस एप्लीकेशन 2.0 पर अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं। यह एप्लीकेशन अब तक सामान्य एंड्रॉयड यानी स्मार्ट फोन पर काम कर रही थी।

हाल ही में बिजली कंपनी ने एप्लीकेशन को अपडेट किया है। यह अपडेट ई-अटेंडेंस एप वर्जन 11 से नीचे के मोबाइल फोन में काम नहीं करेगा। इसके लिए कंपनी ने कर्मचारियों को नया मोबाइल खरीदने की हिदायत दे दी है।

अब दो बार दर्ज होगी हाजिरी

बिजली कंपनी के जूनियर इंजीनियर से नीचे के मैदानी और कार्यालयीन कर्मचारियों को 1 जनवरी से दिन में दो बार ई-अटेंडेंस एप्लीकेशन पर हाजिरी दर्ज करनी होगी।

ड्यूटी टाइम यानी सुबह 10 बजे जहां उन्हें काम सौंपा गया है वहां जाकर पंच-इन करना होगा। यही नहीं, आठ घंटे की ड्यूटी पूरी होने के बाद शाम 6 बजे उसी जगह पहुंचकर पंच-आउट करना भी जरूरी होगा।

 ऐसा न करने पर कर्मचारी की उपस्थिति दर्ज नहीं होगी और वेतन में कटौती हो जाएगी।

ई-अटेंडेंस से जुड़ी ये खबर शॉर्ट में समझें

  1. नया मोबाइल जरूरी: मध्य प्रदेश बिजली कंपनी ने 1 जनवरी से कर्मचारियों को ई-अटेंडेंस के लिए एंड्रॉयड 11 वर्जन का मोबाइल (एंड्रॉयड फोन) खरीदने का आदेश दिया है।

  2. पुराने मोबाइल से परेशानी: जिन कर्मचारियों के पास 11 वर्जन से नीचे का मोबाइल होगा, वे अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाएंगे।

  3. आउटसोर्स कर्मचारी प्रभावित: कम वेतन पाने वाले आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों को इस शर्त से बड़ी परेशानी हो रही है, क्योंकि उनका वेतन 10 से 15 हजार रुपए तक है।

  4. द्वि-दिनिक हाजिरी: कर्मचारियों को अब दिन में दो बार ई-अटेंडेंस एप पर हाजिरी दर्ज करनी होगी — एक बार सुबह 10 बजे और दूसरी बार शाम 6 बजे।

  5. नई व्यवस्था का उद्देश्य: बिजली कंपनी का कहना है कि यह नई व्यवस्था कर्मचारियों की उपस्थिति और बिजली आपूर्ति में देरी को नियंत्रित करने के लिए लागू की गई है।

जेई और सीनियर अफसरों को छूट

मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी (मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी) द्वारा ई-अटेंडेंस () की नई व्यवस्था 1 जनवरी से लागू होगी। कंपनी ने कर्मचारियों के काम से गायब रहने, बिजली सप्लाई संबंधी शिकायतों के निपटारे में देरी की स्थिति को देखते हुए कसावट की है।

इसी वजह से मैदानी अमले को सुबह और शाम को ई-अटेंडेंस (e attendance news mp) एप्लीकेशन पर उपस्थिति दर्ज करने की पाबंदी रखी गई है। वहीं, मैदानी ड्यूटी के बावजूद जूनियर इंजीनियर और उससे ऊपर के अधिकारियों को इसमें रियायत दी गई है।

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मोबाइल खरीदने की मुश्किल

बिजली कंपनी में सबसे ज्यादा संख्या आउटसोर्स, संविदा और अस्थायी कर्मचारियों की है। इनमें से अधिकतर कर्मचारियों ( ई-अटेंडेंस व्यवस्था) को वेतन के रूप में 10 से 15 हजार रुपए और कुछ 20 हजार रुपए मिलते हैं।

E Attendance की शुरुआत के दौरान भी इन कर्मचारियों को मोबाइल फोन खरीदने पड़े थे। कंपनी द्वारा एप्लीकेशन अपडेट कराने के बाद इन्हें एंड्रॉयड मोबाइल फोन 11 वर्जन खरीदना होगा।

इसके बिना वे एप्लीकेशन पर हाजिरी ही दर्ज नहीं करा सकेंगे और वेतन अटक जाएगा। यही वजह हजारों बिजलीकर्मियों की परेशानी बनी हुई है।

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