JABALPUR : पब्लिशर और बुक सेलर्स का नेक्सस आया सामने

स्कूलों के बाद अब पुस्तक विक्रेताओं पर प्रशासन की टेढ़ी नजर, कई पुस्तक विक्रेताओं के यहां एक साथ की गई छापेमारी। बड़ी मात्रा में पकड़ी गई फर्जी आईएसबीएन ( ISBN ) नंबर की पुस्तकें।

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
New Update
PIC

जिला प्रशासन ने की छापेमार कार्रवाई

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नील तिवारी @ JABALPUR. जबलपुर के बड़े पुस्तक विक्रेताओं के यहां मंगलवार को छापामारी की गई है। दरअसल, कलेक्टर दीपक सक्सेना ( Collector Deepak Saxena ) को एक शिकायत प्राप्त हुई थी। इसमें बताया गया था कि किताबों को सहित यूनिफॉर्म को खास दुकान से खरीदने के लिए स्कूल बाध्य कर रहे हैं। इस पर कलेक्टर ने स्कूलों और संबंधित दुकानों के खिलाफ शिकायत करने के लिए व्हाट्सएप्प नंबर 9407083130 भी जारी किया था। इसके बाद 65 स्कूलों पर कार्रवाई की गई। इनकी खुली सुनवाई होना बाकी है। इसी क्रम में पुस्तक विक्रेताओं पर कार्रवाई की जा रही है।

ये खबर भी पढ़िए...लोकसभा चुनाव पहले MP युवा कांग्रेस अध्यक्ष के पद से विक्रांत भूरिया का इस्तीफा, मितेन्द्र दर्शन सिंह नए अध्यक्ष

एक साथ शहर के हर कोने में छापे

कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर शहर के बड़े पुस्तक विक्रेताओं के यहां एक ही समय पर छापे मारे गए। गोरखपुर स्थित संगम बुक डिपो पर एडीएम गोरखपुर के नेतृत्व में  कार्रवाई हुई। एसडीएम आधारताल शिवाली सिंह के नेतृत्व में उखरी तिराहे और गोलबाजार स्थित न्यू राधिका बुक पैलेस की दोनों दुकानों पर, एसडीएम रांझी रघुवीर सिंह मरावी के नेतृत्व में नौदरा ब्रिज स्थित चिल्ड्रन बुक डिपो पर कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में बड़ी मात्रा में फर्जी आईएसबीएन (ISBN) नंबर की किताबें पकड़ी गई। गौरतलब है कि इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बुक नंबर (ISBN) हर प्रकाशक को जारी किया जाता है, जिससे उस किताब का साइज, पृष्ठों की संख्या और लेखक तथा प्रकाशक की पुष्टि की जा सकती है। जिसके लिए एक स्कैनर कोड भी प्रिंट किया जाता है , ताकि असली और नकली किताब में फर्क समझा जा सके। जांच के दौरान इन पुस्तकों में छापे गए ISBN कोड फर्जी पाए गए।

ये खबर भी पढ़िए...द सूत्र एक्सपोज : मंत्री की रोक के बाद भी वरिष्ठ जिला पंजीयक नायडू और राठौर ने किया 50 करोड़ की जमीन में खेल

विक्रेताओं ने ही खोली अपने नेक्सस की पोल

कार्रवाई के दौरान बुक स्टोर संचालकों ने आरोप लगाया की, बार-बार संपर्क करने के बाद भी प्रकाशक उन्हें किताबें उपलब्ध नहीं कराते एवं किताबें उस खास पुस्तक विक्रेता को उपलब्ध कराई जाती हैं। जिसकी स्कूल से साठ-गांठ हो। इस दौरान एक पुस्तक विक्रेता ने दो क्राइस्टचर्च स्कूलों का नाम भी लिया पर इससे यह बात भी खुलकर सामने आ गई, कि हर पुस्तक विक्रेता की किसी न किसी स्कूल से साठ गांठ चल रही है । कार्रवाई के दौरान स्कूल संचालकों सहित प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं का नेक्सस खुलकर सामने आ रहा है। जिसमें अभिभावकों की जेब खाली करने के लिए उनकी प्लानिंग भी साफ नजर आ रही है।

ये खबर भी पढ़िए...MPPSC मेंस 2022 के वैल्यूशन में हो रही देरी, कॉपियां जांचने वालों की लग गई चुनाव ड्यूटी

नहीं चल सका रसूख और पहचान का दबाव

जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के बाद पुस्तक विक्रेताओं ने रसूखदारों एवं नेताओं से संपर्क कर दबाव बनाने की पूरी कोशिश की पर अधिकारियों पर इस दबाव का असर ना पड़ते देख इन शिक्षा माफियाओं के हाथ पांव फूल गए। आखिरकार तलाशी के बाद सभी फर्जी पुस्तकें जब्त करने के बाद प्रशासन के द्वारा प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।

ये खबर भी पढ़िए...दिग्विजय सिंह ने सीएम यादव की फोटो देख बीजेपी को दिया नया नाम- BCP यानी भारतीय कांग्रेस पार्टी

Collector Deepak Saxena कलेक्टर दीपक सक्सेना यूनिफॉर्म पुस्तक विक्रेताओं