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JABALPUR. मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ई-अटेंडेंस व्यवस्था पर सुनवाई नहीं हो पाई। यह याचिकाएं बुधवार को नहीं सुनी गईं। मामला जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी की सिंगल बेंच के समक्ष 94 नंबर पर लिस्टेड था। राज्य सरकार ने अपना जवाबी हलफनामा कोर्ट में जमा तो कर दिया। लेकिन समय की कमी के कारण मामले पर सुनवाई नहीं हो पाई।
सरकार ने पेश किया एफिडेविट
राज्य शासन ने तकनीकी और नेटवर्क मुद्दों पर काउंटर-अफिडेविट जमा किया। कोर्ट में लिस्टेड अन्य मामलों की लंबी कार्यवाही चली। इस कारण ई-अटेंडेंस विवाद पर बहस नहीं हो सकी। दिन भर की लिस्ट पूरी होने से पहले कोर्ट का समय समाप्त हो गया।
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समय की कमी का कारण नहीं हो सकी सुनवाई
कोर्ट में अधिक मामले लिस्टेड होने और समय की कमी के कारण जस्टिस एम एस भट्टी ने मामले को 27 नवंबर के लिए फिर लिस्ट करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता शिक्षक 'हमारे शिक्षक' ऐप में समस्याओं और नेटवर्क बाधाओं के कारण राहत की उम्मीद कर रहे हैं। राज्य सरकार ने दो पुराने फैसलों का हवाला देते हुए अपना पक्ष रखा। सरकार ने पिछली सुनवाई में कहा था कि हाई कोर्ट पहले ही आदेश जारी कर चुका है।
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5 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी👉94 नंबर पर लिस्टेड ई-अटेंडेंस मामले की सुनवाई बुधवार को नहीं हो पाई क्योंकि कोर्ट में समय की कमी थी। 👉राज्य सरकार ने तकनीकी और नेटवर्क से संबंधित मुद्दों पर काउंटर-अफिडेविट कोर्ट में प्रस्तुत किया। 👉कोर्ट में अन्य मामलों की लंबी सुनवाई के कारण ई-अटेंडेंस पर बहस नहीं हो पाई। 👉जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी ने मामले को 27 नवंबर के लिए फिर से लिस्ट करने का आदेश दिया। 👉27 नवंबर को ई-अटेंडेंस से जुड़ी शिक्षकों की समस्याओं पर कोर्ट का रुख स्पष्ट होगा, जिसमें सरकार ने नेटवर्क कनेक्टिविटी और ऐप की प्राइवेसी मुद्दों पर जवाब दिया है। |
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