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BHOPAL. नई दिल्ली में हुई मीटिंग में NTPC के चेयरमैन गुरदीप सिंह ने सीएम मोहन यादव से मुलाकात की। उन्होंने मध्यप्रदेश में चल रही ऊर्जा परियोजनाओं की ताजा स्थिति साझा की। यह वही प्रोजेक्ट हैं जिनके लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में बड़े करार हुए थे।
गाडरवाड़ा में 660 MW की दूसरी यूनिट
NTPC ने बताया कि नरसिंहपुर के गाडरवाड़ा में 660 मेगावॉट की दूसरी यूनिट की तैयारी अंतिम चरण में है। यह परियोजना 6000 करोड़ रुपए की लागत से लग रही है। अधिकारियों के अनुसार, यूनिट का भूमिपूजन जल्द हो सकता है। इससे क्षेत्र में बड़ी औद्योगिक हलचल की उम्मीद है।
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गाडरवाड़ा क्यों है खास?
गाडरवाड़ा सुपर थर्मल पावर स्टेशन पहले ही NTPC की प्रमुख परियोजनाओं में शामिल है। 2014 में घोषणा के बाद इसे मध्यभारत के बड़े कोयला आधारित पावर हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। दूसरी यूनिट लगने के बाद प्रदेश को अतिरिक्त पावर सप्लाई मिलेगी। उद्योगों को स्थिर बिजली का भरोसा भी होगा।
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न्यूक्लियर-सोलर एनर्जी पर भी काम चालू
एनटीपीसी चेयरमैन ने बताया कि कंपनी प्रदेश में परमाणु ऊर्जा संयंत्र और बड़े सोलर पार्क पर तेजी से काम कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार के सहयोग पर आभार जताया। मध्यप्रदेश रीन्यूएबल एनर्जी में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। नीमच, रीवा और अग्यारसूर के सोलर प्रोजेक्ट इसके उदाहरण हैं।
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NTPC का MP में निवेश तेजी से बढ़ा
गाडरवाड़ा एनर्जी हब: पिछले एक दशक में NTPC ने मध्यप्रदेश में कई परियोजनाएं चलाईं। खण्डवा, सीहोर और सिंगरौली में विस्तार हुआ। रीवा सोलर प्लांट का मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया गया। कोयला आधारित यूनिट्स के आधुनिकीकरण पर बड़े फंड लगाए गए। अब गाडरवाड़ा की नई यूनिट इस निवेश यात्रा को नया चरण देगी। एनर्जी एक्सपर्ट्स मानते हैं कि दूसरी यूनिट शुरू होने के बाद प्रदेश में पावर सरप्लस क्षमता बढ़ेगी। औद्योगिक कॉरिडोर को सस्ती और स्थायी बिजली मिलेगी। नरसिंहपुर, होशंगाबाद और जबलपुर बेल्ट में रोजगार के मौके बढ़ेंगे।
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