ममलेश्वर लोक निर्माण विवाद: ओंकारेश्वर में होटल-लॉज, ऑटो सब बंद, जानें पूरा मामला

ओंकारेश्वर में ममलेश्वर लोक निर्माण परियोजना पर विवाद बढ़ गया है। 120 करोड़ रुपए की इस परियोजना का विरोध हो रहा है। स्थानीय लोग और संत समाज इसका विरोध कर रहे हैं। सरकार परियोजना बनाए रखने के पक्ष में है।

author-image
Sandeep Kumar
New Update
mamleshwar-project
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

मुश्ताक मंसूरी @ खंडवा 

Khandwa. खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में ममलेश्वर लोक निर्माण पर विवाद बढ़ रहा है। ब्रह्मपुरी क्षेत्र में 120 करोड़ रुपए की परियोजना प्रस्तावित है। स्थानीय लोग और संत समाज इसका विरोध कर रहे हैं। सरकार परियोजना को बनाए रखने के पक्ष में है। दूसरी ओर, प्रभावित परिवारों में भविष्य को लेकर चिंता है। सोमवार से स्थानीय लोगों ने स्वैच्छिक बंद रखा है। इससे तीर्थयात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

विकास नहीं, विस्थापन है

स्थानीय लोगों ने ममलेश्वर लोक निर्माण परियोजना पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह विकास नहीं, विस्थापन है। सोमवार से तीन दिवसीय ओंकारेश्वर बंद शुरू हुआ। पहले दिन नगर का बाजार पूरी तरह बंद रहा।

ये भी पढ़ें...एमपी की राशन दुकानों में भूतों का रहस्यमयी खेल, आत्माएं फिंगर प्रिंट लगा कर ले रही गेहूं-चावल!

ये सभी बंद- 

  • होटल-लॉज
  • चाय-नाश्ते की दुकानें
  • ऑटो व नाव सेवा
  • धाम, धर्मशालाएं

सब कुछ एक-एक कर ताले में जकड़ गया। नर्मदा घाटों पर नावें नहीं चल रही हैं। मंदिर परिसर के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ है। यह दृश्य ओंकारेश्वर में पहले शायद ही कभी देखा गया हो।

ये भी पढ़ें...जोजरी नदी : प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की राजस्थान सरकार को फटकार, 20 लाख प्रभावितों का हवाला

विस्थापन की साजिश का आरोप 

स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि ब्रह्मपुरी और ममलेश्वर क्षेत्र को खत्म किया जा रहा है। घर-परिवार उजाड़ने के लिए झूठे सर्वे किए जा रहे हैं। कई महिलाओं ने दावा किया कि उन्हें बिना सूचना सर्वे में शामिल किया गया।

लोगों का आरोप है कि ममलेश्वर विकास के नाम पर इलाका बेचा जा रहा है। बड़े होटल-रिसॉर्ट समूहों को जमीन सौंपने की योजना है। गरीबों की दुकानें हटाकर उद्योगपतियों को जमीन दी जाएगी। इन आरोपों ने आंदोलन को और तेज कर दिया है।

ये भी पढ़ें...शेख हसीना को मौत की सजा... ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद शेख हसीना का पहला रिएक्शन

हम मर जाएंगे, लेकिन जमीन नहीं छोड़ेंगे

सैकड़ों महिलाएं सड़क पर बैठ गईं और नारे लगाए। उन्होंने कहा कि हम मर जाएंगे, लेकिन जमीन नहीं छोड़ेंगे। कई महिलाएं रोते हुए बोलीं कि हमारी दुकानें ही हमारी आजीविका हैं। एक बुजुर्ग महिला ने कहा कि हमने यहां अपनी उम्र गलाई है।

तीर्थयात्री परेशान

तीर्थयात्रियों को बंद के पहले दिन कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। होटल, भोजनालय और नाव सेवा बंद रहे। ऑटो सेवा भी बंद रही। श्रद्धालुओं को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। स्थानीय लोग कहते हैं कि हमें अफसोस है, लेकिन अस्तित्व दांव पर है।

ये भी पढ़ें...MP Weather Update: मध्यप्रदेश के 13 जिलों में शीतलहर का अलर्ट, रातें होंगी सर्द, जानें आज का मौसम

जमीन छीनी जा रही: कांग्रेस

कांग्रेस जिला अध्यक्ष उत्तमपाल सिंह भी आंदोलन में पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार बैकडोर से डील कर रही है। बड़े प्रोजेक्ट के नाम पर जमीन छीनी जा रही है। हम जनता के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि बिना सहमति के सर्वे किया गया।

मध्यप्रदेश ओंकारेश्वर खंडवा ममलेश्वर लोक निर्माण ममलेश्वर लोक निर्माण परियोजना
Advertisment