पंचायतों में फर्जीवाड़ा: कागजों पर निर्माण दिखा हड़पे लाखों रुपए, सरपंच पत्नी ने पति को दिया जमीन का पट्टा

मध्य प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था लागू है,लेकिन व्यवस्था में आए दिन उजागर होते घोटाले बताते हैं कि भ्रष्टाचार अब निचलेस्तर तक अपनी पैठ जमा चुका है।

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Ravi Awasthi
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भोपाल।
टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में निर्माण काम कागजों पर बताकर सरकारी धनराशि हड़पने का मामला सामने आया है। विधानसभा में यह मामला उठने के बाद पंचायत एवं ग्रामीण वि​कास विभाग ने जिम्मेदारों से करीब 63 लाख रुपए की रिकवरी किए जाने का निर्णय लिया है।

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यह जानकारी सोमवार को राज्य विधानसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने दी। अपनी खरगापुर खरगापुर विधानसभा सीट में हुए घोटाले का मामला स्थानीय विधायक चंद्रा सिंह गौर ने उठाया। गौर के सवाल के जवाब में मंत्री ने माना कि जिले की बल्देवगढ़ जनपद अंतर्गत छिदारी पंचायत में मेढ़ बंधान,खेत तालाब जैसे 41 निर्माण कार्यों एवं योजानाओं में व्यापक पैमाने पर अनियमितता हुई। कामकाज कागजों पर दर्शाकर लाखों रुपए की राशि खजाने से आ​हरित कर ली गई। 

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करीब 63 लाख रुपए की होगी वसूली

मंत्री पटेल ने बताया कि संबंधित प्रकरण में रोजगार सहायक दीनदयाल या​दव से 39 हजार रुपए वसूले जा चुके हैं,​जबकि शेष 21लाख रुपए की वसूली की जानी है। प्रकरणों में संबंधित सरपंच,सचिव,उपयंत्री,सहायक यंत्री,लेखापाल व जनपद सीईओ से संयुक्त तौर पर 62लाख62हजार 808 रुपए की वसूली की कार्यवाही जारी है। इनके खिलाफ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 89 के तहत भी कार्यवाही की गई है। 

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सवाल लगने के बाद हुआ वसूली का आदेश

 सूत्रों के मुताबिक,लाखों रुपए की गड़बड़ी का यह मामला करीब तीन से चार साल पुराना है,लेकिन वसूली के आदेश गत 7 जुलाई को हो सके। वह भी तब जब खरगापुर विधायक की ओर से इससे जुड़ा सवाल सदन में पूछा गया। विधायक चंदा   सिंह गौर ने कहा कि गड़बड़ी एक करोड़ रुपए से अधिक की है,लेकिन इसमें महज 62 लाख 62 हजार की वसूली का आदेश हैरत पैदा करने वाला है। उन्होंने कहा कि वह तो चाहेंगी कि किसी राज्य स्तरीय दल से इसकी जांच कराई जाए। इसमें उन्हें भी शामिल किया जाए। 

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सरपंच पत्नी ने पति को दे डाला जमीन का पट्टा

इधर,पंचायतीराज व्यवस्था में हो रही धांधली से जुड़ा एक अन्य मामला पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक डॉ सीतासरण शर्मा के सवाल के जवाब में सामने आया। जवाब पंचायत मंत्री प्रह्ललाद पटेल ने दिया। उन्होंने बताया कि नर्मदापुरम जिले की ग्राम पंचायत सोनासांवरी में तत्कालीन सरपंच प्रीति पटेल पर अपने ही पति दीपक पटेल के नाम जमीन का पट्टा देने का आरोप है,लेकिन इस पट्टे से जुड़ा कोई भी रिकॉर्ड सरकारी दस्तावेजों में दर्ज नहीं है। यह पट्टा सरपंच,सचिव व पटवारी के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी किया गया।संबंधित पटवारी का निधन हो चुका है। फिलहाल इस मामले में जिला कलेक्टर को जांच कर कार्यवाही के लिए कहा गया है। मध्य प्रदेश न्यूज

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