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इंदौर के गांधी नगर स्थित श्री सुमतिनाथ दिगंबर जिनालय में 6 दिनी पट्टाचार्य महोत्सव 27 अप्रैल से 2 मई तक आयोजित किया जा रहा है। इसी कड़ी में रविवार को जहां 388 से अधिक संतों का मंगल प्रवेश जुलूस निकला तो अब उनके चौके के लिए खास तरह के आयोजन किए जा रहे हैं। इस महोत्सव में बड़ी संख्या में पहुंचे संतों को भोजन कराने के लिए कुल 360 चौके लगाए गए हैं। यहां पर जैन श्रद्धालु सुबह 6 बजे उठकर जैन संतों के लिए कुंए के पानी से भोजन तैयार कर रहे हैं। इस शुभ काम में 350 से ज्यादा जैन परिवार में अपना हाथ बंटाकर जैन संतों का आशिर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। बता दें कि इंदौर में इतनी बड़ी संख्या में जैन संतों के एक साथ आगमन और महामिलन का यह पहला ही मौका है।
कुंए के पानी से तैयार कर रहे भोजन
पट्टाचार्य महोत्सव में 388 से ज्यादा जैन संत देशभर से पधारे हैं। संतों के समागम का ऐसा आयोजन पहली बार शहर में हो रहा है। आयोजन स्थल सुमतिधाम पर संतों की आहारचर्या के लिए 360 चौके अलग-अलग ब्लॉक में बनाए गए हैं। यहां समाज के 350 से ज्यादा परिवार सेवा में जुटे हैं। रोज सुबह 6 बजे उठकर कुएं के पानी से भोजन तैयार कर रहे।
एक चौके में चार से छह महिलाएं रोज तैयार करती हैं भोजन
संतों की सेवा में जुटे श्रद्धालु बताते हैं कि सभी चौके में अलग-अलग चार से छह महिलाएं मिलकर सुबह 6 बजे से भोजन तैयार करती हैं। आटे से लेकर मसाले सब कुछ हर दिन सुबह ही पीसते हैं। महिला श्रद्धालुओं ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को अपने-अपने चौके के नंबर दिए हैं। उसी क्रम से वे खड़े होते हैं।
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24 घंटे में एक बार आहार लेते हैं संत
जैन संत 24 घंटे में एक ही बार आहार और पानी लेते हैं, वह भी खड़े-खड़े, अपने हाथों में। अपने हाथ में अंजुली को पात्र बनाकर ही भोजन लेते हैं। जैन संतों का कहना है कि 24 घंटे में एक बार ही भोजन-पानी लेने से सब अच्छा चल रहा है तो वह हमारे लिए पर्याप्त है। साधना-तप के बल पर यह संभव हुआ है।
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मंगल प्रवेश जुलूस में मौजूद थे 12 आचार्य, 8 उपाध्याय, 140 दिगंबर मुनि
श्री सुमतिनाथ दिगंबर जिनालय, पट्टाचार्य महोत्सव समिति एवं गुरू भक्त परिवार ने बताया कि सुमति धाम पर पट्टाचार्य महोत्सव विधानाचार्य धर्मचंद्र शास्त्री, नितिन झांझरी आदि के निर्देशन में संपन्न होगा। आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज के पट्टाचार्य महोत्सव में पहली बार ऐसा मौका था, जिसमें 388 संतों का महामिलन भी हुआ। संतों के इस महामिलन का साक्षी समग्र दिगंबर जैन समाज सहित गुरु भक्त परिवार बना। गुरु भक्तों ने आचार्यश्री की अगवानी की एवं इस दौरान पूरे मार्ग में गुरुदेव के जयकारे भी गूंजते रहे। मंगल प्रवेश जुलूस में 12 आचार्य, 8 उपाध्याय, 140 दिगंबर मुनि, 9 गणिनी आर्यिका, 123 आर्यिका माता जी, 105 ऐलक, क्षुल्लक, क्षुल्लिका एक साथ मौजूद थे।
हाथी, घोड़े, ऊंट के साथ विंटेज कारें भी दिखीं
श्री सुमतिनाथ दिगंबर जिनालय, पट्टाचार्य महोत्सव समिति, गुरू भक्त परिवार के मुताबिक महावीर बाग से मंगल जुलूस की शुरुआत की गई। शोभायात्रा के दौरान समग्र दिगंबर जैन समाज बंधुओं के साथ ही अन्य सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने भी संतों की अगवानी मंच से की। पश्चिमी क्षेत्र में निकले इस प्रवेश जुलूस समग्र दिगंबर जैन समाज बंधुओं का जन सैलाब उमड़ा। जुलूस के दौरान भक्त अपने गुरू की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखे। जुलूस के अग्र भाग में 12 अश्व, 4 ऊंट, 2 हाथी, 16 बग्घि, 5 विंटेज कार, बैंड-बाजे, कलश धारी महिलाएं, अष्ट मंगल के साथ ही नासिक के ढोल अपनी प्रस्तुति देते हुए नजर आए। महावीर बाग से सुमति धाम 7 किलोमीटर के इस मार्ग में 50 से अधिक विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा मंच लगाकर आचार्यश्री, उपाध्याय गणधर , प्रवर्तक, मुनि, आर्यिका गणिनी, ऐलक, क्षुल्लक महाराज की अगवानी गुरू भक्त परिवारों ने की।
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सुमति धाम में हुआ देशना मंडप का लोकार्पण
मंगल प्रवेश जुलूस महावीर बाग से एरोड्रम रोड़, कालानी नगर, एयरपोर्ट, गांधी नगर होते हुए सुमति धाम पहुंचा। जहां आचार्यश्री के सान्निध्य में देशना मंडप का लोकार्पण हुआ। इसके बाद पाद-पक्षालन गुरु भक्त परिवार ने किया। इसके बाद आचार्यश्री के सान्निध्य में स्वागत उद्बोधन, चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन, पाद पक्षालन, शास्त्र भेंट कार्यक्रम संपन्न हुआ। सुबह 9 बजे से मंगल प्रवचन व 10 बजे से आचार्यश्री की आहारचर्या संपन्न हुई। दोपहर 3 बजे से आचार्यश्री धर्मसभा को संबोधित करेंगे। शाम 6.10 बजे दैवसिक प्रतिक्रमण, 6.30 बजे आचार्य वंदना, आरती, रात 8 बजे प्रोजेक्शन मैपिंग के साथ ही 8.30 बजे से लेजर शो होगा। रात 9 बजे से भगवान आदिनाथ के जीवन चरित्र पर नृत्य नाटिका की प्रस्तुति कलाकारों व गुरू भक्त परिवार द्वारा दी जाएगी।
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मंत्री कैलाश और महापौर भार्गव भी पहुंचे
पट्टाचार्य महोत्सव में सम्मिलित होने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दोपहर को सुमति धाम आएंगे। जहां वे सभी संतों के दर्शन कर आशीर्वाद लेंगे। साथ ही आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के प्रवचन सुनेगें। इधर, मंगल प्रवेश जुलूस में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी शामिल हुए।
65 एकड़ में बने हैं स्वर्ग–नर्क, शास्त्र प्रदर्शनी और बाल संस्कार शिविर
6 दिवसीय पट्टाचार्य महोत्सव की तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। 65 एकड़ में आयोजित होने वाले इस महाकुंभ में एयर कंडीशन कॉटेज, ज्ञान शाला, विराग उदय, आचार्य विराग सागर महाराज द्वारा लिखित शास्त्र प्रदर्शनी, बाल संस्कार शिविर, प्ले जोन, स्वर्ग, नर्क, समवशरण रचना, चाय-काफी शॉप सहित अनेक अभूतपूर्व व्यवस्थाएं की गई है। आचार्य विशुद्ध सागर के पट्टाचार्य महोत्सव के स्थल को देशना मंडप नाम दिया है। जिसमें बड़ी संख्या में गुरू भक्तों की बैठने की व्यवस्था की गई है। 6 दिवसीय महोत्सव में 15 लाख से अधिक गुरू भक्तों के शामिल होने का अनुमान है। सुमति धाम पर सभी कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं की गई है। दूधिया रोशनी से जगमग सुमति धाम का नजारा काफी दूर से ही नजर आ रहा था।