BHOPAL. महिला पर्यवेक्षक परीक्षा में गड़बड़ी और पदवृद्धि की मांग को लेकर मंगलवार को एनईवाययू द्वारा भोपाल में प्रदर्शन किया गया। नीलम पार्क में धरना देकर प्रदेश भर से आई महिला अभ्यर्थियों ने पर्सेंटाइल और नार्मलाइजेशन की आड़ में योग्य अभ्यर्थियों से पक्षपात के आरोप लगाए।
वहीं प्रदेश में 1200 पद रिक्त होने के बावजूद 660 पदों पर भर्ती परीक्षा के आयोजन पर भी सवाल खड़े किए हैं। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के आव्हान पर धरना- प्रदर्शन में शामिल महिला अभ्यथिर्यों ने सरकार से पदों की संख्या में इजाफा करने की मांग की है।
पर्सेंटाइल- नार्मलाइजेशन का रोड़ा
फरवरी में हुई महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक परीक्षा के परिणाम आने के बाद महिला अभ्यर्थियों में नाराजगी है। अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा के परिणाम में पर्सेंटाइल और नार्मलाइजेशन की हेराफेरी के आरोप लगा रही हैं।
इंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम, सीहोर, जबलपुर, ग्वालियर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से आई महिला अभ्यर्थियों ने अपनी परेशानियां मंच से उठाईं। उनका कहना था घर- परिवार की जिम्मेदारी निभाते हुए वे मुश्किल से पढ़ाई कर पा रही हैं। इसके बाद वे पूरी तैयारी के साथ परीक्षा देती है लेकिन कभी नार्मलाइजेशन और कभी पर्सेंटाइल की बाजीगरी उनका रास्ता रोक देती है। धरना प्रदर्शन में शामिला महिला अभ्यर्थियों का कहना था उन्हें 99.7 पर्सेंटाइल के बाद भी मेरिट में जगह नहीं मिली है।
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पद 1200 फिर 660 पर भर्ती क्यों
भर्ती परीक्षा में पद वृद्धि की मांग भी अभ्यर्थियों ने की है। उनका कहना था कि प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत 1200 से ज्यादा पद खाली हैं। इन पर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जानी है। यह डेटा सरकार के ही विभाग का है लेकिन भर्ती के लिए केवल 660 पद ही रखे गए हैं।
इस भर्ती में लाखों महिला अभ्यर्थी शामिल हुई हैं। सरकार को खाली पदों को भरना है तो इसके लिए दूसरी भर्ती परीक्षा कराने की जगह इसी परिणाम के आधार पर भरा जा सकता है। दोबारा परीक्षा के कराने में सरकार पर भी उसके आयोजन का भार आएगा और अभ्यर्थियों को भी फिर से तैयारी और परीक्षा फीस पर खर्च करना होगा।
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ईएसबी की गड़बड़ी से निराशा
एनईवायू संगठन के पदाधिकारी राधे जाट भी महिला पर्यवेक्षक भर्ती की अभ्यर्थियों के समर्थन में आगे आए हैं। उनका पक्ष रखते हुए जाट ने बताया कि पर्यवेक्षक भर्ती में भी योग्य महिला उम्मीदवारों को निराशा हाथ लगी है। प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं का जिम्मा ईएसबी यानी कर्मचारी चयन मंडल के पास है। यह व्यापमं का बदला हुआ नाम है। व्यापमं की तरह कर्मचारी चयन मंडल की गड़बड़ियां भी किसी से छिपी नहीं है।
पर्सेंटाइल और नार्मलाइजेशन की व्यवस्था ही इसीलिए की गई है ताकि योग्य उम्मीदवारों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सके। उन्होंने सरकार से महिला पर्यवेक्षकों के सभी खाली पदों पर इस भर्ती परीक्षा से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाए। उनके साथ अन्य पदाधिकारियों ने भी भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी, गड़बड़ी रहित बनाने और हजारों रिक्त पदों पर ज्यादा से ज्यादा नियुक्ति करने की मांग की है।
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