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BHOPAL. एक अदद छत की तलाश में जीवन खपा देने वाले परिवारों के लिए शुरू की गई। भारत सरकार की पीएम आवास योजना को मध्य प्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी ने भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है।
सरकार प्रदेश में 38 लाख परिवारों को उनके सपनों का आशियाना देने का दावा कर रही है। इन आशियानों की आड़ में सरकारी खजाने को कैसे लूटा जा रहा है, इस पर जिम्मेदार चुप हैं। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट पीएम आवास में गड़बड़झाले का खुलासा कर चुकी है।
कहीं अपात्रों को, तो कहीं पहले से मकान का स्वामित्व होने पर भी सरकारी अनुदान दिया गया। अधिकारियों ने हितग्राहियों से कमीशन वसूली के लिए सैकड़ों नाबालिगों के नाम पर पीएम आवास की किश्तें जारी कीं। अब सरकार 11 लाख परिवारों को पीएम आवास के लिए अनुदान देने की तैयारी कर रही है। सिस्टम में बैठे अधिकारी और कर्मचारी इसमें सेंधमारी की जुगाड़ में लगे हैं।
आवास घोटाले में उलझी नगर पालिका
पीएम आवास घोटाले का ताजा मामला बालाघाट जिले से सामने आया है। बालाघाट निवासी शफाकत खान की शिकायत पर जांच शुरू हुई। नगर पालिका के अधिकारी भी इस गड़बड़ी में शामिल पाए गए। 133 हितग्राहियों को वसूली के नोटिस भेजे गए हैं। अपात्रों को पीएम आवास की किश्त जारी करने पर सवाल उठे।
कलेक्टर मृणाल मीणा ने इसे अपनी निगरानी में लिया है। पात्रता से बाहर होने के बावजूद 1.14 करोड़ रुपए की अनुदान राशि बांटने पर नगर पालिका सीएमओ बीडी कतरोलिया पर सवाल उठ रहे हैं। जल्दबाजी में कुछ हितग्राहियों पर केस भी दर्ज कराए गए हैं।
कर्मचारी-नेताओं के इशारे पर धांधली
एमपी में पिछले पांच सालों में प्रधानमंत्री आवास योजना का दुरुपयोग हुआ है। नगरीय निकाय और पंचायतों में बैठे अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने इसे कमाई का जरिया बना लिया है। अपात्र हितग्राहियों के नाम पीएम आवास का अनुदान दिलाने के नाम पर जमकर वसूली हो रही है।
इस वजह से वास्तविक जरूरतमंद परिवार अनुदान की लिस्ट में जगह ही नहीं बना पा रहे। कई परिवार पांच साल से पीएम आवास का अनुदान मांगने पंचायत से कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। वहीं, नगरीय निकायों में बस्तियों से लोग पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद उनका इंतजार खत्म नहीं हो रहा।
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धांधली की परतें खुलने पर भी कार्रवाई नहीं
पीएम आवास योजना में कैसे मध्य प्रदेश में बट्टा लगाया जा रहा है। इसके बेहिसाब उदाहरण आए दिन सामने आ रहे हैं। कंट्रोलर एवं ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया की रिपोर्ट ने प्रदेश में पीएम आवास के नाम पर भ्रष्टाचार उजागर किया। 2023 तक कैग द्वारा मध्य प्रदेश में पीएम आवास योजना के परीक्षण में कई गड़बड़ियां सामने आईं। रिपोर्ट में नगरीय निकायों और पंचायत स्तर तक हुई धांधली शामिल की गई। हालांकि, अपने रसूख के चलते भ्रष्टाचारी गठजोड़ कार्रवाई से बच निकला।
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समिति ने अपात्र बताया फिर भी दिया अनुदान
कैग की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 तक मध्य प्रदेश में हजारों परिवारों को नियमों का उल्लंघन कर अनुदान राशि दी गई। ऐसे परिवार जिनके पास पहले से आवास थे, उन्हें 16 करोड़ रुपए का अनुदान किश्तों में दिया गया। सैंकड़ों हितग्राहियों को एक पीएम आवास के लिए दो-दो बार अनुदान राशि दी गई।
अलीराजपुर, धार, ग्वालियर, मंडला, रतलाम, विदिशा, खंडवा, रायसेन सहित अधिकांश जिलों में अनुदान जारी करने में नियमों की अनदेखी की गई। अपीलीय समिति द्वारा अपात्र घोषित किए जाने के बावजूद आवास योजना का लाभ दिया गया।
मध्य प्रदेश में पीएम आवास की किश्त दिलाकर कमीशन का खेल भी जारी है। पंचायत और नगरीय निकायों में पंच से लेकर पार्षद भी इसमें शामिल हैं। इसी वजह से अपात्र और नाबालिगों के नाम पर भी पीएम आवास की किश्तें जारी हो रही हैं।
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कमीशन लिया इसलिए अटकी वसूली
कमीशन देकर पीएम आवास योजना की राशि हासिल करने वाले हजारों हितग्राहियों ने घर ही नहीं बनाए हैं। कैग की रिपोर्ट में ऐसे हजारों परिवार सामने आए हैं। साल 2024 से अब तक ऐसे परिवारों को अनुदान राशि लौटाने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
अनुदान के लिए कमीशन वसूलने के कारण अब पंचायत और निकायों के अधिकारी उनसे राशि वापस लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इन परिवारों को नगरीय निकाय और पंचायतों से नोटिस पे नोटिस दिए जा रहे हैं।
साल भर बीतने के बावजूद वसूली नहीं हो पाई है। ग्वालियर जिले की छह पंचायतों में तो अधिकारियों ने धांधली की हद कर दी। यहां 530 मृतकों के नाम पर पीएम आवास की राशि जारी कर दी गई।
नियमों की अनदेखी कर अनुदान जारी
मध्यप्रदेश में पीएम आवास योजना के नियमों की अनदेखी खुलेआम की जा रही है। कैग की परीक्षण रिपोर्ट में अलीराजपुर जिले में 114, छतरपुर में 288, दमोह में 130, धार में 203, गुना में 209, ग्वालियर में 43, मंडला में 160, रतलाम में 298, सतना में 298 और राजगढ़ जिले में 294 परिवारों को पात्रता के दायरे के बाहर जाकर 16 करोड़ रुपए का आवास अनुदान दिया गया।
अपीलीय समिति द्वारा अपात्र घोषित परिवारों पर कमीशन वसूली के चलते अलीराजपुर में 34, धार में 444, ग्वालियर में 32, मंडला में 76 और रतलाम में 160 परिवारों को अनुदान जारी किया गया।
कैग की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम आवास योजना के तहत 2020 तक 20 लाख से ज्यादा परिवारों को किश्तें जारी की गईं। इनमें से केवल 18.27 लाख ने ही अपने घर बनाए। अनुदान लेकर घर न बनाने वालों का आंकड़ा 2024 तक इससे भी अधिक हो गया है।
योजना के डिफॉल्टरों की स्थिति :
- श्योपुर 302
- छिंदवाड़ा 152
- अलीराजपुर 130
- बुरहानपुर 90
- सीधी 81
- बालाघाट 76
- रीवा 69
- सिंगरौली 49
- धार 40
- छतरपुर 38
- सागर 181
जिलों में बने आवासों का आंकड़ा...
| District | Value |
|---|---|
| आगर मालवा | 29506 |
| अलीराजपुर | 75909 |
| अनूपपुर | 56423 |
| अशोकनगर | 42099 |
| बालाघाट | 155747 |
| बड़वानी | 94076 |
| बैतूल | 67340 |
| भिण्ड | 11225 |
| भोपाल | 26197 |
| बुरहानपुर | 25091 |
| छतरपुर | 92943 |
| छिंदवाड़ा | 90701 |
| दमोह | 115628 |
| दतिया | 13006 |
| देवास | 45906 |
| धार | 116368 |
| डिंडोरी | 78096 |
| गुना | 72891 |
| ग्वालियर | 13774 |
| हरदा | 18613 |
| होशंगाबाद | 41011 |
| इंदौर | 12166 |
| जबलपुर | 95067 |
| झाबुआ | 84606 |
| कटनी | 105279 |
| खंडवा | 50153 |
| खरगौन | 103161 |
| मंडला | 119917 |
| मंदसौर | 54631 |
| मुरैना | 16520 |
| नरसिंहपुर | 91239 |
| नीमच | 18780 |
| निवाड़ी | 14296 |
| पन्ना | 89512 |
| रायसेन | 90051 |
| राजगढ़ | 119272 |
| रतलाम | 74420 |
| रीवा | 142301 |
| सागर | 149926 |
| सतना | 120190 |
| सीहोर | 50991 |
| सिवनी | 111743 |
| शहडोल | 100039 |
| शाजापुर | 24898 |
| श्योपुर | 38660 |
| शिवपुरी | 53795 |
| सीधी | 81205 |
| सिंगरौली | 85517 |
| टीकमगढ़ | 55916 |
| उज्जैन | 35059 |
| उमरिया | 58058 |
| विदिशा | 95126 |
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