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police recruitment Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. पुलिस आरक्षक भर्ती- 2023 की चयन प्रक्रिया पांच महीने बाद भी अधूरी है। 7 हजार पदों पर भर्ती की इस प्रक्रिया को पूरा करने में देरी की वजह पुलिस मुख्यालय का लचीला रवैया बन रहा है।
पांच महीने में केवल 4900 अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं। 550 अभ्यर्थी मेडिकली अनफिट पाए गए हैं और 100 के दस्तावेजों में कमी मिली है। इसके अलावा 200 अभ्यर्थियों ने दूसरी नौकरी मिलने की वजह से आरक्षक पद छोड़ दिया है। वहीं आपराधिक मामले दर्ज होने और न्यायालय से दोषमुक्त हुए 150 अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग भी अटकी हुई है। इनके अलावा 900 से एक हजार पद अब भी खाली पड़े हैं जिन पर अभ्यर्थी ही नहीं आ रहे हैं।
चयन समिति इन लापता अभ्यर्थियों को पांच माह में कई सूचनाएं भेजी जा चुकी है जबकि नियमानुसार केवल तीन अवसर दिए जा सकते हैं। अधिकारियों की यह दरियादिली प्रतीक्षा सूची में शामिल हजारों अभ्यर्थियों का इंतजार बढ़ा रही है। कई भर्तियों में ऐसे पद खाली रखे जाने के पुराने अनुभव उनकी चिंता बढ़ा रहे हैं।
हर स्तर पर पिछड़ती रही आरक्षक भर्ती
मध्यप्रदेश में साल 2023 में आरक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। आरक्षक भर्ती दो चरणों में हुई थी। इसका पहला चरण लिखित परीक्षा के बाद कई महीने तक अभ्यर्थियों को दूसरे चरण का इंतजार करना पड़ा था।
शारीरिक परीक्षण कराने में पुलिस मुख्यालय को 7 माह और चयन सूची तैयार होने में तीन महीने का समय लगा था। आरक्षक भर्ती पर शुरूआत से ही कछुआ चाल से चल रही है। अब चयन सूची के बाद नियुक्ति प्रक्रिया पांच माह बाद भी पूरी नहीं हो पाई है।
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पांच माह में भी अधूरी नियुक्ति प्रक्रिया
पुलिस मुख्यालय द्वारा अब तक 7000 हजार पदों में से केवल 4900 पदों पर ही नियुक्ति पत्र बांट सका है। चयन सूची में दर्ज 550 अभ्यर्थी चिकित्सकीय परीक्षण में अनफिट रहे तो 100 को दस्तावेजों में कमी की वजह से बाहर कर दिए गए।
चयन सूची में जगह बनाने वाले 200 अभ्यर्थियों ने दूसरी नौकरी में जा चुके हें। इसके अलावा आपराधिक प्रकरणों में दोषमुक्ति पाने वाले 150 अभ्यर्थियों की नियुक्ति भी अटकी हुई है। इस तरह पांच माह में पुलिस मुख्यालय 7 हजार में से 5900 पदों पर प्रक्रिया पूरी कर चुका है।
इनके अलावा लगभग 900 पदों पर चयनित अभ्यर्थी अब तक लापता है। इन अभ्यर्थियों को पुलिस मुख्यालय की चयन समिति कई बार सूचना भेज चुकी है लेकिन न तो वे दस्तावेज सत्यापन कराने पहुंचे न ही उनकी ओर से कोई जवाब ही आया है।
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चयन के बाद कहां लापता हुए अभ्यर्थी
आरक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच के बाद पुलिस प्रदेश भर में कई जगह गिरफ्तारी कर चुकी है। अब तक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के 30 केस दर्ज किए जा चुके हैं। इस वजह से परीक्षा में गड़बड़ी का सहारा लेकर चयन सूची में जगह बनाने वाले अभ्यर्थी भी अब नियुक्ति के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।
वहीं इस फर्जीवाड़े की आशंका अभी भी जारी है और पुलिस चयन सूची में दर्ज लापता अभ्यर्थियों का ब्यौरा जुटा रही है। लेकिन इस कार्रवाई के बीच इन पदों पर नियुक्ति अटकी हुई है। सबसे बड़ी मुश्किल वेटिंग लिस्ट में शामिल अभ्यर्थियों को हो रही है। अभ्यर्थी इन लापता लोगों की वजह से वेंटिंग में ही उलझे हुए हैं।
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जो लापता उन्हें बार-बार दे रहे अवसर
नियमानुसार नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान दो से तीन बार ही मौके दिए जाते हैं। मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय की चयन समिति लापता अभ्यर्थियों को कई मौके दे चुकी है। पांच माह में पर्याप्त मौके देने के बाद भी अब तक इनमें से कोई न तो दस्तावेज परीक्षण कराने आया न ही किसी सूचना पत्र का जवाब दिया गया है। उधर प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों को अंदेशा है कि चयन समिति की लेटलतीफी से कहीं ये पद नियुक्ति के बिना ही न छोड़ दिए जाएं।
अभ्यर्थी पूर्व की भर्ती परीक्षाओं में पदों के खाली रह जाने के उदाहरण भी गिना रहे हैं। वहीं उनका कहना है कि पुलिस अनुशासन वाली संस्था है। जो लोग नियुक्ति से पहले ही अनुशासन की अनदेखी और लापरवाही बरत रहे हैं उन पर चयन समिति इतनी नरमी क्यों दिखा रही है। कायदे से सूचना पत्र के एक महीने के बाद ऐसे लापता अभ्यर्थियों को मौका नहीं दिया जाता लेकिन आरक्षक भर्ती में दो से तीन महीने तक मौका दिया गया है।
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नियुक्ति अटकने से पिछड़ा प्रशिक्षण
सफल अभ्यर्थी नव आरक्षक के रूप में 9 माह के विशेष प्रशिक्षण में शामिल किए जाते हैं। इन नव आरक्षकों को प्रदेश के पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों में भेजा जाता है। आरक्षक भर्ती 2023 के तहत नियुक्ति प्रक्रिया धीमी होने के कारण अब तक करीब 3100 नव आरक्षक ही प्रशिक्षण में शामिल किए जा सके हैं।
इनमें 1005 महिला और 2085 पुरुष प्रशिक्षणार्थी हैं। जबकि यह संख्या अधिक होनी थी। नियुक्ति प्रक्रिया में देरी के कारण अब अन्य नव आरक्षकों को अगले सत्र में होने वाले प्रशिक्षण में शामिल किया जा सकेगा यानी उन्हें पुलिस आरक्षक बनने के लिए अभी भी छह से सात महीने तक इंतजार करना होगा।
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