इंदौर में आरआई, पटवारी पर कंट्रोल की तैयारी, निजी एजेंसी से सीमांकन

कलेक्टर आशीष सिंह ने सीमाकंन काम में हो रही लेटलतीफी और निचले अमले द्वारा चल रही मनमर्जी की शिकायतों को देखते हुए इसे अब प्राइवेट एजेंसी से कराने की मंजूरी दे दी है।

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Sanjay gupta
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INDORE. इंदौर में राजस्व कामों में राजस्व निरीक्षक (आरआई) और पटवारी पर कंट्रोल के लिए जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने बड़ा फैसला लिया और इस पर अमल शुरू हो गया है। राजस्व काम में सबसे अहम नामांतरण, बटांकन और सीमांकन होता है। अब इसमें से सीमांकन काम को कलेक्टर ने सरकारी अमले के कंट्रोल से बाहर करते हुए प्राइवेट एजेंसी को देने का फैसला लिया है। ऐसा करने वाला इंदौर मप्र में पहला जिला होगा। उधर नामांतरण और बटांकन कामों में भी लेटलतीफी को रोकने के लिए कलेक्टर ने आदेश दे दिए हैं कि तीन माह से अधिक कोई केस लंबित नहीं रहेगा। राजस्व बैठक में इसकी मॉनीटरिंग शुरू हो गई है। 

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जारी हो गए टेंडर 

कलेक्टर आशीष सिंह ने सीमांकन काम में हो रही लेटलतीफी और निचले अमले द्वारा चल रही मनमर्जी की शिकायतों को देखते हुए इसे अब प्राइवेट एजेंसी से कराने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए टेंडर जारी हो गए हैं। इसमें न्यूनतम दर पर जो भी एजेंसियां आएंगी, इन सभी को पैनल में लिया जाएगा। इनका एक न्यूनतम शुल्क तय रहेगा जो सीमांकन कराने वाला जमा करेगा। तहसीलदार के पास सीमांकन का आवेदन आने पर वह इन पैनल एजेंसी में से किसी को इस काम के लिए अधिकृत करेगा।

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सात दिन में करना होगा सीमांकन

टेंडर में तय किया गया है कि तहसीलदार द्वारा नियोजित किए जाने के बाद सात दिन के भीतर एजेंसी को यह सीमांकन करना होगा। साथ ही सीमांकन के ही दिन फील्ड बुक बनाकर आरआई, पटवारी को देना होगी, ज्यादा से ज्यादा किसी करण से वह अगले दिन दे सकेगा इससे अधिक देरी नहीं कर सकेगा। साथ ही एजेंसी को सीमांकन पटवारी नक्शे के आधार पर ही करना होगा और फील्ड बुक के साथ ही गूगल मेप पर राजस्व नक्शा व सीमाकंन को सुपर इम्पोस कर कार्यालय में जमा कराना होगा। 

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दो मशीन होना जरूरी

टेंडर की शर्तों के अनुसार एजेंसी के पास एक साल का कार्यानुभव होना जरूरी है। जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी होना जरूरी है। साथ ही दो मशीन डीजीपीएस या टीएसएम भी हो। इसमें डीजीपीएस वालों को प्राथमिकात होगी। 

नामांतरण, बटांकन में भी यह आदेश

वहीं राजस्व में अहम दो काम नामांतरण और बटांकन के लिए भी कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी राजस्व अधिकारियों को सख्त आदेश दिए हैं कि कोई भी केस तीन माह से अधिक लंबित नहीं होना चाहिए। इसके लिए कलेक्टर ने हर राजस्व बैठक में इन लंबित केस की जानकारी लेकर समीक्षा करने का काम शुरू कर दिया है। तीन माह से लंबित केस होने पर संबंधित अधिकारी से कारण पूछा जाएगा और इसकी सख्त मॉनीटरिंग का आदेश संबंधित अधिकारियों को दे दिए गए हैं। सीमांकन, नामांतरण और बटांकन के इन तीन कामों पर लगाम से राजस्व कामों में बड़ी राहत मिल सकेगी।

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