पूर्व अधिकारी की फर्म को फायदा पहुंचाने भोपाल नगर निगम में कोटेशन की बाजीगरी

मध्य प्रदेश के नगरीय निकायों की छबि घपले-घोटालों की कालिख से धूमिल हुई है। इन गड़बड़ियों के बीच भोपाल नगर निगम की उद्यान शाखा में पौधे और जैविक खाद की खरीदी में हेराफेरी सामने आई है।

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Sanjay Sharma
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nagar nigam Photograph: (The Sootr)

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BHOPAL. मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों की छबि घपले_घोटालों की कालिख से धूमिल हुई है। नगरीय निकाय अब तक आयुष्मान कार्ड, आवास योजना, बिल्डिंग परमीशन के साथ ही सांप पकड़ने और मृत गधों को ठिकाने लगाने पर खर्च करने में अनियमितता से घिर चुके हैं। इन गड़बड़ियों के बीच भोपाल नगर निगम की उद्यान शाखा में पौधे और जैविक खाद खरीदी में हेराफेरी सामने आई है।

निगम के अधिकारियों ने उद्यानिकी शाखा के पूर्व अधीक्षक की फर्म के ही 9 कोटेशन पास कर खरीदारी के नाम पर मुनाफे में हिस्सा बांट लिया। अब मामले की शिकायत के बाद निगम में खरीदारी के नाम पर चल रहे खेल की परतें खुलने लगी हैं।

नगर निगम भोपाल में नियम विरुद्ध खरीदारी का खुलासा सूचना का अधिकार के तहत सामने आई जानकारी से हुआ है। इस जानकारी से पता चला है कि निगम की उद्यान शाखा में अधिकारियों द्वारा किस तरह मिल-बांटकर जनता की कमाई की बंदरबाट हो रही है।

उद्यान शाखा में तीन माह की अवधि में पौधे, कारपेट ग्रास, गोबर की खाद और कुछ सामान खरीदने के लिए नियमों में हेराफेरी की गई है। नियम विरुद्ध खरीदारी और टेंडर से बचने कोटेशन का खेल केवल उद्यान शाखा में ही नहीं चल रहा बल्कि निगम की दूसरी शाखाओं में ऐसी गड़बड़ी कर अधिकारी अपनी जेबें भर रहे हैं।

पूर्व अधीक्षक की फर्म के लिए तोड़े नियम

उद्यान शाखा के अधिकारियों द्वारा तीन माह की अवधि में अलग-अलग सामग्री क्रय करने कोटेशन बुलाए थे। इसके लिए कई फर्मों के कोटेशन नगर निगम पहुंचे। स्क्रूटनी के नाम पर सभी फर्मों को बाहर कर भगवती इंटरप्राइजेज को खरीदारी के 9 कोटेशन पर काम दे दिया गया।

चौंकाने वाली बात ये है कि ये फर्म निगम के पूर्व उद्यान अधीक्षक भगवती प्रसाद कंडवाल की है। इस वजह से अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी करने से भी परहेज नहीं किया। लाइसेंस न होने पर भी कंडवाल की फर्म से खाद और कीटनाशक खरीेदे गए।

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तीन माह में 9 कोटेशन पर खरीदारी 

सूचना के अधिकार के तहत सामने आई जानकारी के अनुसार कंडवाल की फर्म से उद्यान शाखा ने तीन माह में 9 कोटेशन पर खरीदारी की है। इसके लिए खरीदारी की लिमिट का भी ध्यान नहीं रखा गया।

कंडवाल के प्रभाव में आकर कार्यपालन यंत्री प्रमोद मालवीय और उनके सहयोगियों ने पौधरोपण के लिए पौधे और छोटे-छोटे सामान की खरीदी के लिए कोटेशन पास किए और 8.26 लाख रुपए का भुगतान भी कर डाला। इस खरीदी पर शाखा प्रमुख देवेन्द्र सिंह चौहान भी चुप्पी साधे रहे। 

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बाजार से दोगुनी कीमत भी चुकाई

पूर्व उद्यान अधीक्षक की फर्म से उद्यान शाखा द्वारा पौधे, कीटनाशक और कुछ मशीनरी के साथ ही गोबर खाद खरीदी गई। इस खरीदारी पर सवा 8 लाख रुपए का भुगतान किया गया। नियमानुसार इतनी राशि की खरीदारी के लिए टेंडर करने का प्रावधान है।

अधिकारियों ने टेंडर बुलाने पर दूसरी फर्मों की प्रतिस्पर्धा का सामना न करना पड़े और पसंदीदा फर्म को काम मिले इसका पालन नहीं किया। इससे बचने के लिए अलग- अलग तारीखों में कोटेशन के जरिए लाखों की खरीदारी कर ली।

अगस्त 2024 में 1.85 लाख रुपए के दो कोटेशन से पौधे और गोबर खाद खरीदी गई। वहीं नवम्बर 2024 में तीन कोटेशन के जरिए कंडवाल की ही फर्म से 2.64 लाख के पौधे, गोबर खाद और कीटनाशक खरीदे गए। इन कोटेशन से हुई खरीदारी के दौरान बाजार से ज्यादा कीमत चुकाई गई। 

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मध्यप्रदेश भोपाल नगर निगम सूचना का अधिकार पौधरोपण अधीक्षक टेंडर