MP News : मध्य प्रदेश सरकार ने राम वन गमन पथ (Ram Van Gaman Path) के उन स्थलों की पहचान करने के लिए डॉ. राम अवतार शर्मा के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जो अभी तक कम पहचाने गए हैं। डॉ. शर्मा, जो इस क्षेत्र पर लंबी अवधि से शोध कर रहे हैं, ने राज्य सरकार को भरोसा दिलाया है कि वे चार महीने के अंदर इन कम ज्ञात स्थलों को चिह्नित कर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। इस पहल के तहत, इन स्थलों का विकास पर्यटन, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से किया जाएगा, जिससे प्रदेश में इस ऐतिहासिक मार्ग के महत्व को और भी बढ़ावा मिलेगा।
राम वन गमन पथ के स्थलों की खोज और चिह्नीकरण प्रक्रिया
राज्य सरकार की योजनाके तहत, राम वन गमन पथ के उन स्थानों को चिन्हित किया जाएगा जो भगवान श्रीराम के वनवास के दौरान उनके द्वारा देखे गए थे। इन स्थानों की चिह्नीकरण प्रक्रिया में डॉ. शर्मा और उनकी टीम प्रदेश भर में भ्रमण करेंगे। इस प्रक्रिया के बाद, मध्य प्रदेश में राम वन गमन पथ मध्यप्रदेश का पूरा मार्ग तय किया जाएगा। इन स्थलों में कुछ प्रमुख स्थान शामिल होंगे, जो पहले से ही धार्मिक दृष्टि से प्रसिद्ध हैं, जैसे चित्रकूट, जबकि कुछ ऐसे कम ज्ञात स्थान भी होंगे जहां श्रीराम का प्रवास माना जाता है, लेकिन वे अभी तक पर्यटन मानचित्र पर नहीं हैं।
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कम ज्ञात स्थानों को भी मिलेगा महत्व
मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में ऐसे स्थान पाए गए हैं, जिनसे श्रीराम का सम्बन्ध माना जाता है, लेकिन इनका महत्व अब तक उतना नहीं था। डॉ. शर्मा और उनकी टीम इन स्थानों को खोजेंगे और प्रमाणित करने की कोशिश करेंगे। इस परियोजना के तहत, मंडला और बालाघाट के कुछ स्थानों को भी राम वन गमन पथ में जोड़ा जाएगा। इन स्थानों का सांस्कृतिक और धार्मिक विकास किया जाएगा ताकि इनका पर्यटकों के लिए आकर्षण बढ़ सके।
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पहले से चिह्नित किए गए स्थलों की सूची
अब तक प्रदेश के 11 जिलों में 25 स्थानों को राम वन गमन पथ से जोड़ा गया है। ये वे स्थान हैं जहां भगवान राम वनवास के दौरान गए थे। इनमें से कुछ स्थानों को पहले से ही धार्मिक दृष्टि से जाना जाता है, जैसे चित्रकूट, जबकि अन्य स्थानों का प्रमाणिकता के लिए अध्ययन किया जाएगा।
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- सतना जिले में चित्रकूट में स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, अत्रि आश्रम, और शरभंग आश्रम।
- पन्ना जिले में पहाड़ी खेरा गांव में बृहस्पति कुंड और सलेहा में अगस्त्य आश्रम।
- मैहर जिले में राम जानकी मंदिर।
- कटनी जिले में भरभरा में शिव मंदिर।
- जबलपुर जिले में पिपरिया के पास रामघाट।
भविष्य में और भी स्थलों का विकास
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य न केवल धार्मिक महत्व के स्थलों को चिह्नित करना है, बल्कि इन्हें पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना भी है। यह कदम मध्य प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और इन स्थलों की ऐतिहासिक पहचान को स्थापित करने में मदद करेगा।
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CM डॉ. मोहन यादवकी सक्रियता
राम वन गमन पथ (Ram Van Gaman Path) निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। वे इस परियोजना के लिए बने न्यास के अध्यक्ष भी हैं। इस वर्ष के बजट में राम वन गमन पथ के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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