भोपाल के सुरजीत ह्यूनडई के मालिक रमेश नेनवानी का इंदौर में कुर्की वारंट जारी
भोपाल के सुरजीत Hyundai के मालिक रमेश नेनवानी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक संपत्ति विवाद के चलते इंदौर में उनके खिलाफ कुर्की वारंट जारी किया गया है। मामला किराए की प्रॉपर्टी का है, जिसका एग्रीमेंट समाप्त होने के बाद भी वह उसे खाली नहीं कर रहे थे।
भोपाल के Hyundai car dealer Surjeet Hyundai Bhopal के मालिक रमेश नेनवानी मुश्किल में आ गए हैं। एक विवाद में उनके खिलाफ इंदौर जिला कोर्ट ने कुर्की वारंट जारी किया है। मामला संपत्ति किराए पर लेने और एग्रीमेंट खत्म होने के बाद भी खाली नहीं करने का है।
यह है पूरा मामला
नेनवानी की इंदौर में ईशान ऑटो नाम से एयरपोर्ट रोड पर महावीर कृपा एवेन्यू की प्रॉपर्टी किराए पर ली थी। इसका पांच साल का एग्रीमेंट था। लेकिन एग्रीमेंट खत्म होने के बाद उन्होंने संपत्ति खाली नहीं की। इस पर संपत्ति मालकिन इंद्रजीत कौर द्वारा उन्हें नोटिस दिए गए, लेकिन इसके बाद भी खाली नहीं की। इस पर वह जिला कोर्ट में गई और वहां से कुर्की वारंट जारी कर संपत्ति खाली कराने का नोटिस जारी हुआ। इस नोटिस के खिलाफ वह अभी हाईकोर्ट गए हैं।
रमेश नेनवानी के खिलाफ कुर्की वारंट: भोपाल स्थित सुरजीत Hyundai के मालिक रमेश नेनवानी के खिलाफ इंदौर में संपत्ति खाली न करने पर कुर्की वारंट जारी किया गया है।
संपत्ति विवाद: नेनवानी ने इंदौर के महावीर कृपा एवेन्यू पर पांच साल के किराए पर संपत्ति ली थी, लेकिन एग्रीमेंट खत्म होने के बावजूद उसे खाली नहीं किया।
संपत्ति मालिक की शिकायत: संपत्ति की मालिक इंद्रजीत कौर ने नोटिस भेजे, लेकिन बाद में अदालत में मामला दायर कर कुर्की वारंट प्राप्त किया।
पहले भी था धोखाधड़ी का मामला: 2019 में रमेश नेनवानी के खिलाफ भोपाल में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था, जिसमें उन्होंने कार का रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस ठीक से नहीं किया था।
नेनवानी ने हाई कोर्ट का रुख किया: नेनवानी ने इंदौर जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की है, और अब मामले की अगली सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है।
नेनवानी के खिलाफ भोपाल के पिपलानी पुलिस थाने में जुलाई 2019 में धोखाधड़ी का केस हो चुका है। डॉ शिवओम दुबे की शिकायत पर दर्ज हुआ था। दुबे ने पुलिस को बताया कि साल 2019 में जेके रोड स्थित सुरजीत हुंडई डीलर से हुंडई i10 कार खरीदी थी।
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के नियमों के अनुसार ऑटोमोबाइल डीलर मोटर वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिए जिम्मेदार होता है। डॉ शिवओम दुबे ने रजिस्ट्रेशन के लिए निर्धारित फीस का पेमेंट कर दिया था। डीलर की तरफ से उन्हें एक टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन नंबर दिया गया परंतु परमानेंट रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं दिया गया।
उनका इंश्योरेंस भी बाद में रिन्यू नहीं हुआ क्योंकि बताया गया आरटीओ भोपाल द्वारा अब तक उनकी कार के लिए परमानेंट रजिस्ट्रेशन नंबर जारी नहीं किया गया है। दुबे ने सुरजीत हुंडई में पता किया तो उनकी कार का 1 साल का इंश्योरेंस करवा दिया गया परंतु रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया।