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एक दिन पहले भोपाल संभागायुक्त कार्यालय के वेटिंग रूम में पेट्रोल छिड़ककर आगजनी करने वाले आरोपी रामसिंह अहिरवार (65) को अब जेल भेजने की तैयारी है। पुलिस उसका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाल रही है। ताकि केस को मजबूती दी जा सके।
विदिशा जिले की गंजबासौदा तहसील के सियारी गांव निवासी रामसिंह के कृत्य को सही नहीं ठहराया जा सकता। लेकिन सूत्रों का दावा है कि आरोपी ने जो किया वह सिस्टम के प्रति उसका आक्रोश था। जो उसने पेट्रोल के रूप में संभागायुक्त कार्यालय में उड़ेला और वहां रखे सामान में आग लगाई।
जानें रामसिंह ने क्यों उठाया ऐसा कदम
इस घटना ने सिस्टम के अनसुनी व आमजन को नजरअंदाज करने वाले रवैए के प्रति गुस्से को उजागर किया। दरअसल, रामसिंह लंबे समय से सियारी गांव में अपनी मां सकरिया बाई के नाम आवंटित पट्टे की जमीन वापस करने की मांग कर रहा है। इसे साल 2001 में वरिष्ठ न्यायालयीन फैसले के बाद गांव में आम रास्ते के लिए आवंटित कर दी गई थी। राम सिंह जनसुनवाई के माध्यम से इस जमीन को वापस पाने की गुहार लगाता रहा। लेकिन किसी भी स्तर पर उसकी सुनवाई नहीं होने पर वह गुरुवार, 12 सितंबर को भोपाल संभागायुक्त कार्यालय पहुंचा था। लेकिन यहां भी उसे निराश हाथ लगने पर उसने आगजनी जैसे आपराधिक कृत्य को अंजाम दिया।
पुलिस खंगाल रही आपराधिक रिकॉर्ड
उक्त वारदात को लेकर कोहेफिजा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस उसे शाम तक न्यायालय में पेश करेगी। यहां से उसे जेल भेजा जा सकता है। केस को मजबूती देने के लिए पुलिस रामसिंह का आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाल रही है। गंजबसौदा थाने से उसकी डिटेल मांगी गई है। आरोपी ने स्वयं पुलिस को बताया कि वह बलात्कार के एक प्रकरण में जेल जा चुका है।
संभागायुक्त कार्यालय में आगजनी का मामला की खबर पर एक नजर
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आरोपी के नाम है जमीन का पट्टा
गंजबसौदा तहसीलदार अरविंद वर्मा ने बताया कि आरोपी रामसिंह के नाम खसरा नंबर 160/1 पर आधा एकड़ जमीन दर्ज है। रामसिंह के अन्य चार भाइयों व मां को भी इतनी ही जमीन अलग-अलग दी गई थी। साल 2001 में ग्रामीणों की मांग पर वरिष्ठ न्यायालय ने सकरिया अहिरवार के पट्टे वाली जमीन को आम रास्ता घोषित कर दिया। रामसिंह इसी जमीन को वापस चाहता है, जो वरिष्ठ न्यायालय या फिर सिविल कोर्ट के जरिए ही मिल सकती है। यह बात उसे जनसुनवाई में हर बार बताई गई, लेकिन वह कोर्ट जाने को राजी नहीं।
अपनी जमीन गिरवी रखी, गांव से भी पलायन
तहसीलदार ने बताया कि रामसिंह की तीन बेटियां हैं। वह तीनों की शादी कर चुका है। अपनी जमीन को वह गिरवी रखता रहा है। वह लंबे समय से गांव में भी नहीं रहता, लेकिन जब-तब सिर्फ अपनी मां के नाम की जमीन वापस पाने की मांग करता रहा है।
तहसीलदार अरविंद यादव ने बताया कि रामसिंह को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ भी मिल रहा है और उसकी विवाहित एक बेटी को पीएम आवास योजना का लाभ भी मिल चुका है। उसका आपराधिक रिकॉर्ड भी रहा है। हालांकि वह इसकी पुष्टि नहीं कर सकते, लेकिन पुलिस इसका पता लगा रही है।
वहीं, कोहेफिजा थाना प्रभारी केजी शुक्ला ने बताया कि आईपीसी की धारा 326 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। उसे जल्दी ही न्यायालय में पेश किया जाएगा।
पेट्रोल छिड़ककर लगाई थी आग
बता दें कि रामसिंह गुरुवार को संभागायुक्त संजीव सिंह के पास अपनी फरियाद लेकर आया था, लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी उसकी संभागायुक्त से मुलाकात नहीं होने पर वह सब्र खो बैठा। इसके बाद उसने वेटिंग रूम के इलेक्ट्रिक बोर्ड में डंडा मारा और पेट्रोल छिड़ककर सोफे में आग लगा दी।
घटना के बाद मची अफरा-तफरी
आगजनी से वेटिंग रूम धुएं से भर गया। वहां मौजूद लोग चीखते हुए बाहर भागे। ऑफिस में काम कर रहे कर्मचारी और अधिकारी भी बाहर निकल आए। इसी बिल्डिंग में कृषि विभाग, जनसंपर्क और तहसील कार्यालय भी संचालित होते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ गई थी।