भोपाल और रायसेन में सोम डिस्टलरी पर सेंट्रल एक्साइज की रेड, 14 करोड़ रुपए किए सरेंडर

भोपाल और रायसेन में सोम डिस्टलरी के पांच ठिकानों पर सेंट्रल एक्साइज विभाग ने छापेमारी की। टैक्स चोरी का आंकड़ा 50 करोड़ तक जा सकता है। कंपनी ने 14 करोड़ रुपये सरेंडर किए हैं।

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Jitendra Shrivastava
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som distillery central excise raids

Photograph: (thesootr)

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भोपाल और रायसेन जिले में सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट की टीम ने सोम डिस्टलरी पर रेड की है। यह कार्रवाई इस आरोप के तहत की गई कि कंपनी के संचालकों ने अपने इम्पोर्ट लाइसेंस में हेराफेरी कर टैक्स चोरी की है।

छापेमारी के बाद, कंपनी ने 14 करोड़ रुपये सरेंडर कर दिए, लेकिन जांच अभी जारी है और टैक्स चोरी का अनुमान 50 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। इस लेख में हम इस मामले की पूरी जानकारी और सेंट्रल एक्साइज की कार्रवाई के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

सोम डिस्टलरी के ठिकानों पर कार्रवाई

सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट की टीम ने बुधवार को भोपाल और रायसेन जिले के सोम डिस्टलरी के पांच ठिकानों पर छापेमारी की। इनमें रायसेन जिले के सेहतगंज और गोचरा चक स्थित यूनिट्स और भोपाल के एमपी नगर स्थित दफ्तर शामिल थे। यह कार्रवाई टैक्स चोरी और लाइसेंस में हेराफेरी करने के आरोपों के आधार पर की गई थी।

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लाइसेंस में हेराफेरी और टैक्स चोरी

सोम डिस्टलरी पर आरोप है कि उसने अपने लिकर की बॉटल्स के इम्पोर्ट लाइसेंस में हेराफेरी की। कंपनी ने एडवांस अथोराइजेशन के तहत बॉटल्स आयात की थीं, लेकिन जांच में यह पाया गया कि इन्होंने बॉटल्स के स्टॉक को कम दिखाया और एक्सपोर्ट एप्लिकेशन (Export Application) भी अधूरी पाई गई। इससे यह साबित होता है कि कंपनी ने जानबूझकर टैक्स चोरी की योजना बनाई थी।

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14 करोड़ रुपए का किया भुगतान

सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट की कार्रवाई में टैक्स चोरी (Tax Evasion) का खुलासा होने के बाद, सोम डिस्टलरी के संचालकों ने 14 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है। हालांकि, जांच अभी जारी है और इसे अंतिम रूप से सुलझाने में समय लगेगा। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह आंकड़ा और बढ़ सकता है, और कुल नुकसान 50 करोड़ रुपए (50 Crore Rupees) तक पहुंच सकता है।

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दस्तावेजों की जारी है जांच

कस्टम विभाग की टीम छापेमारी में जुटी हुई है और दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। इसके बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि कितनी बड़ी टैक्स चोरी की गई थी और कंपनी के खिलाफ आगे की कार्रवाई कैसे की जाएगी। इस दौरान कुछ अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी सामने आ सकते हैं, जिनसे मामले की गंभीरता और बढ़ सकती है।

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पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

यह पहली बार नहीं है जब सोम डिस्टलरी पर छापेमारी की गई हो। इससे पहले, आयकर विभाग, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग और अन्य एजेंसियों ने भी कंपनी पर छापेमारी की थी। इन कार्रवाइयों में भी करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ था। इस बार, सेंट्रल एक्साइज विभाग की जांच और भी गहरी हो सकती है, जिससे आने वाले दिनों में बड़े खुलासे हो सकते हैं। 

कंपनी पहले भी विवादों में रही है और कई बार टैक्स चोरी, घटिया गुणवत्ता और लाइसेंस संबंधी मुद्दों को लेकर आलोचना की गई थी। इससे पहले भी कंपनी को लाइसेंस में हेराफेरी (Manipulation in Licenses) और कर चोरी (Tax Evasion) के मामले में फंसा हुआ देखा गया था।

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