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Photograph: (THESOOTR)
फ्लाईओवर विवाद: मध्य प्रदेश का सबसे लंबा वीरांगना रानी दुर्गावती फ्लाईओवर जबलपुर अब आम लोगों की सुविधाओं के बजाय उनकी परेशानी की वजह बन गया है।
करीब 7 किलोमीटर लंबा और 1200 करोड़ रुपए की लागत से बना यह फ्लाईओवर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में हाल ही में लोकार्पित किया गया था। लेकिन अब इसके प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट तक मामला पहुंच गया।
निजता पर खतरा और हादसों की आशंका
जबलपुर निवासी अधिवक्ता अलका सिंह द्वारा दायर याचिका में फ्लाईओवर की कई खामियों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया। याचिका में कहा गया कि यह पुल शहर की घनी आबादी से होकर गुजरता है और फ्लाईओवर से आसपास के घरों के अंदरूनी हिस्से साफ दिखाई देते हैं, जिससे नागरिकों की निजता पर सीधा खतरा मंडरा रहा है।
इसके अलावा, पुल पर पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम न होने, कई एक्सीडेंटल पॉइंट मौजूद होने और लोगों द्वारा पुल से कचरा, फोल्डिंग सामान, यहां तक कि शराब की बोतलें नीचे फेंकने जैसी घटनाओं को गंभीर समस्या बताया गया। याचिका में इन खामियों को दूर करने और फ्लाईओवर पर व्यू कटर लगाने की मांग की गई थी।
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सोशल मीडिया रील्स से शुरू हुआ विवाद
लोकार्पण के कुछ ही दिनों बाद यह पुल सोशल मीडिया पर रील बनाने वालों की वजह से चर्चा में आया था। हालांकि, यह मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तुरंत सख्ती दिखाते हुए चालानी कार्यवाही भी शुरू की थी लेकिन यहां दिन-रात की हुड़दंग ने आम नागरिकों को परेशान कर दिया। जिसके बाद निजता और सुरक्षा को लेकर मामला कोर्ट तक पहुंच गया।
हाईकोर्ट की सख्ती और सरकार का जवाब
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा की डिविजनल बेंच ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए राज्य सरकार और संबंधित विभागों से पिछली सुनवाई में ही जवाब मांगा था।
जवाब पेश किए जाने के बाद कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि फ्लाईओवर पर व्यू कटर लगाए जाएं, ताकि आसपास रहने वाले लोगों की निजता सुरक्षित रहे। इसके साथ ही फ्लाईओवर पर यातायात पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था की जाए, जिससे हुड़दंग और असामाजिक गतिविधियों पर लगाम लग सके।
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फ्लाइओवर बन गया था पिकनिक स्पॉट
हाईकोर्ट आदेश के साथ याचिका का निपटारा कर दिया है। अब उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस फ्लाईओवर पर दोनों ओर व्यू कटर लगाए जाएंगे और पुलिस की सख्त निगरानी भी सुनिश्चित की जाएगी।
रानी दुर्गावती फ्लाईओवर का निर्माण लोगों की सुविधा के लिए किया गया था, लेकिन शुरुआत में ही इस ब्रिज के सेल्फी प्वाइंट बनने से नागरिकों की नाराजगी बढ़ी थी। लोकल सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर जहां एक और इस ब्रिज पर रील बना रहे थे तो वही आइसक्रीम और फुलकी के ठेले वालों ने भी ब्रिज पर कब्जा जमा लिया था।
और तो और एक व्यक्ति ऊंट लेकर फ्लावर पहुंच गया था जो वहां पर ऊंट में फ्लाईओवर के दर्शन करा रहा था। हालांकि पुलिस ने इस पर सख्ती दिखाते हुए कार्यवाही शुरू की थी लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद लोगों को राहत की उम्मीद है कि इस पुल को सुरक्षित और जनहितकारी बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।