कलेक्ट्रेट में नहीं हुई सुनवाई, किसान ने खुद पर उड़ेला केरोसिन

रतलाम कलेक्ट्रेट परिसर में मंगलवार को सुनवाई नहीं होने से दुखी किसान ने खुद पर केरोसिन डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसे आग लगाने से रोका। घटना से हड़कंप मच गया। जानें पूरा मामला

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Vikram Jain
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Ratlam Collectorate farmer tried to commit suicide
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मध्य प्रदेश के रतलाम में कलेक्ट्रेट परिसर में उस समय हड़कंप मच गया जब जमीन विवाद को लेकर ज्ञापन देने पहुंचे एक किसान ने आत्मदाह करने की कोशिश की। किसान ने खुद पर केरोसिन डाल लिया। वह आग लगा पाता, उसके पहले ही पुलिस के जवानों ने उससे केरोसिन की बोतल छीन ली और उसे मौके से अलग कर समझाइश दी गई। जानें पूरा मामला... 

फर्जी नामांतरण व रजिस्ट्री का मामला

दरअसल, मंगलवार को किसान दशरथ पिता रामचंद निवासी नामली जमीन विवाद को लेकर ज्ञापन देने पहुंचा था। किसान का आरोप है कि उसके पिता (रामचंद्र) ने उनकी जमीन को फर्जी तरीके से बेचकर नामांतरण करा दिया है। पैतृक जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कर नामांतरण कराया गया। किसान ने प्रशासन पर मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया।

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किसान ने की आत्मदाह की कोशिश, पुलिस ने रोका

किसान दशरथ जमीन विवाद को लेकर अपने भाईयों गोपाल, नंदराम, विक्रम और ईश्वर के साथ कलेक्ट्रेट में ज्ञापन देने आया था। इस दौरान उनके परिजनों भी साथ थे। जब तहसीलदार ऋषभ ठाकुर अन्य किसान की समस्या सुन रहे थे। इसी दौरान दशरथ के भाई ने कहा कि वह दो महीने से जनसुनवाई में आ रहे हैं। लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। इस दौरान तहसीलदार और सभी लोगों के सामने दशरथ ने केरोसिन से भरी बोतल निकाली और तेल अपने शरीर पर उड़ेल लिया। और आग लगाने की कोशिश की। वहां मौजूद पुलिस के कर्मचारियों ने गंभीरता दिखाते हुए केरोसिन की बोतल छिन ली। उसे वहां से अलग किया। यह देखकर हड़कंप मच गया।

किसान दशरथ और भाईयों का आरोप

विवाद को लेकर दशरथ व उसके भाईयों का कहना है कि नामली में उनकी सर्वे क्र. 1043/2 की 8 बीघा जमीन है। पिता रामचंद्र ने सभी भाईयों में कुछ साल पहले मौखिक रूप से बंटवारा कर दिया है। भाईयों को 1-1 बीघा जमीन मिली है। लेकिन कुछ लोगों ने पिता को बहला-फुसलाकर फर्जीवाड़ा कर पैतृक जमीन बेच दी। रजिस्ट्री और नामांतरण भी हो गया।

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शिकायत के बाद नहीं हुई सुनवाई

भाईयों ने बताया कि जब उन्हें रजिस्ट्री की जानकारी मिली। तब उन्होंने नामली तहसील कोर्ट में आवेदन दिया था। कोर्ट से स्टे भी लाया था। इसके बावजूद 21 जनवरी 2025 को दूसरों के नाम जमीन का नामांतरण कर दिया गया। हम लोग नामली तहसीलदार से नामांतरण आदेश की कॉपी मांग रहे हैं। लेकिन वे गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में बताया नामांतरण और रजिस्ट्री रद्द करने को लेकर सभी जिम्मेदार अधिकारियों और पुलिस को आवेदन दिया गया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

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पिता ने भी की शिकायत

इधर, कलेक्ट्रेट पहुंचे पिता रामचंद्र ने भी बेटों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने वीडियो संदेश में कहा कि जमीन मैनें अपनी मर्जी से बेची है। बेटे मुझसे पैसे मांग रहे हैं। वे मुझे पागल बताते है। मारपीट की जाती है, खाना भी नहीं देते है।

ग्रामीण एसडीएम बोले...

मामले में ग्रामीण एसडीएम विवेक सोनकर का कहना है पिता और बेटों में जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। न्यायालय तहसीलदार कार्यालय द्वारा नामांतरण की कार्रवाई की गई है। आवेदन जांच में लिया है। मामले की जांच कराकर विधिवत जांच कराई जाएगी।

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