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मध्य प्रदेश के IAS रवि कुमार सिहाग भी जांच के दायरे में हैं। भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के पास आरक्षण श्रेणी के प्रमाणपत्रों में गंभीर अनियमितताओं की शिकायत सामने आई है। यह मामला 16 अगस्त 2024 को दर्ज शिकायत के बाद उजागर हुआ।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कुछ अभ्यर्थियों ने गलत या नकली तरीके से आरक्षण का फायदा उठाया है। इसके बाद DoPT ने 11 IAS, 2 IPS, 1 IFS और 1 IRS अधिकारी के प्रमाणपत्रों की जांच का आदेश दिया। इसमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल के अफसर शामिल हैं।
आईएएस रवि कुमार सिहाग पर उठे सवाल
इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने 2022 बैच के IAS अधिकारी रवि कुमार सिहाग के EWS प्रमाणपत्र पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि रवि ने 2018 और 2019 में जनरल कैटेगरी से परीक्षा दी थी, लेकिन 2021 में EWS कोटे का लाभ लिया। कुछ आरोपों के अनुसार, रवि ने अपनी जमीन रिश्तेदारों को दान देकर EWS के लिए पात्रता प्राप्त की। हालांकि, रवि ने इन आरोपों को निराधार बताया है और जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होने की बात कही है। हालांकि, रवि कुमार एमपी के सिवनी जिले के लखनादौन में एसडीएम के पद पर तैनात है।
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रवि कुमार सिहाग का UPSC सफर
रवि ने तीन बार UPSC परीक्षा पास की है। 2018 में UPSC की परीक्षा दी थी और भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) में चयनित हुए थे। 2019 में उन्होंने भारतीय रक्षा लेखा सेवा (IDAS) में भी सफलता प्राप्त की। हालांकि, उनका सपना IAS बनने का था। 2021 में उन्होंने ईडब्ल्यूएस कोटे से UPSC की परीक्षा दी और 18वीं रैंक हासिल की। इसके बाद रवि कुमार सिहाग IAS अधिकारी बने।
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DoPT की जांच प्रक्रिया
DoPT ने शिकायतों के आधार पर संबंधित राज्यों को जांच के निर्देश दिए हैं। जांच में यह देखा जाएगा कि क्या अधिकारियों ने आरक्षण का गलत तरीके से लाभ उठाया है। इसमें EWS, OBC-NCL, SC, ST और विकलांगता श्रेणियों के प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। DoPT ने संबंधित अधिकारियों से प्रमाणपत्रों की सत्यता की पुष्टि करने को कहा है।
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सामाजिक मीडिया की भूमिका
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सक्रियता के कारण कई मामलों का खुलासा हुआ है। कुछ अधिकारियों ने अपनी वीडियो क्लिप्स और रील्स पोस्ट की थीं, जिससे उनकी प्रमाणपत्रों की वैधता पर सवाल उठे। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया पर अधिक सक्रियता से ऐसे मामलों का पर्दाफाश होता है।
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