/sootr/media/media_files/QlPljBPFOznLrP7S5Zag.jpg)
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में छात्रों (जीएस) के 5% सीटें रिजर्व करने के मामले जवाब मांगे थे, लेकिन बार-बार नोटिस के बाद भी प्रदेश सरकार ने कोर्ट में जवाब दाखिल नहीं किया। अब इस मामले में कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने डीएमई और मध्य प्रदेश सरकार से 10 दिन में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि यदि हलफनामा पेश नहीं किया जाता है तो भी सुनवाई होगी।
89 सीटें अनारक्षित
मप्र स्टेट लेवल कंबाइंड नीट यूजी काउंसलिंग 2023 से लागू इस व्यवस्था में जीएस के लिए 197 सीट थी। इनमें से 108 पर तो बाकी वर्गों के प्रवेश हो गए, लेकिन 89 सीटें अनारक्षित थीं। इनमें भी 12 सीट पर जीएस कोटे के अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को प्रवेश मिला, पर शेष 77 सीट सामान्य पूल में डाल दी गईं। वहीं जीएस कोटे में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी उपलब्ध थे।
ये खबर भी पढ़िए...Agniveer Physical Test का शेड्यूल जारी, 2 से 12 अगस्त तक होगी शारीरिक कौशल परीक्षा
पहला नोटिस 29 जनवरी को
इस मामले को लेकर कई छात्र सुप्रीम कोर्ट चले गए। कोर्ट ने पहले 29 जनवरी को नोटिस जारी किया था। इसपर सरकार की ओर से जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद फिर से दो सप्ताह में हलफनामा पेश करने का समय दिया था, लेकिन सरकार ने इसपर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
राज्य सरकार नहीं दाखिल कर रही जवाब
वहीं जब इस मामले की सुनवाई 15 जुलाई को हुई तो भी जवाब पेश नहीं किया गया। याचिकाकर्ता के एडवोकेट सिद्धार्थ अय्यर ने कहा, मामले में राज्य सरकार जवाब दाखिल नहीं कर रही है। कोर्ट यह जानता चाहता है कि राज्य सरकार आरक्षण नियमों का पालन सही ढंग से कर रही है या नहीं।
thesootr links
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें