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इंदौर में सायबर ठगी को लेकर आए–दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इसी कड़ी में अब एक आर्मी से रिटायर्ड ब्रिगेडियर के साथ ठगी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने शेयर मार्केट में मोटा लालच दिखाकर सवा करोड़ रुपए की ठगी कर डाली है। दो दिन पूर्व भी शेयर मार्केट में ठगी को लेकर एक फर्जी एडवाइजरी कंपनी का खुलासा हुआ था। यहां भी आरोपियों द्वारा लोगों से शेयर मार्केट में मोटा लालच बताकर उनसे पैसे रुपए इन्वेस्ट करवाते थे और बाद में उस रकम को लौटाते नहीं थे।
शेयर ट्रेडिंग के नाम पर फंसा जाल
बडगोंदा थाना क्षेत्र में एक रिटायर्ड ब्रिगेडियर के साथ फर्जी शेयर ट्रेडिंग एप के जरिए 1.26 करोड़ की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक आरोपी भोपाल से पकड़ा गया।
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आरोपियों के खाते में ट्रांसफर की रकम
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने रिटायर्ड ब्रिगेडियर को शेयर ट्रेडिंग के जरिए मोटा लाभ कमाने का लालच देकर एक फर्जी एप के माध्यम से निवेश करवाया। मार्च महीने में ब्रिगेडियर ने 1 करोड़ 26 लाख रुपये ट्रांजैक्शन कर आरोपियों के बताए खातों में जमा कर दिए। कुछ ही समय में उक्त राशि की वैल्यू बढ़ाकर 11 करोड़ रुपये तक दिखा दी गई। जिससे पीड़ित को और अधिक लाभ मिलने की उम्मीद जगी। लेकिन जब उसने इन पैसों को वापस ट्रांसफर करने का प्रयास किया, तो कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ।
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पुलिस ने फ्रीज किए खाते
परेशान होकर रिटायर्ड ब्रिगेडियर ने जब पुलिस से संपर्क किया। तो साइबर सेल की मदद से तुरंत सभी संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज कराया गया। इससे 6 लाख की राशि बचा ली गई। साथ ही 3 लाख रुपये की नकद राशि भी जब्त की गई।
फर्जी नाम से खोला था खाता
जांच में पता चला कि आरोपी रोहित ने फर्जी नाम से ऑनलाइन खाता खोला था। पहचान छिपाकर किराए के पते का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने आरोपी को भोपाल से गिरफ्तार किया। जबकि दूसरा आरोपी गुजरात में कैटरिंग का काम करने वाला व्यक्ति है, जिसे पकड़ लिया गया है।
धोखाधड़ी का नया तरीका
इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि साइबर ठग अब रिटायर्ड अधिकारियों को भी निशाना बना रहे हैं। फर्जी निवेश ऐप और लॉभकारी स्कीमों के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसा कर भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इंदौर में इस तरह के अभी तक आधा दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें आरोपियों ने सीनियर सिटीजन और रिटायर्ड सरकारी अफसरों व प्रोफेसरों को अपने जाल में फंसाकर उनसे मोटी रकम ठग ली है।
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