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Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. राजस्व वसूली में अफसरों की ढिलाई ने मध्य प्रदेश की आर्थिक सेहत बिगाड़ दी है। सरकार की समीक्षा बैठक में खुलासा हुआ कि जीएसटी और वैट दोनों में भारी गिरावट दर्ज हुई है।
हालत यह है कि राज्य को अब करीब 10 हजार करोड़ रुपए का राजस्व घाटा झेलना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पर असंतोष जताते हुए अफसरों को ठोस कार्य योजना बनाकर लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए।
बजट अनुमान में 15 प्रतिशत की कमी
यह बात आज मंत्रालय में राजस्व संग्रह को लेकर हुई छ:माही समीक्षा बैठक में सामने आई। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने की। बैठक में बताया गया कि पिछले दो वित्तीय वर्षों की तुलना में बजट अनुमान लक्ष्य हासिल करने में ही अब तक 15 प्रतिशत की कमी है।
जीएसटी से कर वसूली में 13.5 % की गिरावट
सर्वाधिक कमजोर स्थिति वाणिज्यकर विभाग की है। मौजूदा साल के बजट में ​जीएसटी से 42,140 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने का अनुमान जताया गया है।
इसी आधार पर विभाग ने सितंबर तक जीएसटी से 19,600 करोड रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था,लेकिन इसके विपरीत उसे सिर्फ 16,956 करोड़ रुपए ही जुटा सका। इस तरह,उसे करीब 2644 करोड़ रुपए कम मिले। यह कमी तय लक्ष्य की 13.5 प्रतिशत है।
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10 हजार करोड़ कम मिलने के आसार
सूत्रों के अनुसार,केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में किए गए बदलाव के बाद मप्र को इसी मद में और अधिक नुकसान होने के आसार हैं। जीएसटी का नया स्लैब एक पखवाड़े पहले ही लागू हुआ। जानकारों का मानना है कि जीएसटी संग्रह की जो स्थिति है,उसे देखते हुए अगले छह माह में यह घाटा 10 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
हालांकि विभाग का अनुमान है यह कमी करीब 4607 करोड़ रुपए हो सकती है। दरअसल,विभाग ने अपने बजट अनुमान में ही कमी कर ली है। उसे मार्च 2026 तक जीएसटी से 37,533 करोड़ ​रुपए मिलने का अनुमान है। जबकि पिछले पेश बजट में यह अनुमान 42,140 करोड़ रुपए बताया गया था।
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माह दर माह आती गई राजस्व में कमी
जीएसटी की मासिक आधार पर हुई समीक्षा में इसमें माह दर माह गिरावट सामने आई। विभाग को गत अप्रैल में जीएसटी से जहां 2726 करोड़ रुपए मिले।
वहीं, मई में यह आंकड़ा 1911 करोड़,जून में 1989 करोड़,जुलाई में 2209 करोड़ व अगस्त में सिर्फ 2022 करोड़ रह गया।
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वैट में भी 9.1 प्रतिशत की कमी
जीएसटी की ही तरह,वैट में भी राजस्व संग्रह कमजोर रहा। मौजूदा साल के बजट में वैट से सरकार को 22,861 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है।
इस आधार पर ​विभाग ने साल के शुरुआती छह महीनों में वैट से 9,850 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था,लेकिन इसके मुकाबले वाणिज्यिक कर विभाग सिर्फ 8,909 करोड़ ही जुटा सका।
इस तरह,वैट से राजस्व जुटाने में 941 करोड़ की कमी आई जो कुल लक्ष्य का 9.1 प्रतिशत है। जब​कि साल 2023 के शुरुआती छह महीनों में ही वैट से राजस्व संग्रह में 91 प्रतिशत व साल 2024 में 89प्रतिशत तक लक्ष्य हासिल किया गया था। जो इस साल अब तक सिर्फ 88 प्रतिशत है।
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कर दाताओं से मिलने वाले राजस्व में भी कमी
राज्य को सिर्फ जीएसटी व वैट ही नहीं,करदाताओं से मिलने वाले राजस्व में भी कमी आई है। बीते दो वित्तीय वर्षों से इसकी तुलना की जाए तो साल 2023 में टैक्सपेयर्स से 22,273 करोड़, साल 2024 में 22,967 करोड़ रुपए मिले। जबकि इस वित्तीय वर्ष का आधा समय गुजरने जाने तक राज्य को सिर्फ 10,857 करोड़ रुपए ही इस मद में ​हासिल हुए।
सिर्फ शराब से कमाए,बाकी में घाटा
समीक्षा में पाया गया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में सिर्फ आबकारी विभाग को ही राजस्व संग्रह में 81करोड़ अधिक राजस्व मिला। जबकि पंजीयन से मिलने वाले राजस्व में - 4.4 %,खनिज राजस्व में -2.8 % परिवहन में 24.5% व एनर्जी में -13.3 प्रतिशत राजस्व तय लक्ष्य से ​कम मिला।
इस पर असंतोष जताते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ठोस कार्य योजना बनाकर तय लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए। बैठक में सीएस अनुराग जैन व संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
मध्य प्रदेश राजस्व समीक्षा (सितंबर 2025 तक)
| विभाग / मद | बजट अनुमान (₹ करोड़) | अब तक वसूली (₹ करोड़) | कमी / वृद्धि | प्रतिशत (%) परिवर्तन | टिप्पणी |
|---|---|---|---|---|---|
| जीएसटी (GST) | 42,140 | 16,956 | -2,644 | -13.5% | सर्वाधिक घाटा, लक्ष्य से पीछे |
| वैट (VAT) | 22,861 | 8,909 | -941 | -9.1% | लक्ष्य का 88% ही हासिल |
| आबकारी (Excise) | 18,000 | 8,293 | +81 | +1% | एकमात्र वृद्धि वाला विभाग |
| स्टांप-पंजीयन | 13,920 | 5,800 | -270 | -4.4% | निर्माण बाजार सुस्त |
| खनिज राजस्व | 13,069 | 4,853 | -142 | -2.8% | रॉयल्टी वसूलने में सुस्ती |
| परिवहन | 5,700 | 1,905 | -618 | -24.5% | सबसे कमजोर प्रदर्शन |
| ऊर्जा विभाग | 5,500 | 2,172 | -333 | -13.3% | बिजली उपभोक्ता बकाया बढ़े |
| वन विभाग | 1,700 | 798 | +13 | +1.6% | मामूली सुधार |
| जल संसाधन | 750 | 237 | -60 | -20.1% | धीमी वसूली |
| कुल राजस्व (कुल मिलाकर) | 1,31,864 | 54,131 | -4,694 | -8% | अब तक कुल लक्ष्य का ~41% ही हासिल |
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