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भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) को हाल ही में नैक से ए++ ग्रेड मिला था। इस पर सवाल उठने लगे थे। वहीं, अब इसकी सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (SSR) में भी विवाद हो गया है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में कई दावे ऐसे हैं, जो वास्तविकता से मेल नहीं खाते हैं।
इसमें दावा किया गया है कि विश्वविद्यालय ने प्रशासनिक अधिकारियों को फुलटाइम शिक्षक दिखाया गया है। इन अधिकारियों में डिप्टी रजिस्ट्रार, रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक शामिल हैं। इस तरह फुलटाइम शिक्षकों की संख्या बढ़ाई गई है। इन शिक्षकों के पास पीएचडी, डीएससी और डीलिट जैसी डिग्रियां थीं।
नैक मानकों का उल्लंघन
ये खबर भी पढ़िए...NAAC की मूल्यांकन प्रक्रिया में आरजीपीवी की लापरवाही पर सवाल, दो साल बाद जमा की SSR रिपोर्टविशेषज्ञों का कहना है कि यह नैक के मानकों का सीधा उल्लंघन है। SSR में दावा किया गया है कि 2018-19 से 2022-23 तक विश्वविद्यालय को राज्य सरकार से 623 करोड़ रुपए का अनुदान मिला था।
वहीं, असल में राज्य सरकार ने आरजीपीवी को सैलरी, पेंशन और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए कोई अनुदान नहीं दिया है। इस बात की पुष्टि आरजीपीवी के रजिस्ट्रार डॉ. मोहन सेन ने की है।
एबीवीपी ने की एफआईआर की मांग
इस विवाद के बाद एबीवीपी (ABVP) ने मंगलवार 18 नवंबर को तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से मुलाकात की थी। उन्होंने कुलपति और अन्य दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। इसके अलावा, विश्वविद्यालय में धारा-54 लागू करने की भी मांग की गई है।
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आरजीपीवी की खबर को एक नजर में समझें...
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एसएसआर में मिली गड़बड़ियां
SSR में दावा किया गया है कि विश्वविद्यालय में विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है। वहीं, छात्रों का कहना है कि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बंद पड़ा है। सभी प्रतियोगिताएं अन्य कॉलेजों के मैदानों में होती हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में छह कंस्टीट्यूट कॉलेजों का जिक्र है। वहीं, असल में उनकी संख्या सिर्फ चार है।
फेक डाटा और दस्तावेजों की गड़बड़ी
साथ ही दावा किया जा रहा है कि एसएसआर में प्लेसमेंट से संबंधित दस्तावेज अपलोड किए गए थे। वहीं इसमें कई आंकड़े बिल्कुल अस्पष्ट थे। रिपोर्ट में एक सक्रिय छात्र परिषद की बात कही गई है, लेकिन दस्तावेजों में इसका कोई प्रमाण नहीं है।
इसके अलावा, विश्वविद्यालय ने दावा किया कि 323 संबद्ध कॉलेज हैं। इनमें से 300 को नैक से मान्यता मिली है। वहीं, नैक पोर्टल पर केवल 25 कॉलेजों को मान्यता मिली है।
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मंत्री बोले- दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे
इस पूरे मामले पर तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि वे SSR में दी गई जानकारी का विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड से वेरिफिकेशन कराएंगे। इसके लिए प्रमुख सचिव को निर्देश दे दिए गए हैं। यदि जानकारी गलत पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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