HC के निर्देश पर गठित SIT पहुंची विश्वविद्यालय, कुलगुरु की शुरू हुई जांच

RDVV पहुंची SIT, कुलगुरु राजेश वर्मा को पूछताछ के लिए ले जाया गया रेलवे एसपी कार्यालय, महिला अधिकारी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों की हो रही है गहराई से पड़ताल।

author-image
Neel Tiwari
New Update
The sootr

The sootr

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) के कुलगुरु डॉ. राजेश वर्मा पर महिला अधिकारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। बुधवार 4 जून को हाइकोर्ट के आदेश पर गठित विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी जांच शुरू कर दी है। जांच के पहले दिन ही एसआईटी टीम विश्वविद्यालय पहुंची और कुलगुरु कार्यालय में गहन जांच की।

तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की विशेष जांच टीम गठित

हाईकोर्ट के 19 मई 2025 को पारित आदेश के अनुपालन में मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा गठित इस एसआईटी में तीन वरिष्ठ महिला व पुरुष अधिकारी शामिल हैं। यह अधिकारी जबलपुर जिले के बाहर के हैं, ताकि निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके। यह अधिकारी इस टीम में शामिल हैं—

  • 1. इरशाद वली, भा.पु.से., पुलिस महानिरीक्षक, विशेष सशस्त्र बल, पुलिस मुख्यालय भोपाल (टीम प्रमुख)
  • 2. श्रीमती मोनिका शुक्ला, भा.पु.से., उप पुलिस महानिरीक्षक, रेल, भोपाल
  • 3. श्रीमती शिमाला प्रसाद, भा.पु.से., पुलिस अधीक्षक, रेल, जबलपुर

खबर यह भी : जबलपुर हाईकोर्ट ने छेड़छाड़ को नहीं माना यौन उत्पीड़न, आरोपी की सजा 20 से घटाकर 5 साल की

कुलगुरु के कक्ष में की गई प्रारंभिक जांच

एसआईटी ने बुधवार सुबह रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय पहुंचकर सबसे पहले कुलगुरु कार्यालय में दस्तावेजों की जांच की और प्रारंभिक पूछताछ की। इसके बाद कुलगुरु डॉ. राजेश वर्मा को आगे की गहन जांच के लिए रेलवे पुलिस अधीक्षक कार्यालय ले जाया गया, जहाँ पूछताछ का क्रम अभी जारी है।

खबर यह भी : यौन उत्पीड़न पर अब कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला, नाबालिग के ब्रेस्ट छूना रेप नहीं

हाईकोर्ट ने जताई थी पिछली जांचों पर असंतुष्टि

The sootr
The sootr

 उल्लेखनीय है कि इससे पहले कलेक्टर जबलपुर दीपक सक्सेना की निगरानी में गठित छह सदस्यीय समिति द्वारा की गई जांच को हाईकोर्ट ने असंतोषजनक बताया था। कलेक्टर ने भी कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि जांच समिति ने आवश्यक साक्ष्य नहीं जुटाए, ना ही कथित घटना के सीसीटीवी फुटेज को लेकर कोई ठोस प्रयास किए गए। इस लापरवाही के चलते कोर्ट ने जांच को आधी अधूरी करार देते हुए एक स्वतंत्र और निष्पक्ष एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था।

खबर यह भी : गुरुग्राम के नामी अस्पताल में एयर होस्टेस का यौन उत्पीड़न, घटना के वक्त वेंटिलेटर पर थी पीड़िता

कुलगुरु पर लगे हैं राजनीतिक प्रभाव के आरोप

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा अदालत को बताया गया था कि कुलगुरु डॉ. वर्मा के उच्च राजनीतिक संपर्क हैं, जिससे पूर्व की जांचें प्रभावित हुईं। हाईकोर्ट ने भी माना कि दो बार जांच का मौका देने के बावजूद रिपोर्टें सही ढंग से नहीं की गईं, जिससे विश्वविद्यालय प्रशासन की नीयत पर सवाल खड़े हुए।

खबर यह भी : मणिपुर में 4 मई को 2 लड़कियों से हुई थी दरिंदगी! पुलिस की दर्ज FIR में यौन उत्पीड़न की धारा ही नहीं, सिर्फ डकैती-घुसपैठ के आरोप 

अब निष्पक्ष जांच की उम्मीद

एसआईटी के सक्रिय होते ही इस प्रकरण को लेकर पीड़िता को न्याय की नई उम्मीद जगी है। इसके पहले की गई दो जांचों में हुई खानापूर्ति के चलते अब विश्वविद्यालय परिसर में भी छात्रों और कर्मचारियों के बीच यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। सबकी निगाहें अब एसआईटी की अगली कार्रवाई और आगामी रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं।

: निष्पक्ष जांच की मांग

निष्पक्ष जांच की मांग RDVV हाइकोर्ट SIT निष्पक्ष जांच विश्वविद्यालय