भोपाल में होगा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का मेगा शो, युवाओं और महिलाओं से करेंगे सीधा संवाद

नए साल की शुरुआत में झीलों की नगरी भोपाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक बड़े वैचारिक उत्सव की गवाह बनने वाली है। संघ अपने शताब्दी वर्ष (100 साल) को बेहद खास तरीके से मनाने जा रहा है।

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Kaushiki
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  • शताब्दी वर्ष का आगाज: संघ के 100 साल पूरे होने पर 2 और 3 जनवरी 2026 को भोपाल में चार बड़े वैचारिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।

  • मोहन भागवत का नेतृत्व: इन सभी सत्रों की कमान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत डॉ. मोहन भागवत संभालेंगे और समाज से संवाद करेंगे।

  • युवा और जन संवाद: 2 जनवरी को युवाओं को राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी समझाने के लिए विशेष 'युवा संवाद' और 'जन गोष्ठी' होगी।

  • शक्ति और सद्भाव: 3 जनवरी को महिलाओं के लिए शक्ति संवाद और समाज के सभी वर्गों को जोड़ने के लिए सामाजिक सद्भाव सम्मेलन होगा।

  • भविष्य का विजन: इन कार्यक्रमों के जरिए संघ अगले 100 वर्षों के लिए अपना सशक्त और समर्थ भारत का रोडमैप दुनिया के सामने रखेगा।

नए साल की शुरुआत में भोपाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वैचारिक उत्सव की गवाह बनने जा रही है। संघ के सेंचुरी ईयर के उपलक्ष्य में 2 और 3 जनवरी 2026 को चार विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। 

इन जरूरी सेशंस में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत खुद इन कार्यक्रमों की कमान संभालेंगे। वे यहां युवाओं, महिलाओं और शिक्षित नागरिकों से सीधा संवाद करेंगे।

युवाओं के साथ 2 जनवरी का विशेष सेशन

शताब्दी संकल्प को पूरा करने के लिए 2 जनवरी 2026 का दिन बहुत ही खास होगा। इस दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत युवाओं के साथ एक विशेष संवाद कार्यक्रम करेंगे।

युवाओं को राष्ट्र निर्माण में उनकी अहम भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में बताया जाएगा। इसके बाद एक पब्लिक सेमिनार का आयोजन भी किया जाएगा। इसका लक्ष्य भारत को विश्व पटल पर एक संगठित और सशक्त राष्ट्र बनाना है।

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3 जनवरी को सोशल हारमनी पर जोर

कार्यक्रम के दूसरे दिन यानी 3 जनवरी 2026 को पावर डायलाग का बड़ा आयोजन होगा। इसमें समाज की महिलाओं के साथ राष्ट्र निर्माण की चुनौतियों और समाधान पर चर्चा होगी।

इसी दिन सामाजिक सद्भाव सम्मेलन (social harmony conference) के जरिए समाज के सभी वर्गों को एकजुट किया जाएगा। संघ प्रमुख समाज के प्रभावशाली लोगों के सामने संघ के अगले 100 साल का विजन रखेंगे।

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सज्जन शक्ति को एकजुट करने का संकल्प

शताब्दी वर्ष में संघ ने सज्जन शक्ति को साथ लेने का एक नया संकल्प लिया है। देशभर के प्रमुख शहरों में समाज के प्रतिष्ठित लोगों से संवाद किया जा रहा है। भोपाल के ये चार कार्यक्रम इसी कड़ी का एक बहुत ही जरूरी हिस्सा हैं।

मोहन भागवत (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक) के लेक्चर के जरिए संघ अपनी विचारधारा को मॉडर्न कॉन्टेक्स्ट में पेश करेगा। युवाओं और महिलाओं की भागीदारी से संघ अपनी पहुंच को और अधिक विस्तार देगा।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) दुनिया का सबसे बड़ा वोलंटरी ऑर्गेनाइजेशन है। इसकी स्थापना 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति की रक्षा और समाज को संगठित कर राष्ट्र निर्माण करना है।

संघ की पहचान इसके अनुशासन और शाखाओं से होती है। अभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत (Rashtriya Swayamsevak Sangh chief Mohan Bhagwat) हैं। ये संगठन शिक्षा, सेवा और आपदा प्रबंधन जैसे कार्यों में सक्रिय रहता है।

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