/sootr/media/media_files/fPT6yosCjxHHVFhTRlpd.jpg)
गुना में महिला की पिटाई मामले में पुलिस की टीम ने आरोपियों की दो दुकानों को गिरा दिया। दुकान गिराने के बाद पुलिस की टीम वापस जाने लगी। ऐसे में वहां मौजूद लोगों ने पुलिस से आरोपियों के मकान गिराने की मांग की। मांग पूरी न होने पर उग्र भीड़ पुलिस की टीम पर पथराव करने लगी।
ये खबर भी पढ़िए...Union Budget 2024-25 : मध्य प्रदेश ने केंद्र सरकार से क्या डिमांड की थी, क्या मिला
जानें क्या है महिला की पिटाई मामला
फतेहगढ़ के विष्णुपुरा गांव में सोमवार 22 जुलाई को जमीन के झगड़े में दो पक्ष आमने-सामने आ गए थे। एक पक्ष के आरोपी ने दूसरे पक्ष की महिला को बाल पकड़कर जमीन पर पटका। वह महिला के पेट पर घुटने रखकर बैठ गया और चेहरे-पीठ पर घूसे मारे।
दरअसल आरोपी फरीद खान का घर के पास की सरकारी जमीन पर कब्जा है। वह यहां अपने मवेशी बांधता है। गांव के ही रहने वाले दीपचंद लोधी का परिवार भी इस जमीन पर कब्जा करना चाहता है। पहले भी दोनों परिवारों में जमीन के लिए झगड़े हो चुके हैं।
हिंदू संगठनों ने किया प्रदर्शन
महिला की पिटाई का वीडियो सामने आया तो हिंदू संगठनों ने सोमवार 22 जुलाई को प्रदर्शन का ऐलान कर दिया। ऐसे में मंगलवार सुबह से लोग फतेहगढ़ में जुटने लगे। वे पहले मंडी परिसर में जमा हुए।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कई नेता भी मंडी पहुंचे। दोपहर 12 बजे यहां से फतेहगढ़ थाने जाकर थाने का घेराव कर दिया। उनकी मांग आरोपियों की संख्या बढ़ाने, उनके घर गिराने, हत्या के प्रयास की धारा बढ़ाने और थाना प्रभारी को सस्पेंड करने की थी।
अवैध निर्माण तोड़ने की मांग को किया स्वीकार
पूर्व सूचना पर थाने में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था। आरोन एसडीएम विकास कुमार आनंद, एसडीओपी विवेक अस्थाना भी पहुंचे। मामले में धारा बढ़ाने, आरोपियों के अवैध निर्माण तोड़ने की मांग को स्वीकार कर लिया गया। पीड़ित महिला को थाने बुलाकर नई एफआईआर की। अवैध निर्माण तोड़ने का नोटिस भी प्रदर्शनकारियों को दिखाया।
अवैध निर्माण तोड़ने पहुंची पुलिस टीम
आरोपियों के अवैध निर्माण तोड़ने के लिए थाने में ही जेसीबी बुलवाई गई। प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को बताया कि सभी मांगें मान ली गई हैं। इसके बाद जेसीबी थाने से विष्णुपुरा गांव के लिए रवाना की गई। तहसीलदार, टीआई समेत कुछ फोर्स को मौके पर अवैध निर्माण तोड़ने के लिए भेजा गया।
साथ ही प्रदर्शन कर रहे लोग भी गांव की तरफ चल दिए। कुछ ही देर में गांव में हजारों लोग जमा हो गए। विष्णुपुरा के अलावा और भी कई गांवों के लोग वहां पहुंच गए। प्रशासन को अंदाजा नहीं था कि इतने लोग पहुंच जाएंगे। गांव में पहुंचे तहसीलदार ने SDM को सूचना दी कि यहां काफी लोग जुट गए हैं। इसके बाद एसडीएम विकास कुमार आनंद, एसडीओपी भी कुछ और पुलिस फोर्स लेकर गांव पहुंच गए।
दुकान के बाद घर गिराने की मांग
प्रशासन ने जेसीबी से आरोपियों की अवैध दुकानों को तोड़ दिया। इसके बाद जेसीबी को रवाना कर दिया गया। जेसीबी को वापस जाता देख लोग भड़क गए। वे आरोपियों का घर भी तोड़ने की मांग करने लगे। प्रशासन ने घर तोड़ने से इनकार कर दिया, क्योंकि वह आबादी क्षेत्र में था। थाने में प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले सभी नेता गायब हो चुके थे। ऐसे में भीड़ किसी की नहीं सुन रही थी।
ये खबर भी पढ़िए...Union Budget 2024-25 : मध्य प्रदेश ने केंद्र सरकार से क्या डिमांड की थी, क्या मिला
एसडीओपी समेत 5 पुलिसकर्मी घायल
ऐसे में पुलिस टीम सवा घंटे तक उग्र भीड़ के बीच घिरी रही। पुलिस जवानों को सड़क पर दो तरफ से घेरकर पत्थर, कांच की बोतलें फेंकी गईं। मकानों की छतों से भी हमले हुए। 50 से ज्यादा गाड़ियां तोड़ डालीं। एसडीओपी विवेक अस्थाना समेत 5 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
पुलिस करेगी पत्थर फेंकने वालों की पहचान
उपद्रव के बाद कई लोग अपनी गाड़ियां छोड़कर चले गए। पत्थरबाजी में गाड़ियों को नुकसान भी पहुंचा है। पुलिस लगभग 50 गाड़ियों को ट्रैक्टर - ट्रॉलियों से फतेहगढ़ थाने ले आई। इन गाड़ियों से ही उपद्रव करने वालों की पहचान की जाएगी।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें