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SAGAR. सागर जिले के देवरी का नाम बदलकर देवपुरी करने का प्रस्ताव एक बार फिर चर्चा में है। सत्ता और विपक्ष दोनों इस पर एकमत हैं। यह नगर बुंदेलखंड क्षेत्र में ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अहम है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इसका नामकरण देवपुरी करने का प्रस्ताव उठ चुका है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने इसे लेकर आश्वासन दिया है। दोनों ने कहा कि केंद्र सरकार से मंजूरी लेने के लिए कदम उठाए जाएंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी इस प्रस्ताव की सराहना की है। उन्होंने रेलवे से इसे जोड़ने के प्रयासों का समर्थन किया है।
विधानसभा में नामकरण पर हुई चर्चा
स्थानीय विधायक बृज बिहारी पटेरिया का कहना है कि देवरी का नाम बदलने का मुद्दा पुराना है। उन्होंने विधानसभा में अशासकीय संकल्प पेश किया है। साथ ही, मुख्यमंत्री से मंजूरी दिलवाने का आग्रह किया है।उन्होंने बताया कि खंडेराव मंदिर के दर्शन के लिए देशभर से लोग आते हैं।
इस कारण, देवरी को रेलवे लाइन से जोड़ने का प्रस्ताव भी विचार में है। पूर्व मंत्री हर्ष सिंह ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे सभी को लाभ होगा, लेकिन रेलवे लिंक और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ाने होंगे।
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केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार
देवरी के नाम बदलने के प्रस्ताव को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी की उम्मीद है। 14 फरवरी 2025 को नगर पालिका ने यह प्रस्ताव भेजा था। 28 जुलाई 2025 को कलेक्टर ने केंद्र को पत्र भेजा था। फिर, 4 अगस्त 2025 को राजस्व विभाग ने भी एक पत्र केंद्र को भेजा था।
5 दिसंबर 2025 को एमपी विधानसभा में इस मुद्दे पर अशासकीय संकल्प पेश किया गया था। इस पर सीएम मोहन यादव ने केंद्र से मंजूरी लेने का आश्वासन दिया है।
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देवरी के नाम बदलने की खबर पर एक नजर...
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लंबे समय से हो रही नाम बदले की मांग
देवरी का नाम बदलकर देवपुरी करने का प्रस्ताव ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखता है। यह नगर मध्यप्रदेश की सबसे पुरानी नगर पालिका परिषद है। यहां स्थित 400 साल पुराना देवश्री खंडेराव मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है। मराठा शासनकाल में यह मंदिर देवपुरी नाम से जाना जाता था। सागर जिले के गजेटियर में भी यह उल्लेख है। खंडेराव मंदिर के कारण ही नगर का नाम देवपुरी रखा गया था। इसी कारण लंबे समय से नाम बदलने की मांग की जा रही थी। अब विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है।
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देशभर में प्रसिद्ध है खंडेराव की पूजा
खंडेराव, जिन्हें खंडोबा भी कहा जाता है, मराठी परिवारों के कुल देवता हैं। वे भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं। उनकी पूजा माता पार्वती के साथ घोड़े पर सवार रूप में होती है। चंपा षष्ठी के दौरान हजारों श्रद्धालु अग्निकुंड से निकलकर उनकी पूजा करते हैं। यह पूजा देशभर के लाखों मराठी परिवारों के लिए धार्मिक पहचान है।
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