सैफ अली खान को पैतृक संपत्ति विवाद में मिली राहत, हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
सैफ अली खान को भोपाल की पैतृक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई गई है। यह विवाद कई दशकों पुराना है और अरबों की संपत्ति पर है।
BHOPAL. बॉलीवुड एक्टर और नवाब पटौदी के बेटे सैफ अली खान को हाल ही में अपनी पैतृक संपत्ति विवाद में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। यह विवाद 25 साल पुराना है और भोपाल की अरबों की पुश्तैनी संपत्ति को लेकर है।
इस मामले में हाल ही में जबलपुर हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को दोषपूर्ण मानते हुए इसे निरस्त कर दिया था, जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा।
25 साल पुराना संपत्ति विवाद
यह विवाद भोपाल रियासत के अंतिम नवाब मोहम्मद हमीदुल्ला खान की संपत्ति को लेकर चल रहा है। नवाब के वंशजों में संपत्ति पर दावा करने के लिए संघर्ष जारी है, जिसमें सैफ अली खान के परिवार के अलावा अन्य वंशज भी शामिल हैं। अब तक इस संपत्ति का मूल्य लगभग 15,000 करोड़ रुपए बताया जा रहा है, जिसमें अहमदाबाद पैलेस और अन्य बड़े भूभाग भी शामिल हैं।
जबलपुर हाईकोर्ट ने 14 फरवरी 2000 के फैसले को निरस्त कर दिया और मामले की फिर से सुनवाई का आदेश दिया था। इसके साथ ही, हाईकोर्ट ने एक साल के भीतर मामले का निपटारा करने के निर्देश दिए थे।
इस फैसले के खिलाफ उमर फारूख अली और राशिद अली की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फिलहाल रोक लगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सैफ अली खान और उनके परिवार के सदस्य फिलहाल तीसरे पक्ष के अधिकार का निर्माण नहीं कर सकते। यह आदेश अगले सुनवाई तक प्रभावी रहेगा।
पटौदी परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मध्य प्रदेश में स्थित लगभग 15 हजार करोड़ रुपए मूल्य की कई शाही संपत्तियों पर अपनी एकमात्र विरासत बहाल करने की मांग की है।
ट्रायल कोर्ट ने सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर और बहनों को इन संपत्तियों का मालिक माना था, लेकिन हाई कोर्ट ने इस आदेश को निरस्त कर दिया था। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया था कि एक साल के भीतर इस मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला किया जाए।
क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?
इस विवाद की वजह से सैफ अली खान और उनके परिवार के सदस्यों को कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। यह मामला न सिर्फ उनकी पैतृक संपत्ति के अधिकार से जुड़ा है, बल्कि भारतीय वंशजों के लिए संपत्ति का अधिकार कैसे तय किया जाता है, इस पर भी सवाल उठता है।
नवाब हाफिज सर हमीदुल्लाह खान, जिनका पूरा नाम सिकंदर सौलत इफ्तेखारल उल मुल्क बहादुर हमीदुल्लाह खान था, भोपाल के अंतिम नवाब थे। उनका 1956 में मध्य प्रदेश राज्य में विलय हो गया था। नवाब ने दो शादियां की थीं और उनके निधन के बाद उनकी पहली पत्नी की बेटी साजिदा को भारत सरकार ने 1961 में कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में मान्यता दी थी।
साजिदा, सैफ अली खान की परदादी थीं। उनका विवाह पटौदी रियासत के नवाब इफ्तिखार अली खान से हुआ था। उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी और फिर उनके बेटे सैफ अली खान को इस संपत्ति का वारिस माना गया। इस संपत्ति की कीमत लगभग 15 हजार करोड़ रुपए है।
सैफ अली खान के पैतृक संपत्ति विवाद में क्या नया मोड़ आया है?
सैफ अली खान को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है, जिसने जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई। अब इस मामले की आगे सुनवाई होगी।
यह संपत्ति विवाद कितना पुराना है और किससे संबंधित है?
यह संपत्ति विवाद 25 साल पुराना है और भोपाल के अंतिम नवाब मोहम्मद हमीदुल्ला खान की संपत्ति को लेकर है, जिसमें अहमदाबाद पैलेस और अन्य बड़े भूभाग शामिल हैं।