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Indore News: स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ उपस्थिति दिखाने में नया तरीका अपना रहे हैं। सभी को सार्थक एप के जरिए हाजिरी लगानी होती है। यह एप कर्मचारियों की उपस्थिति ट्रैक करने के लिए बनाया गया है।
कुछ लोग इस तकनीक को धोखा देने के तरीके खोज रहे हैं। हाल ही में इंदौर में 50 से ज्यादा कर्मचारियों को इस धोखाधड़ी के आरोप में नोटिस भेजे गए हैं।
इन पांच प्वाइंट में समझें पूरा मामला
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ऐसे दिखाई कलाकारी
इंदौर सीएमएचओ डॉ. माधव हसानी ने बताया कि सभी को सार्थक एप (sarthak app attendance) के जरिए हाजिरी लगानी होती है। यदि बायोमैट्रिक सिस्टम लगा है तो वहां फोटो भी आएगी। इसमें भोपाल की टीम लगातार इसका रिव्यू करती है। रिव्यू में सामने आया है कि कुछ लोगों द्वारा हाजिरी लगाने में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
कुछ लोग इस तरह से फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। वे या तो दूसरों को अपना मोबाइल दे देते हैं, फिर अपना वीडियो रिकॉर्ड कर उसे एप में दिखा देते हैं। इस तरह से हाजिरी में धोखाधड़ी हो रही है।
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हर दस दिन में आ रही ऐसी लिस्ट
ऐसा खेल करने वालों की पहचान भोपाल स्तर पर बैठी टीम के माध्यम से किया जा रहा है। हर दस दिन में ऐसे लोगों की लिस्ट संबंधित जिलों में भेज दी जाती है, जिनकी हाजिरी में गड़बड़ होती है। फिर संबंधित सीएमएचओ से द्वारा इन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा जा रहा है। जब तक जवाब नहीं मिलता तब तक उनका वेतन रोक दिया गया है।
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इंदौर में इन सभी को नोटिस
इंदौर में डॉ. कैलाश राजपूते, डॉ. अंकिता, डॉ. प्रार्ची, डॉ. हर्षिता, दुर्गेशवरी प्रजापति, फार्मासिस्ट मनोज यादव, डॉ. अंशुल, डॉ. विनोद दांगी, डॉ. दिनेश साहू, डॉ. समर्थ परमार, डॉ. सुयश, शाहिद शेख व अन्य को नोटिस हुए हैं।
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