SC-ST, OBC महासम्मेलन में हंगामा, संविधान की किताब फाड़ी, भीड़ ने आरोपियों को पीटा

जबलपुर में सम्राट अशोक के धम्म विजय दिवस पर हंगामा हुआ। कुछ युवकों ने मंच पर चढ़कर विरोध किया। आरोप है कि उन्होंने संविधान की किताब फाड़ दी। घटना के बाद भीड़ ने आरोपियों को घेर लिया और उनकी जमकर पिटाई कर दी।

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Neel Tiwari
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JABALPUR. जबलपुर के मानस भवन में सम्राट अशोक महान धम्म विजय दिवस पर रविवार हंगामा हुआ। सामाजिक एवं राजनैतिक जन चेतना महासम्मेलन के दौरान कुछ युवकों ने मंच पर चढ़कर हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि इन युवकों ने कार्यक्रम का मंच पर चढ़कर विरोध किया। वहीं स्टॉल पर बिक रही संविधान की किताब फाड़ी। इसके बाद उपस्थित भीड़ बेकाबू हो उठी।

मंच पर चढ़कर विरोध

कार्यक्रम में अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे थे। इसी दौरान कुछ युवक अचानक मंच के पास पहुंचे। कार्यक्रम का विरोध करते हुए हंगामा मचाने लगे। इन्हीं युवकों पर बाहर लगे बुक स्टॉल से संविधान की प्रति फाड़ने का भी आरोप लगा है। भीड़ ने इस हरकत के बाद आरोपियों को घेर लिया और उनकी जमकर पिटाई कर दी।

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विधायक ने प्रशासन को लिया आड़े हाथों

कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने पूरे घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि संघी मानसिकता के लोगों ने प्रशासन के संरक्षण में यह काम किया है। संविधान की किताब फाड़ने वालों पर कार्रवाई करने की बजाय, पुलिस स्टॉल लगाने वालों से लाइसेंस पूछने लगी।

घनघोरिया ने कहा क्या अब संविधान की किताब बेचने के लिए भी लाइसेंस लेना पड़ेगा? यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मनुवादी ताकतें दूसरे वर्गों और उनके अधिकारों को खत्म करना चाहती हैं।

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पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी

संविधान की पुस्तक फाड़े जाने की खबर फैलते ही कार्यक्रम स्थल पर भारी आक्रोश फैल गया। लोगों ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जमकर नारेबाजी की। घटना से उत्पन्न तनाव को देखते हुए पुलिस ने कार्यक्रम में हंगामा करने वाले युवकों को हिरासत में लिया। भीड़ को शांत कराने की कोशिश की।

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कार्यक्रम में तनाव के बीच भी जारी रहा विरोध

संविधान का अपमान: यह सम्मेलन समाजिक और शैक्षणिक जागरूकता को समर्पित था। संविधान की किताब को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा। घटना ने सम्मेलन को राजनीतिक और सामाजिक तनाव का केंद्र बना दिया। उपस्थित लोगों ने कड़ी निंदा की और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की। यह घटनाक्रम जबलपुर में नए विवाद का कारण बना है। सामाजिक कार्यक्रमों की सुरक्षा, पुलिस की भूमिका और संविधान के सम्मान पर बहस तेज हो गई है।

बजरंग दल ने लगाया आरोप 

मामले में बजरंग दल के सुमित ठाकुर भी कार्यकर्ताओं के साथ मानस भवन पहुंचे। उन्होंने बताया कि हमारे प्रखंड स्तर के कार्यकर्ताओं को यह सूचना मिली थी कि यहां पर हिंदू समाज विरोधी किताबें बेची जा रही हैं। इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन पेमेंट कर किताब खरीदी। जिसमें भगवान श्रीराम सहित माता सीता और कैकई के विरुद्ध भी अपमानजनक बातें लिखी हुई थी। जिसे उन्होंने विरोध किया। उन्होंने की एसटी एससी और ओबीसी समाज भी हमारा अपना ही है। लेकिन यहां पर पार्टी विशेष के लोगों ने उनके साथ मारपीट की है।

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