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मध्य प्रदेश में सरकारी अफसरों द्वारा हाईकोर्ट में अपील दायर करने में बरती जा रही लापरवाही पर अब सख्ती बढ़ रही है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया है कि बिना उचित अनुमति और विधिक सलाह के कोई भी अपील दायर न की जाए, अन्यथा संबंधित अधिकारी पर जुर्माना लगाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद जीएडी की नसीहत
हाल ही में मध्य प्रदेश के अफसरों को सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी झेलनी पड़ी थी। अब सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार के बाद अब जीएडी ने भी अधिकारियों को अनुशासन में रहने की हिदायत दी है।
सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को एक पत्र भेजा है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी अपील हाईकोर्ट में बिना अनुमति और उचित कारण के दायर न की जाए। यदि कोई अधिकारी ऐसा करता है, तो उस पर आर्थिक दंड लगाया जाएगा।
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जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश से सामने आई लापरवाही
मामला तब सामने आया जब जबलपुर हाईकोर्ट में दायर एक रिट अपील पर 22 जनवरी 2025 को आदेश पारित हुआ, जो शासन के संज्ञान में आया। आदेश के अनुसार, एक विभाग के उपसचिव ने बिना अनुमति और विधिक सलाह के रिट अपील दायर कर दी थी। महाधिवक्ता कार्यालय और विधि विभाग ने इस अपील को लेकर कोई अभिमत नहीं दिया था, फिर भी इसे कोर्ट में पेश कर दिया गया।
हाईकोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी अपील को दायर करने से पहले महाधिवक्ता कार्यालय और विधि विभाग की अनुमति आवश्यक है। साथ ही कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि अधिकारियों को निर्णय लेने से पहले विवेक और कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।
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अवमानना के मामलों से घिर रहे अफसर
जीएडी के अनुसार, हाईकोर्ट के आदेशों का समय पर पालन नहीं करने और अपील में देरी की वजह से कई मामलों में अवमानना याचिकाएं दायर की जा रही हैं।
- कई विभागों की लापरवाही के चलते मुख्य सचिव और जीएडी के अधिकारियों को प्रतिवादी बनाया जा रहा है, जबकि ये मामले सीधे संबंधित विभागों से जुड़े होते हैं।
- हाईकोर्ट लगातार अवमानना मामलों में सख्ती दिखा रहा है और अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश दे रहा है।
- जल्दबाजी में लिए गए निर्णयों का असर सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर भी पड़ता है और इससे अप्रत्याशित आर्थिक भार बढ़ता है।
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जीएडी ने सभी विभागों को दिए स्पष्ट निर्देश
इस स्थिति से निपटने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को चेतावनी दी है कि भविष्य में कोर्ट से जुड़े मामलों में कोई भी अपील दायर करने से पहले नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए।
- हाईकोर्ट में अपील दायर करने से पहले महाधिवक्ता कार्यालय और विधि विभाग की मंजूरी आवश्यक होगी।
- यदि किसी अधिकारी ने बिना अनुमति के अपील दायर की, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना लगाया जाएगा।
- सरकार पहले से लंबित अवमानना प्रकरणों को खत्म करने की दिशा में काम कर रही है, इसलिए नए मामले दर्ज न हों, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।
- कानूनी प्रक्रिया का पालन न करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
- समय पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों को जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि शासन को अनावश्यक आर्थिक और प्रशासनिक बोझ से बचाया जा सके।
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