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मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) में शिक्षा और युवा नेतृत्व के क्षेत्र में एक नया कदम उठाया जा रहा है। अब राज्य के 110 स्कूलों में छात्र पंचायतें बनाई जाएंगी। यहां 9वीं से 12वीं तक के छात्र (students) सरपंच, सचिव और अन्य सदस्य के रूप में पंचायत की कार्यप्रणाली को समझेंगे और उसे संचालित करेंगे। यह कदम केंद्रीय सरकार की मॉडल यूथ ग्राम सभा योजना के तहत उठाया गया है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया (democratic process) के बारे में समझ विकसित करना है।
छात्रों को मिलेगा चुनावी अनुभव
यह योजना खास तौर पर छात्रों को पंचायत प्रणाली (panchayat system) की समझ और चुनावी प्रक्रिया (electoral process) में भाग लेने का अवसर प्रदान करेगी। एक महीने चुनावी माहौल (electoral environment) तैयार किया जाएगा। इसमें छात्र अपने उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकेंगे। यह चुनाव प्रक्रिया पोस्टर, भाषण और रैलियों के माध्यम से प्रचार के जरिए होगी। मतदान गुप्त मतदान (secret voting) पद्धति से होगा। वहीं, चुनावी परिणाम के बाद सरपंच और सचिव का चुनाव किया जाएगा।
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पहली बार ऐसी पहल
यह पहल देश में पहली बार हो रही है, जहां छात्र सरपंच, सचिव और ग्रामसभा सदस्य के रूप में पंचायत की कार्यप्रणाली को सीखेंगे और उसमें भाग लेंगे। इस परियोजना की शुरुआत देश के 55 जवाहर नवोदय विद्यालय (Jawahar Navodaya School) और 55 एकलव्य मॉडल स्कूलों (Ekalavya Model Residential Schools) से हो रही है। योजना का मकसद है कि छात्रों में तर्क, बहस (debate) और समस्या समाधान (problem-solving) कौशल (skills) का विकास हो। यह उन छात्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा जो सरकारी योजनाओं और ग्राम पंचायतों (village councils) के कामकाज में सक्रिय रूप से शामिल होने की इच्छा रखते हैं।
स्कूलों में बनेंगी पंचायतें वाली खबर को एक नजर में समझें...
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220 प्रशिक्षकों को किया जा रहा तैयार
इस कार्यक्रम के तहत जबलपुर (Jabalpur) के स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट (SIRD) में 220 प्रशिक्षकों (trainers) को तैयार किया जा रहा है। ये प्रशिक्षक विद्यार्थियों को ग्राम सभा की प्रक्रियाओं और पद्धतियों के बारे में गाइड करेंगे।
मॉडल यूथ ग्राम सभा के राज्य समन्वयक अभिषेक नागवंशी ने बताया कि पंचायती राज मंत्रालय (Ministry of Panchayati Raj) के निर्देशों के तहत मप्र के स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। इस प्रशिक्षण में शिक्षकों को बाल संसद (Bal Sabha) की तर्ज पर यूथ ग्राम सभा के संचालन की तकनीकें सिखाई जाएंगी, ताकि छात्र पंचायत व्यवस्था को बेहतर ढंग से समझ सकें।
नवीनतम शिक्षा नीति से प्रेरित पहल
यह योजना नई शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) की जड़ों पर आधारित है। इसमें छात्रों को प्रैक्टिकल और व्यावहारिक शिक्षा (practical education) प्रदान करने पर जोर दिया गया है। इससे छात्र न केवल शिक्षा बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भी सक्रिय भागीदारी (active participation) का अनुभव प्राप्त करेंगे, जो उनके व्यक्तित्व के विकास में सहायक होगा।